चकरभाटा : चेट्रीचंड्र भगवान झूलेलाल जी का 1073 वा अवतरण दिवस श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9:00 बजे भगवान झूलेलाल ओर बाबा गुरमुखदास जी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराया गया नए वस्त्र धारण कराए गए आभूषण पहनाए गए विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर आरती की गई 11:00 बजे धवज वंदन किया गया और बहराणा साहब की अखंड ज्योत प्रज्वलित करके सत्संग कीर्तन आरंभ किया गया इस पावन अवसर पर पुष्कर राजस्थान से संत हनुमान साई जी विशेष रूप से मंदिर पहुंचे। बाबा गुरमुखदास सेवा समिति के द्वारा संत जी का आत्मीय व भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर भक्तजनों को दर्शन दिए व सत्संग कीर्तन कर सभी को निहाल किया अपनी अमृतवाणी में संत हनुमान साई जी ने कहा आज का दिन बड़ा पावन दिन है लोग एक दिन दिवाली मनाते हैं हम 2 दिन दिवाली मनाएंगे आज भी हमारे लिए दिवाली से बढ़कर दिन है, क्योंकि आज हमारे भगवान झूलेलाल जी का अवतरण दिवस है हिंदू धर्म की रक्षा के लिए व उद्धार के लिए कई भगवानों ने आकर यहां पर अवतार लिया पर साक्षात अवतार से पहले सारी संगत को दर्शन जिस भगवान ने दिया वह भगवान झूलेलाल थे और आप बड़े भाग्यशाली हैं की इस नगरी में निवास करते हैं और ऐसे संतों का आपको दर्शन व प्यार आशीर्वाद प्राप्त होता है, जैसा कि इस मंदिर का नाम है।
सिंधु अमरधाम आश्रम इसका अर्थ पूरे विस्तार से बताया और सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु घाटी की सभ्यता है भगवान झूलेलाल जी ने “क्यों अवतरण लिया आप सभी लोग जानते हैं जिस धर्म की रक्षा के लिए उन्हें अवतरण लिया था, क्या अब आप लोग उस धर्म पर कायम हो क्या उस धर्म की रक्षा कर रहे हो हिंदू धर्म की पहचान है जनेऊ तिलक और चोटी और हमारी सिंधी समाज की पहचान है बोली भाषा संस्कृति रहन-सहन पहनावा और भगवान झूलेलाल किसी भी घर और दुकान में चले जाइए अगर वहां भगवान झूलेलाल जी का फोटो है तो कोई भी आदमी समझ जाएगा यह सिंधी का घर है। आज सब से ज्यादा टैक्स जो देता है व्यापार में जो सहयोग करता है वह सिंधी समाज है संख्या बल में हम बहुत कम हैं सयोग देने में हम सबसे ज्यादा हैं वह हर कोई अपने ही धर्म में अपने ही समाज में सहयोग करता है और सिंधी समाज ही ऐसा है जो सभी धर्मों का सम्मान करता है वह सहयोग करता है हर विपदा में आगे आता है सहयोग के लिए इसके लिए हमें गर्व होना चाहिए पर कुछ खामी भी है जिसे आप लोगों को दूर करना है। वह अपनी अमृतवाणी में कई भक्ति भरे भजन गाए जी से सुनकर भक्त जन भाव विभोर हो गए संत लाल साई जी ने भी अपनी अमृतवाणी में सारी साध संगत को चेट्रीचंद्र की बधाइयां दी शुभकामनाएं दी और कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि इस साल लाखों की संख्या में देशभर में भगवान झूलेलाल जी की फोटो मूर्तियां घर और दुकानों में पहुंची हैं। निशुल्क वितरण की गई हैं। मेरा जो एक सपना था हर हर झूलेलाल घर घर झूलेलाल आगे बढ़ रहा है दौड़ रहा है। फोटो तो आपके घर दुकान में पहुंच गई। बस इतना काफी नहीं है आपको उसकी विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना भी करनी होगी भोग भी लगाना होगा जैसे आप अपने दुख तकलीफ अपने बड़ों को बताते हैं।
दोस्त यार को बताते हैं वह भगवान झूलेलाल को बताएं कष्ट दूर करने वाला वही है पालनहार वही है तारणहार वही है हमारा भगवान हमारा इष्ट देव वही है भगवान झूलेलाल चाहते तो मिरक शाह राजा का एक सेकंड में वध कर सकते थे पर उन्होंने उसका वध नहीं किया, बल्कि सुधरने का मौका दिया वह से सुधार कर सही रास्ते पर लेकर आए मिरग शाह बादशाह ने भी अपनी गलती को माना और सभी धर्मों का सम्मान करने लगा और सिंह सिंध में ही भगवान का मंदिर बनवाया। भगवान जल के अवतार हैं और जल शीतल और ठंडा होता है जब भी आप थक जाते हो जब प्यास लगती है। दो बूंद जल जैसे ही गले के अंदर जाता है तो कितनी मन को तन को शांति मिलती है सुकून मिलता है गर्मी में जब आप नहाते हो अपने शरीर में ठंडा पानी डालते हो तो कैसे सकून मिलता है उसी तरह जब आप भगवान को याद करोगे। झुलेलाल के पास जाकर बातें करोगे तब तो आपके दुख तकलीफ दूर हो जाएगी। जरूरत है एक कदम तुम को आगे आने के लिए उनको कहीं खोजने की जरूरत नहीं है, व तुम्हारे घर में है जल और जयोत उसकी पूजा अर्चना करो। सत्संग के आखिर में आरती की गई अरदास की गई पललो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तजनों ने भंडारा ग्रहण किया। ढोल बाजे के साथ बहराणा साहब को मंदिर से निकल तलाब पहुंचे विधि विधान के साथ बहराणा साहब का विसर्जन किया गया। वह अखंड ज्योत को तराया गया। शाम 5:00 बजे शोभायात्रा मंदिर से निकाली गई। जगह-जगह शोभायात्रा का आतिशबाजी फूलों की वर्षा के साथ स्वागत किया गया एक से बढ़कर एक झांकियां लोगों को प्यार एकता जागरूकता का संदेश देते हुए चल रही थी समाज के लोगों के द्वारा शरबत व खाद्य सामग्री के स्टाल लगाए गए थे संध्या 7:00 बजे शोभा यात्रा तलाब पहुंचे यहां पर महा आरती का आयोजन किया गया हजारों की संख्या में लोग पहुंचे वह महा आरती की, आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरुमुख दास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाठा के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।