गलियों की धूल था में सतगुरु किशन पुरी ने मुझे हिरा बना दिया ,मेंरा मुकद्दर स्वार दिया ,, महंत अनंत पुरी गोस्वामी

श्री दुर्गा मंदिर मढी़ रायपुर में साहो मंगल धूमधाम के साथ मनाया गया प्रत्येक माह की तरह इस महा भी साहो मंगलवार को, भजन कीर्तन सत्संग का आयोजन किया गया रात्रि 8:00 बजे से 12:00 बजे तक कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा जी के चरणों में फूल अर्पण कर दीप प्रजवलित करके दुर्गा स्तुति से की गई इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सिंधी ब्राह्मण महाराज रायपुर के अध्यक्ष सोनू शर्मा महाराज ने अपने भजनों से ऐसा समां बांधा कि लोग मंत्र मुग्ध हो गए कई अन्य गायक भी आए जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज से मधुर आवाज से एक से बढ़कर एक गीत वह शानदार भजनों की प्रस्तुति दी जिसे सुनकर उपस्थित भक्तजन झूम उठे इस अवसर पर रायपुर के भाजपा व कांग्रेस के नगर निकाय के चुनाव में जो उम्मीदवार खड़े हैं वह भी पहुंचे मां के मंदिर में माथा टेका वह गुरु जी से आशीर्वाद लिया जैसा कि अन्य जगहों में देखा गया है कि जो नेता आता है तो उसकी आओ भगत ज्यादा होती है मान सम्मान इज्जत ज्यादा देते हैं और जिसकी सत्ता हो तो उसका तो गुणगान ज्यादा होता है पर यहां पर ऐसा नहीं था सब एक समान थे दोनों पार्टी के उम्मीदवार आए दोनों को बराबर मान सम्मान गुरुजी के द्वारा दिया गया वह दोनों ने बैठकर भजन कीर्तन और सत्संग का आनंद लिया एक गीत के बोल याद आ रहे हैं सच्चा है तू सच्ची है तेरी दरबार ओ माता रानीए यह भजन चंचल शर्मा ने गया था और यह गीत के बोल आज इस दरबार में देखकर नजरा, बिल्कुल सही उतरते हैं


सच्ची है माता की दरबार
सच्चे हैं संत, बहुत कम ऐसे आज के समय में संत मिलते हैं जो अपने लिए नहीं सनातन धर्म के लिए जीते हो जो आने वाले साथ संगत के लिए जीते हो और सबसे बड़ी बात है सच बोलते हैं सबके सामने बोलते हैं ऐसे संत विरले लोगों को ही मिलते हैं और वीरले ही लोग होते हैं जो ऐसी दरबार में पहुंचते हैं और संतों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं हम भी बड़े भाग्यशाली हैं जो हमें भी मौका मिला दरबार में पहुंचने का वह हाजिरी लगाने का संत का आशीर्वाद लेने का अब वह घड़ी आ गई जिसका सबको इंतजार था सतगुरु महंत आनंतपुरी गोस्वामी जी की अमृतवाणी का रसपान करने का पर उससे पहले भक्तों ने आग्रह किया कि एक भजन हम गुरु की अमृतवाणी से सुनना चाहते हैं और कहते हैं कि भगवान भक्तों के वश में होते है
इस तरह सतगुरु मंहत आनंतपुरी गोस्वामी जी भी अपने भक्तों के इस बात को नकार ना सके वह स्वीकार किया पर तबीयत ठीक नहीं थी फिर भी उन्होंने एक भजन गया और यह भजन दिल से गया ,जो भजन में सच्चाई थी अपनापन था प्यार था त्याग था बलिदान था और सबसे बड़ा प्रेम था जिसके बोल हैं

(गलियों की धूल था मैं मुझे मेरे सतगुरु किशन पुरी गोस्वामी ने हीरा बना दिया)

दिल को छूने वाला वह आंखों से आंसू बहाने वाला यह भजन सुनकर कई भक्तों की आंखों से आंसू आ गए वाक्यी में इसके बोल दिल को छू गए वह जिसने गया उसकी तो महिमा ही अलग है वह खुद भी अपने आंसू रोक नहीं सके, भजन ही ऐसा था,
अब समय था अमृतवाणी का गुरुजी ने अपनी अमृतवाणी में सबसे पहले सनातन धर्म की जय हो हिंगलाज माता की जय हो के गोंस के साथ आरंभ किया उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अगर प्रगति करनी है आगे बढ़ाना है तो सबसे पहले एक होना बहुत जरूरी है मनमुटाव है तो चलेगा पर उसे बातों को दिल से नालगाए समाज के हित में सब एक हो जाए और अपनी संस्कृति अपनी भाषा को अगर अभी हम लोगों ने नहीं बचाया तो आने वाला समय बड़ा विकराल रूप लेगा जिसकी शुरुआत हो चुकी है हमारे कई बच्चे युवा अपनी मातृभाषा में बात नहीं करते हैं अब दुनिया के किसी भी स्कूल में कॉलेज में आपको सभी भाषाएं सीखने को बोलने को मिल जाएगी पर अपनी मातृभाषा सिंधी आपको अपने घर में ही सीखने को मिलेगी तो इसलिए घर के सभी बड़े बुजुर्गों से वह मातओ से बहनों से भाइयों से यही कहना चाहेंगे कि अपने बच्चों से सिंधी में बात करें और जब भी हम समाज के अगर लोग दो मिलते हैं महिलाएं मिलती हैं भाई मिलते हैं तो अपनी मातृ भाषा में ही बात करें और हम सनातन धर्म के अनुयाई हैं

(हमारे इष्ट देव भगवान भोलेनाथ हैं हमारे आराध्य देव भगवान झूलेलाल है हमारी कुलदेवी हिंगलाज माता है)

