हाथरस में मारे गऐ भक्तों का जिम्मेदार कौन है ?

विजय की कलम





उत्तर प्रदेश के हाथरस में हाल ही में जो दर्दनाक घटना हुई जीसने देश भर के लोगों को झकझोड़ कर रख दिया इस घटना ने फिर से एक बार ढोंगी बाबाओ की पोल खोल कर रख दी, कितने भोले भाले मासूम लोग थे जिन्होंने अपनी जान गवा दी वह बेचारे सत्संग सुनने आए थे और  जिसे गुरु मानते थे उनके चरण स्पर्श करना चाहते थे पर उनके खास सेवादारों ने जैसा की चर्चा है उन्हें रोका जिसके कारण भगदड़ मची और यह दर्दनाक विचलित करने वाली घटना घटी जिसमें 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए कहते हैं न कि चाय से ज्यादा केटली गर्म होती है ठीक उसी प्रकार कहीं कहीं बाबाओं से अधिक रूतबा सेवादारी अपना प्रदर्शित  करते हैं. सबसे बड़ी शर्म की बात यह है कि इस घटना के बाद जब बाबा को पता चला तो उन्हें शर्म भी नहीं आई की जाकर  घटना स्थल पर पहुंचे व अपने भक्तों को तुरंत मेडिकल सुविधा मिले इसके लिए जाकर कार्य करते, उपाय करते पर उन्होंने ऐसा न करते हुए नौ दो ग्यारह हो जाना ही ठीक समझा इससे इस बात को बल मिलता है कि यह ढोंगी बाबा है सच्चा गुरु वही होता है जो अपने भक्त को दुख में छोड़कर नहीं जाता है बल्कि उसका साथ देता है और यह घटना तो उसके सत्संग में घटी थी जहाँ पर छोटे-छोटे बच्चे भी थे कई बुजुर्ग महिलाएं पुरुष भी थे ऐसा  महा पापी ही होगा वो व्यक्ति जो इतना सुनने के बाद भी घटना स्थल पर न पहुंचे अपने आप को गुरु और भगवान का अवतार कहलाने वाले ढोंगी व्यक्ति जिसका नाम है नारायण साकार, जैसा की चर्चा है बाबा रंगीन मिजाज के थे उसके कमरे में सिर्फ खूबसूरत लड़कियों को ही प्रवेश मिलता था बाहरी व्यक्तियों को अंदर प्रवेश वर्जित था और कार्यक्रम में फोटो वीडियो लेना पाबंदी थी और कहीं से भी वह बाबा नहीं दिखते थे बल्कि एक बड़े बिजनेस मेन दिखते थे हर किसी का अपना अपना पहनावा होता है इससे कोई हम गलत भी नहीं कह रहे हैं लेकिन जो उन्होंने घटनास्थल से भाग कर  प्रमाण दिया है वह गलत है आजकल ऐसे अधर्मी और ढोंगी बाबाओ की बाढ़ आ गई है जैसे सोशल मीडिया में आए दिन हजारों बाबा सत्संग कीर्तन करते रहते हैं अब उसमें कौन सच्चा है कौन झूठा है कौन अच्छा है कौन बूरा है यह तो भगवान ही जाने, ओर जब ऐसी घटना  होती  है तब पता चलता है ऐसे लोग  धर्म के नाम पर धंधा करते हैं और लोगों के विश्वास का खून करते हैं और यहां पर तो हकीकत में लोगों का खुन बहा है ,उनकी जान गई है प्रशासन और सरकार हाथ पर  हाथ धरे बैठी रहती है जब-जब ऐसी कोई घटना होती  है तब उनकी आंखें खुलती हैं और कमेटी  बनती हैं, जांच होती है और फिर सो जाती हैं क्योंकि मरने वाला उनका कोई सगा संबंधी नहीं होता है इसलिए उनको दर्द नहीं होता है चाहे वह देश का रक्षक हमारे वीर जवान हो चाहे देश के धरती पुत्र हमारे किसान हो , वह  जब दुखी परेशान होते हैं मरते हैं तब नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता  क्योंकि उनकी संतान  ना किसान है ओर ना जवान है ना ही ऐसी बड़ी घटनाओं में मरने वालों में शामिल होती हैं मरता तो सिर्फ गरीब आदमी है, मजदूर आदमी है और आम आदमी है इतिहास गवाह है जब भी ऐसी कोई घटना घटी हैं तब  कोई अरबपति, करोड़पति व्यक्ति नहीं मरा है बल्कि गरीब व्यक्ति ही हमेशा मरता है क्योंकि वह सभी पर जल्दी से विश्वास कर लेता है और कुछ पाने की लालसा में हर जगह पहुंच जाता है पर उसे क्या पता कि यहां पर मुझे मौत मिलेगी जिसे भगवान समझा वही शैतान निकलेगा , सरकार को चाहिए तुरंत उस बाबा की चल,अचल संपत्ति को जप्त करें और जितने व्यक्ति मारे गए हैं उन सब के परिवार वालो को उस बाबा कि संपत्ति को बेचकर सहायता राशि दे और घायलों को भी दे क्योंकि वह उस बाबा के सत्संग में आए थे और उसके भक्त  थे वह ढोंगी बाबा है इसलिए सरकार को यह कार्य करना चाहिए और सरकार ना करें तो देश की सर्वोच्च अदालत को इस बात पर संज्ञान लेना चाहिए तब ऐसे लोगों पर शिकंजा कसेगा और पता चलेगा कि गलत करने वालों का नतीजा क्या होता है जिस दौलत पर नाज है ,इतना घमंड है वह उससे छीन ली जाए और बेचारे जो लोग मारे गए हैं उनके परिवार  वालो को सहायता के रूप में दी जाए हर बार की तरह सिर्फ हाथी को छोड़कर उसकी  पूछ को ना पकड़ा जाए बल्कि इस घटना का जो मुख्य आरोपी है उसे भी पकड़ा जाए सिर्फ चैले चपाटी को पड़कर खाना पूर्ती न की जाए और जनता को भी समझना चाहिए, जागना चाहिए और इन ढोंगी बाबाओ के पीछे भागना बंद करें अगर सच्चा प्रेम है भगवान से तो अपने घर बैठे ही भगवान को पा सकते हैं जरूरत नहीं है किसी बाबाओं के पास  जाने की सच्चे मन से सिर्फ आप घर में ही बैठकर भगवान को पुकारेंगे श्रद्धा से ,प्रेम से तो आपके दुख दर्द दूर होंगे और कहीं जाना भी है तो जहां इतनी भीड़ हो वहां न जाए
सरकार से हम यही चाहेंगे कि आने वाले गुरु पूर्णिमा में ऐसी कोई भी देश में घटना ना घटे इसके लिए अभी से ही सभी धार्मिक स्थलों में धार्मिक संतो को बैठक करके उचित प्रबंध करने के दिशा निर्देश दिए जायें  कि वह अपने भक्तों को अपने फॉलोअर को रोके ,वह बोले की  उनके आश्रमों में ना आए अपने घर में  हि पूजा पाठ करें और जो आते हैं उनकी रक्षा के लिए सुरक्षा के लिए क्या-क्या उपाय किए गए हैं उसे पूरी जानकारी दी जाए ताकि आगे ऐसी कोई भी दर्दनाक घटना ना घटे

भवदीय
विजय दुसेजा