बिलासपुर :- सावन माह में कहते हैं यह एक माह भक्ति सिमरन दान पुण्य और पूजा कर्म का माना जाता है भगवान भोलेनाथ की भक्ति में पूरा देश डूबा पड़ा है हर जगह हर गली मोहल्ला में पूजा पाठ कथा चल रही है इसी अवसर पर बिलासपुर की नगरी में भी श्री राम कथा का आयोजन सिंधु भवन तोरवा बिलासपुर में किया गया है

26 जुलाई से 3 अगस्त तक जिसका आज छठवें दिन श्री राम कथा में व्यास पिठ से स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज के द्वारा अपने अमृतवाणी से भक्तों को राम कथा का रसपान कराया आज का कथा का जो प्रसंग था वह भगवान रामचंद्र जी अयोध्या से वनवास के लिए वन यात्रा के लिए निकले बीच में सबसे पहले तमसा नदी पार की जो अयोध्या से 20 किलोमीटर दूर थी इसके बाद उन्होंने गोमती नदी को पार किया और श्रृंगवेरपुर पहुंचे जहां पर गंगा नदी थी यहां से केवट ने उन्हें गंगा पार कराई पर केवट बहुत सीधा साधा था जब वह पहुंचा अपने नव के पास और देखा राम जी भ्राता लक्ष्मण और माता सीता के साथ आए हैं और उन्हें नदी पार करने के लिए कह रहे हैं तो वह घबरा गया क्योंकि वह पहले से सुन चुका था कि भगवान रामचंद्र जी बहुत बड़े देवता हैं और उनके चरणों को छूने से पत्थर भी नारी बन जाती है

तो वह घबरा गया था उन्होंने कहा वह नदी तो पर करवायागा पहले आपके पांव को धोएगा उनके पांव को धोकर चरण स्पर्श करके उन्हें गंगा नदी को पार करवाया, फिर उन्होंने यमुना नदी को संगम के पास पार किया वनवास के दौरान रामचंद्र जी ने दंड कारणय के घने जंगलों में भी समय बिताया जो उस समय मध्य प्रदेश में था और वर्तमान में छत्तीसगढ़ में है उन जंगलों में उन्होंने समय बताया फिर वहां से पंचवटी में निवास किया जो कि महाराष्ट्र के नासिक शहर में है उस समय वह जंगल था
जिस तरह बगैर नाविक के आप नदी पार नहीं कर सकते हैं उसी तरह राम के नाम के बिना आप यह भवसागर पार नहीं कर सकते हैं, रामायण सिर्फ भगवान श्री राम की एक कथा नहीं है बल्कि संपूर्ण जीवन का सत्य है धर्म व अधर्म की परिभाषा को बताया गया है सच्चाई और अच्छाई की जीत का यह जीता जागता ग्रंथ है यह कोई मामूली ग्रंथ नहीं है अगर रामायण के एक-एक वाक्य को आप ध्यान से सुनेंगे और अपने जीवन में उतारेंगे तो आपका यह जन्म तो संवर जाएगा साथ-साथ सात जन्मों तक आपको पार लगा देगा
इसका एक-एक प्रसंग भक्ति भाव प्रेम और त्याग से भरा है

कथा शाम 4:00 बजे आरंभ हुई 7:00 बजे समापन हुआ उसके बाद रामधुनी की गई हनुमान चालीसा का पाठ किया गया आरती की गई प्रसाद वितरण किया गया आज के इस पूरी कथा को सफल बनाने में आयोजक समिति अष्टभुजी राम कथा समिति पूज्य सिंधी पंचायत तोरवा पूज्य सिंधी सेट्रल पंचायत के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा जिनमें प्रमुख है डॉक्टर संतोष गेमनानी ,मोती गंगवानी ,डॉक्टर ललित मखीजा, संतोष मोर्य नीरज गेमनानी , मेघा मखीजा दिनेश जोतवानी एवं अन्य कई सदस्यों का विशेष सहयोग रहा ,

हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा विशेष तौर पर आज राम कथा में पहुंचे वह कथा का रसपान किया वं
संत जी से आशीर्वाद मिला