यह ज्ञान और यह बातें हर छोटे से लेकर बड़े तक समाज के लोगों को पता होनी चाहिए और हर घर और दुकान में अपनी कुलदेवी हिंगलाज माता वह हमारे आराध्य देव झूलेलाल जी का फोटो जरूर होना चाहिए साथ में हमारे इष्ट देव भोलेनाथ का भी होना चाहिए इन तीनों के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है कहते हैं ना जड़ मजबूत होगी तो पेड़ भी हरा भरा रहेगा और एक हर भरा पेड़🌳 ही सब को खुशहाल रख सकता है 🍎🍊🍌🍉🍇🍒🍍फल 🌺🌻🌹🌷फूल दे सकता है छांव दे सकता है ऑक्सीजन दे सकता है तो इसका तात्पर्य यह है कि जब आप अपनी जड़ को अपनी संस्कृति को अपनी भाषा को अपने धर्म को जानेंगे पहचानेंगे वह उस पर अमल करेंगे उसे मजबूत करेंगे तभी आने वाली पीढ़ी भी तरक्की करेगी और मजबूत बनेगी जब-जब धर्म कमजोर हुआ है तब तक तबाही हुई है और धर्म कब कमजोर होता है जब अपने ही लोग अपने ही धर्म को छोड़कर अन्य पंथो में बट जाते हैं तो दुख तकलीफ परेशानी अपने आप ही शुरू हो जाती है आदि अनादि काल से धर्म सिर्फ एक ही है और एक ही रहेगा वह है सनातन धर्म इसलिए अपने धर्म की रक्षा के लिए भगवान अवतार लेंगे कि नहीं लेंगे यह तो बाद की बात है पर भगवान ने हमें बुद्धि दी है शक्ति दी है बल दिया है ज्ञान दिया है इसलिए दिया है कि हम खुद अपनी रक्षा कर सके और समय की कदर करें एक बार बीता हुआ समय दोबारा वापस नहीं आएगा और जब आप समय की कद्र नहीं करेंगे तो समय भी आपको भूल जाएगा कहीं पर भी जाए कोई भी कार्यक्रम आयोजन करें तो समय का विशेष ध्यान रखें जिस तरह आपका समय कीमती है तो सामने वाले का समय भी कीमती है समय से कार्य सब संपन्न होंगे तो इसमें सबका ही भला होगा माया के पीछे मत भागो इसमें कुछ हासिल होने वाला नहीं है सुबह से लेकर शाम तक सिफ्र माया के पीछे भागते हो धन दौलत के पीछे भागते हो खाना पीना छोड़ देते हो घर का ध्यान नहीं है सिर्फ पैसा ही पैसा चाहिए जिस पैसे को कमाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हो सब कुछ छोड़ देते हो इसका असर यह होता है पैसा तो आप कमा लेते हो पर शरीर आपका साथ नहीं देता और फिर आप शरीर को ठीक करने के लिए इस पैसे को खर्च करते हो पर वापस वैसा शरीर आपको नहीं मिल पाएगा जीवन के लिए पैसा जरूरी है पैसे का सदुपयोग होना चाहिए दुरुपयोग नहीं,होना चाहिए, और पैसा धर्म के कार्यों में खर्च होना चाहिए अधर्म के कार्यों में नहीं अन्याय के कार्यों में नहीं पैसा कमाए पर शरीर को घर को समाज को धर्म को देखकर सबको समय देकर,


अगर एक बार इस माया के जाल में फंस जाओगे 84 लाख तक घूमते रहोगे इसलिए इस माया के जाल में फंसना नहीं है अपने आप को भजन कीर्तन भक्ति सिमरन व सेवा के कार्यों में लगाए ताकि यह जीवन के साथ-साथ आने वाला जीवन भी आपका संवर जाए और दिखावा बिल्कुल ना करें सबसे बड़ी सेवा अपने घर में बड़े लोग,बिमार लोग है तो उन्हें अगर आप समय पर खाना खिलाएंगे पानी देंगे और अगर बीमार है तो उनका दावा देंगे तो उससे बड़ा पुण्य का काम और कोई नहीं है उनको छोड़कर तकलीफ में आप अगर किसी , दरबार में या अन्य जगह में जाते हैं और सेवा करते हैं तो उसका कोई मोल नहीं है और हमारे यहां भी आने की जरूरत नहीं है पहले घर की सेवा करें बड़े बुजुर्गों की सेवा करें उसके बाद समय मिले तो आप यहां के सेवा करें उनको दुखी कर के यहां सेवा करने की कोई जरूरत नहीं है वह खुश रहेंगे तभी आपको सच्चा सुख मिलेगा और सेवा का फल मिलेगा यह छोटी-छोटी बातों को अगर समझ जाएंगे तो आपका यह जीवन संवर जाएगा कार्यक्रम के आखिर में पल्लो पाया गया
विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई
प्रयागराज में चल रहे, कुंभ मेले में विगत दिनों जो दर्दनाक घटना हुई थी जिसमें कई सनातनी ,भाई-बहन बड़े बुजुर्ग जो इस घटना में चल बसे जिनका स्वर्गवास हो गया उन पुण्य आत्माओं को भगवान अपने चरणों में स्थान दें वह उनके परिवार वालों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें इसके लिए भगवान से 2 मिनट का मोन रखकर रखकर प्रार्थना की आखिर में प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए माता का प्रसाद आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया वह अपने आत्मा को अपने शरीर को तृप्त किया इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में दुर्गा माता मंदिर मढी़ के सभी सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा इस कार्यक्रम को कवंर करने के लिए बिलासपुर से हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष तौर पर रायपुर पहुंचे और कार्यक्रम को कवर किया,एंव गुरु जी आशीर्वाद लिया