सिंधी समाज के पंडित यश शर्मा को कब मिलेगा न्याय, समाज के मुखी व समाजसेवी चुप क्यों है?

विजय की कलम

( संपादकीय)

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तेलीबांधा की यह सच्ची घटना है जैसा कि हमें सूत्रों से जानकारी मिली है और सोशल मीडिया के माध्यम से अभी इस मुद्दे पर काफी सारी बहस और चर्चा चल रही है वैसे तो अब रायपुर महानगर बन गया है क्राइम की बहुत सारी घटनाएं  आए दिन घट रही हैं पर इस घटना में ऐसा क्या है कि हमें सोचने के लिए और यह सब लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा, पहली बात तो यह घटना एक सिंधी समाज के ब्राह्मण की है और सिंधी समाज ही नहीं हम सभी सनातनी ब्राह्मणों को बड़ा ही मान सम्मान और  इज्जत सम्मान  देते है समाज के सभी महत्वपूर्ण देव पूजन संबंधी कार्य के लिए ब्राह्मणों को बड़ा ही महत्व दिया जाता है और  इन्हीं ब्राह्मणों के द्वारा हमारे निज जीवन के सभी पूजन सम्बन्धी कार्य जो जनम से लेके मृत्यु तक के कार्य बड़ी ही विधी विधान से संपन्न करवाई जाती है इस लिए उन्हें सर्व समाज ओर सिंधी समाज द्वारा बड़ा ही पूजनीय माना जाता है ऐसे ही एक ब्राह्मण परिवार के एक युवक जिनका नाम यश शर्मा है जिन्हें उन्हीं के मोहल्ले के ही चार युवकों  द्वारा  दो दिन तक शहर के एक निजी फार्म हाउस में रख कर अत्यंत ही प्रताड़ित करके मारा जाता है और  जब देखा कि अब यह मरने वाला है तो बिच सड़क में उन्हें फेंक कर वे सभी अपराधी नौ दो ग्यारह हो गए यह घटना लगभग 50 दिन पहले की है सूत्रों से मिली जानकारी घटना रात्रि के समय की है तेलीबांधा में अपने मोहल्ले में ही   यश शर्मा घूमने निकले थे तब वहीं के चार सिंधी  समाज के  युवक आए और यश शर्मा से उनके मित्र के बारे में पूछताछ करने लगे और उसको फोन करके बुलाने पर जोर डालने लगे, तब यश ने उनसे कहा कि मेरे मित्र से क्या काम है तब उन्होंने यश के मित्र के साथ हुए किसी निजी वाद विवाद की बात कही और उसके साथ मारपीट करने की बात कही यह सब देखते हुए यश ने दोस्ती का धर्म निभाते हुए उसने अपने दोस्त को फोन नहीं किया नहीं बुलाया । उन चार लोगों ने उस बात को नजर अंदाज करते हुए यश को अपने साथ ही घूमने ओर पार्टी पर साथ चलने के लिए कहा। बहला फुसला कर यश को शहर के एक निजी फार्म हाउस में ले गए जहां पर नशा किया गया शराब पि गई ओर अन्य नशा किया गया उसके बाद फिर से उन चार लोगों ने जो आरोपी हैं यश को कहा कि अब फोन कर और अपने मित्र को यहां बोलो आएगा वरना हम अब तुझे नहीं छोड़ेंगे यश ने कहा  मैं अपने मित्र को नहीं बुलाऊंगा तब उन चार आरोपियों ने यश को रस्सी से बांधकर  बहुत टॉर्चर किया गया, ओर उनकी बात नहीं मानने पर उसके मित्र का सारा गुस्सा यश शर्मा  पर निकालते हुए उनके साथ बहुत जायेती कि गई, बंधक बना कर मार पिट की गई जिसके कारण यश की पेट की अंतड़िया तक फट गई और उनके हाथ पैर को सिगरेट से भी जलाया गया जो बड़ा ही निंदनीय है।