जेल से निकले ठग अब भगवा चोले में — तंत्र-मंत्र के नाम पर ठगी का नया साम्राज्य

कभी अधिकारी-पत्रकार तो कभी तांत्रिक बनकर डराते भोले-भाले लोग, करते मोटी उगाही — पुराने आपराधिक मामले भी दर्ज

सरगुजा संभाग-

सरगुजा संभाग में एक ठगी गिरोह फिर सक्रिय हो चुका है। जेल की हवा खा चुके ये पुराने अपराधी अब भगवा चोला ओढ़कर ‘तंत्र-मंत्र’ और ‘चमत्कार’ के नाम पर भोले-भाले लोगों की जेबें खाली कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह किसी बड़े धार्मिक संगठन में जुड़कर अपनी पहचान को वैधता देने की कोशिश कर रहा है। धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेकर ये खुद को आध्यात्मिक साधक और भक्तों का रक्षक बताकर आम जनता का भरोसा जीतते हैं — और फिर उसी भरोसे को हथियार बनाकर ठगी का खेल खेलते हैं।


धार्मिक संगठन की आड़ में ठगी का धंधा

सूत्र बताते हैं कि गिरोह के ये सदस्य धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, ताकि लोग इन्हें सच्चा और भरोसेमंद समझें। यही वजह है कि कई लोग इनके झांसे में फंस जाते हैं और तंत्र-मंत्र के नाम पर मोटी रकम इनकी झोली में डाल देते हैं।


पुराना आपराधिक इतिहास, नया वेश

पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि इस गिरोह के खिलाफ पहले से ही धोखाधड़ी, धमकी और ठगी के गंभीर मामले दर्ज हैं। जेल से बाहर आने के बाद इन्होंने अपने रूप-रंग में बदलाव किया और भगवा चोला पहन धार्मिक व्यक्तित्व का नकाब ओढ़ लिया, ताकि अपनी असली पहचान छुपा सकें।


तंत्र-मंत्र का डर दिखाकर वसूली

ये लोग गांव-गांव जाकर दावा करते हैं कि पीड़ित पर ‘भूत-प्रेत बाधा’ है या उसके जीवन में कोई बड़ा संकट आने वाला है। डर का माहौल बनाकर ये ‘उपचार’, ‘विशेष पूजा’ और ‘तांत्रिक अनुष्ठान’ के नाम पर हजारों-लाखों रुपये ऐंठ लेते हैं।
इनकार करने वालों को जान से मारने, अनिष्ट करने या श्राप देने की धमकी तक दी जाती है।


पत्रकार बनकर भी करते हैं दबाव

ठगी का एक और तरीका है — फर्जी पत्रकार बनना। कभी ये प्रेस कार्ड लहराकर तो कभी मीडिया का नाम लेकर अधिकारियों और आम लोगों को धमकाते हैं। इससे सच्ची पत्रकारिता की साख को गहरा नुकसान पहुंचता है और असली पत्रकारों की छवि धूमिल होती है।


अधिकारियों और जनता को सतर्क रहने की जरूरत

धर्म और पत्रकारिता के नाम पर हो रही इस ठगी को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी होगी। पुलिस को ऐसे फर्जी तांत्रिकों और फर्जी पत्रकारों पर नजर रखनी चाहिए, ताकि भोले-भाले लोग इनके चंगुल से बच सकें।


डरें नहीं, लड़ें — ठगों को उजागर करें

तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के नाम पर डराने वाले ऐसे अपराधियों से डरने की बजाय, पीड़ित पक्ष को चाहिए कि वे साहस के साथ सामने आकर शिकायत दर्ज करवाएं।
कानून तभी सख्ती से कार्रवाई कर सकता है, जब लोग इनके खिलाफ खुलकर बोलें।

अगर एक भी व्यक्ति हिम्मत करके आवाज उठाता है, तो दर्जनों लोग इनके शिकार बनने से बच सकते हैं।
याद रखें — चुप्पी अपराधियों की ताकत है, और आपकी आवाज़ समाज की रक्षा।