आजकल देखने में आया है की हर साल कुछ ना कुछ नया और अजूबा हो रहा है जैसे कई तीज त्यौहार हम लोग दो-दो दिन मान रहे हैं अधिक मास आता है, फरवरी का महा 28 दिन का होता है तो कुछ बाद 29 दिन भी होता है कई सारी ऐसी बातें हैं जो संयोग बन जाती है
ऐसा ही संयोग 14 फरवरी 2024 को बना है जो एक ही दिन मैं
(बसंत पंचमी है,) वैलेंटाइन डे , माता-पिता पूजन दिवस, और ब्लैक डे है
बड़े आचार्य की बात है लोग भी सोच में पड़ गए हैं क्या करें कैसे करें क्या मनाए सबसे पहले बात करते बसंत पंचमी की यह दिन हिंदू धर्म को मानने वालो के लिए वह हिंदू धर्म के लोगों के लिए बड़ा ही शुभ है और खासकर जो विद्यार्थी हैं क्योंकि उस दिन कहा जाता है माता सरस्वती जी का अवतरण हुआ था और बसंत रितु आरंभ हुआ था मौसम में भी बदलाव होता है अलग-अलग रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं ठंडी ठंडी हवाएं चलती हैं सभी स्कूलों में वह संस्थाएं इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करती हैं करनी भी चाहिए ज्ञान की देवी है संगीत की देवी है कहते हैं
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आज के ही दिन होली के लिए डांग गाड़ी जाती है इसका महत्व अलग ही है दूसरा है (वैलेंटाइन डे)
कहां जाता है कि वैलेंटाइन को फांसी दी गई थी इसलिए उनकी याद में आज के दिन प्रेम दिवस के रूप में मनाया जाता है यह हमारे देश की घटना नहीं है विदेश की है पर शोशल मीडिया के माध्यम से आजकल हर कोई हर चीज त्यौहार बनाने लगा है किसी भी देश का हो उसे मतलब नहीं है खासकर युवा पीढ़ी इस और ज्यादा आकर्षित है और यह वैलेंटाइन डे यूवा पीढ़ी को ही अपनी और आकर्षित करता है और जिनकी उम्र 14 से लेकर 25 साल के बीच में है वैसे ज्यादा आकर्षित होते हैं वह मनाते हैं इसका कुछ समय पूर्व में कई हिंदू संगठनों ने विरोध भी किया था क्योंकि यह संस्कृति हमारी नहीं है और अगर आपको प्यार का दिन मानाना है तो भारत देश में प्रेम की अगर बात करेंगे वह मूरत खोजेगे तो बहुत मिल जाएंगी खासकर दो लोगों का नाम जरुर लिया जाएगा पहला है राधा और कृष्ण, दूसरा है मीरा और कृष्ण, लोग कहेंगे यह तो भगवान थे भगवान के रूप थे इंसानों में अगर कोई है तो बताएं तो उनमें भी बहुत सारे ऐसे जोड़े हैं जो प्रेम के प्रतीक हैं जेसे हीर और रांझा इसके ऊपर कई फिल्में भी बनी है सोनी महिवाल, बहुत सारे ऐसे हैं प्रेम के प्रतीक सबसे पहले जरूरी है यह समझना प्रेम आखिर है क्या और यह कैसे होता है और किससे होता है आज के जो युवा जिसे प्रेम कहते हैं वह प्रेम नहीं बल्कि आकर्षण है एक लड़के को लड़की ने देखा सुंदर लगी तो बोला मुझे प्यार हो गया है
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वह प्यार नहीं बल्कि आकर्षण है प्यार का मतलब सिर्फ यह नहीं है एक दूसरे को फूल देना फोन में घंटे बातें करना गिफ्ट देना साथ में घूमना फिरना ओर आखिर में शादी करना जो प्यार की परिभाषा आज के युवाओं में चल रही है उसे प्यार नहीं आकर्षण कहते हैं प्यार और प्रेम