अभी तक आपने ऐसी घटना ऐसी कहानी फिल्मों में देखी होगी किताबों में पढ़ी होगी पर रियल लाइफ में यह घटना कहानी रायपुर के तेलीबांधा कि है दो दिन तक उसे टॉर्चर किया गया जब देखा गया कि अब इसकी हालत बहुत खराब हो गई है नाजुक हो गई है तो उसे ,शहर की निजी फार्म हाउस से निकाल कर सड़क पर फेंक कर रफू चक्कर हो गए जब घटना की जानकारी परिवार को मिली तब उसे रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां पर उसे 50 दिन हो गए हैं उसकी हालत खराब है दवा से ज्यादा दुआ की जरूरत है यश के पिता गुजर गए हैं माता उसे छोड़कर चली गई है वह चाची और दादी के साथ रहता है यश की उम्र लगभग 22 से 23 साल है वह पुरोहिती का कार्य करते है शादी विवाह में पूजा पाठ कार्य करते है और इसी से वह अपने परिवार का पालन पोषण करते है अपने घर के एक मात्र साहारा है और ब्राह्मण समाज के एक युवा है आज वह 50 दिन से अस्पताल में अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे  है और उनको देखने के लिए सिंधी समाज के  न कोई मुखी लोग पहुंचे और ना ही कोई अन्य व्यक्ति इनकी मदद के लिए आगे आया है।बड़े शर्म की बात है सिंधी समाज के वही लोग जिनके यहां यश शर्मा और उनका परिवार पूजा पाठ करवाते आय है वहीं सिंधी समाज के लोगों ने अभी तक अपने पूज्य ब्राह्मण परिवार का हाल तक जानना जरूरी नहीं समझा और न ही किसी ने मदद करने की कोशिश तक ही की।
कहा जा रहा हैं कि आरोपियों को बचाने के लिए बड़े पैसे वाले और राजनीतिक रसुख रखने वाले समाज के लोग ही हैं जो आरोपियों को बचा रहे हैं जीसके कारण पुलिस भी आरोपियों को पकड़ नहीं पा रही है या पकड़ना नहीं चाह रही है बार बार पुलिस प्रशासन के चक्कर लगा कर थक चुके परिवार के लिए रायपुर के ही एक समाजसेवी ने जीसका नाम है मोनू आहूजा इस घटना को सोशल मीडिया के माध्यम से जगह-जगह तक पहुंचाया और लोगों को जागृत करने की कोशिश की वह यश शर्मा को नया दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है जैसे ही इस बात की जानकारी लिल्ली चौक में स्थित माँ दुर्गा मंदिर मंढ़ी के संत जी महंत श्री अनंतपुरी गोस्वामी जी को मिली तो उन्होंने धर्मसभा के संयोजक श्री नीलकंठ त्रिपाठी जी और सिंधी समाज रायपुर के उपाध्यक्ष श्री सोनू दिलीप शर्मा जी के साथ अस्पताल में पहुंचकर यश शर्मा जी से मुलाकात की और घटना की सारी जानकारी भी ली और कानून व्यवस्था ओर उनके न्याय पर भरोसा रखने का आश्वासन भी दिया,यश शर्मा से बातचीत की और डॉक्टर से इसके बारे में चर्चा की  वै पहले ऐसे संत थे जो हॉस्पिटल में पहुंचकर यश शर्मा से मुलाकात की ,
इतनी बड़ी घटना घटने के बाद भी समाज के मुखियाओं के कानों में जूं तक नहीं रेंगी जो थोड़ी-थोड़ी बातों पर सड़कों पर आ जाते हैं ग्रुपों में बहस करते हैं और इतनी बड़ी घटना घटने के बाद भी चुप्पी साधे बैठे है आखिर क्यों?
क्या वह ब्राह्मण लड़का गरीब है इसलिए?
और आरोपी पैसे वाले हैं इसलिए?
