भोपाल समेत मध्य प्रदेश में 15000 संवेदनशील लोकेशन
जियोग्राफिकल कॉर्डिनेट्स की फीडिंग में गड़बड़ी
प्रदेश की पुलिस अधीक्षकों ने मंगवाई थी 15000 सेंसिटिव पॉइंट की जानकारी
गलत लोकेशन से कॉलर को मदद पहुंचाने में FRV चयन में देरी
सॉफ्टवेयर आधारित सिस्टम ही सर्च करता है कॉलर के आसपास कौन सी FRV
आपात स्थिति में मदद पहुंचाने वाली इमरजेंसी सेवा डायल 112 सही लोकेशन ने नहीं पहुंचती
लगातार शिकायतों के बाद पुलिस की रेडियो शाखा ने गड़बड़ी को सुधारने की प्रक्रिया शुरू की
रेडियो शाखा का कहना है, की नया सिस्टम में नई चुनौतियां भी आती हैं
लोकेशन सुधार कर 112 इमरजेंसी सिस्टम को और बेहतर बना रहे हैं