अगर आपको सीखना है समझना है तो राधा कृष्ण मीरा और कृष्ण की कहानी को पढ़ें समझें देखें और अगर ना समझ में आए तो सबसे सरल तरीका है पिता पुत्र माता और पुत्र अपने घर में ही आपको प्रेम प्यार की परिभाषा मिल जाएगी हां उसका रूप अलग-अलग है पर आकर एक ही रहेगा पावर एक ही रहेगा ताकत एक ही रहेगी सच्चा प्रेम होगा तो खुद ही पता चल जाएगा उसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती है जैसे आप भक्ति करोगे जब आपकी भक्ति का घड़ा भर जाएगा तो आपकी सांसों के तार खुद ही प्रभु के सांसों से जुड़ जाएंगे आपको खुद ही प्रभु कण -कण में देखने को मिल जाएंगे प्रभु के नाम के बिना आप रह नहीं पाओगे वह है प्रेम
जैसे भक्त प्रहलाद ने विष्णु से किया था महावीर हनुमान प्रभु श्री राम से करते हैं
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और आज (माता-पिता )पूजन दिवस मनाया जा रहा है कुछ संगठनों ने इसे कुछ साल पूर्व आरंभ किया है ताकि हम अपनी संस्कृति से जुड़ सके वह अपनी जड़ों से मजबूत बने रहें बहुत अच्छी बात है माता-पिता से बड़ा कोई नहीं होता भगवान गुरु भी बाद में आते हैं पहले माता-पिता माता-पिता जीवन देते हैं वह जीवन से लेकर मरंण तक अगर उनके साथ चलती है तो वह जुड़े होते हैं हर दुख सुख में संग रहते हैं मां के चरणों में ही चारों धाम होते हैं वेद और पुराण होते हैं भगवान भी तरसते हैं मां की ममता ओर प्यार के लिए बड़े किस्मत वाले होते हैं जिनके माता-पिता आज जीवित हैं और अगर वह उनसे प्रेम करते हैं उनके संग रहते हैं तो बड़ी खुशी की बात है उनकी पूजा अर्चना सिर्फ आज नहीं बल्कि रोज करनी चाहिए ,
और चौथा है ( ब्लैक डे) इसका मतलब काला दिन, 14 फरवरी 2019 को एक दुखद घटना घटी थी जिसने पूरे देश को हिला दिया था जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने कायरों जेसी हरकत करते हुए आत्मघाती हमला किया था
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सी आर पीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया जिसमें 40 जवान शहीद हो गए इसलिए 14 फरवरी को ब्लैक डे मनाया जाता है अगर देखे तो आज चारों में से हमें बहुत शिक्षा मिलती है और हमें बसंत पंचमी माता-पिता पूजन दिवस मनाना चाहिए और ब्लैक डे के दिन अपने वीर शहीद जवानों को याद करना चाहिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए वैलेंटाइन डे हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है इसलिए इसे मेरे ख्याल से नई जनरेशन युवा पीढ़ी को नहीं मानना चाहिए और जैसे मैंने कहा भी है अगर प्यार का दिन मनाना है
तो बहुत सारे हैं आप उस दिन को चुन लीजिए पर आज जो प्यार के नाम पर हो रहा है वह प्यार नहीं है फूवडता है जिसे मैं तो उचित नहीं समझता हूं मैंने पहले भी कहा है प्यार की परिभाषा क्या है पहले समझे जाने फिर आगे बढ़े पर आज प्यार के नाम को बदनाम किया जा रहा है उसकी हत्या की जा रही है
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दैहिक शोषण किया जा रहा है इसे प्यार कदापित नहीं कह सकते हैं
सोशल मीडिया ने और कलयुग के प्रभाव ने आज के हमारे नए जेनरेशन की बुद्धि भ्रष्ट कर दी है उन्हें जगाने की जरूरत है सही राह पर लाने की जरूरत है और अपनी संस्कृति से जोड़ने की जरूरत है प्यार की मूरत प्यार की सूरत हमारे देश में बहुत है एक खोजोगे मिलेंगे हजार पर उस पर अमल भी करना होगा सत्य की राह पर चलना भी होगा तभी वह सच्चा प्यार कहलाएगा नहीं तो बेकार है