सब ने चुप्पी साध ली है यह लड़ाई अमीरी  और गरीबी की हो गई है पर याद रखें अत्याचारी, अधर्मी कितना ही बड़ा क्यों ना हो उसे अपने कर्मों की सजा जरूर मिलती है जब भगवान राम जी ने रावण को मारने के बाद भी ब्राह्मण हत्या का दोष से बचने के लिए न जाने कितने ही यज्ञ पूजन किया तो इन आम इंसान को अपराधियों को इनके परिवार को और चुप बैठे समाज के लोगों को किए गए एक ब्राह्मण के ऊपर अपराध के लिए कैसे माफी मिल पाएगी और अपराधी तो वो भी होता है जो ऐसे अपराधियों का साथ देता है भले आज कानून व्यवस्था आज इस अपराध के लिए चुप्पी साधे हुए है पर इन आरोपियों को भी और उनका साथ देने वाले अपराधियों को अपने कर्मों की सजा जरूर मिलेगी पर समाज के जो ज्ञानवान बुद्धिमान समाजसेवी मुखी जन शांत बैठे हैं और यश शर्मा को न्याय दिलाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं और यही बात किसी प्रबुद्ध ओर धनाढ्य परिवार ओर रसूखदार परिवार की होती तो सारे समाज के लोग सांत्वना देने ओर अपनी हाजरी लगाने के लिए वहां जरूर जाते।उन्हें एक बात याद रखनी चाहिए इस कुर्सी में बैठने का आपको कोई अधिकार नहीं है जब आप किसी के साथ न्याय नहीं कर सकते हैं अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते हैं तो आपको कुर्सी में बैठने का कोई अधिकार नहीं है समाज के एक युवा ब्राह्मण के साथ ऐसी घटना घटी है और सब मोन सादे बैठे हैं 👵 बढा़ ताज्जुब होता है मुझे यह सब देखकर कि आज भी ऐसे लोग हमारे समाज में हैं,
जब अपने ही घर में यह हाल है दूसरों को क्या बोलेंगे ,
तभी तो दूसरे लोग ईन बातो का  फायदा उठाते हैं ,
फिर हम किस मुंह से चुनाव में पार्टी से टिकट मांगते हैं फिर  किस मुंह से आप मंदिर के लिए भवन के लिए सरकार से जमीन मांग रहे हैं जब अपने समाज के ब्राह्मण को न्याय नहीं दिला पाते हैं  तो औरों  को न्याय क्या दिलाएंगे ?
एक तरफ आप रायपुर की सड़कों पर तक्ति लेकर बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते हो पर अपने ही समाज के  एक ब्राह्मण युवा साथी के साथ समाज के कुछ  आज सामाजिक तत्व लोग अन्याय कर रहे हैं और उस पर आप चुप हो क्यों?
यह डोंग यह दिखवा बंद करें यह फोटो खिंचवाना ओर बड़ी बड़ी बातें करना , आपको शोभा नहीं देती है  ओर इससे बड़ी ताजुब की बात  क्या हो सकती है जिस समाज से महाराज यश शर्मा आते हैं वह सब ब्राह्मण बंधु भी चुप हैं साधु समाज भी चुप हैं क्यों?
इंतजार कर रहे हैं  की ऐसी  घटना  आपके परिवार के साथ भी घटे तब आप अपनी  चुप्पी तोड़ेंगे तब आप बोलेंगे तब आप आगे आएंगे याद रखना इतिहास कभी आपको माफ नहीं करेगा चार किताब धर्म की पढ़ने से कुछ नहीं होता जब आप धर्म की राह पर चल नहीं रहे हो तो आप जैसे समाज के लोगों को
पूजा पाठ करने का भी अधिकार नहीं होना चाहिए?
, हमर संगवारी की तरफ मैं अस्पताल पहुंचा और उस युवा को देखा बहुत दुख हुआ आंखों से आंसू आ गए कि ऐसा भी दिन आएगा और मुझे देखना पड़ेगा अपने समाज में कभी सोचा नहीं था जहां मुझे पहले गर्व होता था कि मैं सिंधी हूं आज मुझे शर्म आती है कि मैं सिंधी हूं
और ऐसे लोगों के कारण मुझे शर्म आती है वरना मेरा समाज मेरा धर्म सर्वश्रेष्ठ है, अब देखना यह है यश शर्मा को न्याय  कब मिल पाएगा आरोपी कोअपनी  असली   जगह में कब पहुंच पाएंगे,?
क्या यश  मोंत से लड़कर जीत कर वापस  अपने घर 🏡 आएगा ?
या  हॉस्पिटल में ही दम तोड़ देगा और इस सब का जिम्मेदार कौन है वह चार आरोपी या समाज के बड़े-बड़े पदों में बैठे लोग इसका जवाब आम जनता को देना होगा?

भवदीय
विजय दुसेजा