बच्चों को संस्कार देने के लिए हमें उन्हें संस्कृति से जोड़ना होगा – संत साई लाल दास जी

खंडवा।। श्री झूलेलाल समर्थ पैनल के तत्वावधान में सिंधी कॉलोनी स्थित प्राचीन श्री झूलेलाल मंदिर में चालिहा पर्व के दौरान मंगलवार को बिलासपुर चकरभाटा से पधारें सांई लालदास साहिब जी के मुखारविंद से भगवान श्री झूलेलाल जी की अमर कथा के माध्यम से अमृतवाणी वर्षा हुई। यह जानकारी देते हुए पैनल अध्यक्ष प्रदीप कोटवानी एवं प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि संत साईं जी व्दारा कार्यक्रम का आरम्भ सांई झूलेलाल जी की आरती से हुआ। तत्पश्चात तीरथधाम के भाई देवीदास, श्री झूलेलाल नवयुवक मंडल की ओर से मोहन दीवान, मनोहरलाल सबनानी, किशनचंद कोटवानी, किशोर लालवानी, अशोक मंगवानी, पिपलेश्वर भजन मंडली की ओर से गोवर्धनदास नेभनानी, किशोर मंगवानी, किशोर मोटवानी एवं नासिक से पधारे हरीश तलरेजा द्वारा संत श्री का शाल एवं मोतियों की मालाओं से स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। कथा में सांई लालदास साहिब जी ने उपस्थित श्रध्दालुओं पर अमृतवाणी वर्षा करते हैं कहा कि श्री झूलेलाल जी की अमर कथा के माध्यम से मैं उपस्थित जन समुदाय से आज यह कहना चाहूंगा कि अपने बच्चों को संस्कार देने का सबसे सही मार्ग है कि हम उन्हें अपनी संस्कृति और तीज त्योहारों से जोड़े।

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हमें अपना धर्म बचाना चाहिए शास्त्रों में भी कहा गया है कि जो धर्म की रक्षा करता है तो धर्म भी उसकी रक्षा करता है और इसीलिए हमने देश विभाजन के समय अपना धन, संपत्ति और सिंध को भी त्याग दिया था। किंतु अपना सनातन धर्म नहीं त्यागा। आज सिंधीजन धन प्राप्त कर धर्म को ना भूले हमें धर्म के कार्य कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाना चाहिए। बिना राम काज के हमें विश्राम नहीं करना चाहिए हमें भगवान श्री झूलेलाल के चरणों में समा जाना चाहिए यही इस अमर कथा का सार है। आयोजन के दौरान संगीतमय भजनों पर समाजजन जमकर झूमे। इस दौरान श्री झुलेलाल नवयुवक मंडल, पूज्य सिंधी पंचायत पदाधिकारियों के साथ प्रदीप कोटवानी, हरीश असवानी, राहूल गेलानी, रवि गिदवानी, विक्रम सहजवानी, कमलेश हिरानी, आशीष राजानी, सुनील, संजय सबनानी, रोहित आर्तवानी, दयाराम नेभनानी, धर्मेंद्र छुट्टानी, लालचंद आसवानी, श्री झूलेलाल समर्थ पैनल सदस्यों आदि सहित बड़ी संख्या में माता बहनें एवं समाजजन उपस्थित थे।