पवित्रता के धर्म की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण पर्व है रक्षाबंधन



अशुद्धि, अपवित्रता और अवगुणों से रक्षा करता है रक्षासूत्र – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा के हार्मनी हाल में मनाया गया आध्यात्मिक रक्षाबंधन

बिलासपुर टिकरापारा – रक्षाबंधन पावनता का बंधन है, यह केवल भाई और बहन तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा पवित्र धागा है जो हमें भगवान के प्रेम में बंधता है। वास्तव में संगम युग पर स्वयं परमात्मा आकर ही हम सबको श्रेष्ठ धर्म रूपी धारणा सिखलाते हैं। धर्म की रक्षा के लिए मन की शुद्धता स्वच्छता एवं अंदर बाहर की सफाई बहुत आवश्यक है।

यह बातें टिकरापारा स्थित प्रभु दर्शन भवन के हार्मनी हाल में आयोजित आध्यात्मिक रक्षाबंधन कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही।

आपने पर्व का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि तिलक आत्मिक  स्मृति का, रक्षा सूत्र अशुद्धि, अपवित्रता और अवगुणों से रक्षा का व मिठाई पुरानी बातों को भूल, सदा मीठे स्नेहयुक्त बोल का प्रतीक है।

दीदी ने संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू से दादी रतन मोहिनी जी का व क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर व रायपुर से दीदियों का रक्षाबंधन संदेश सुनाकर सभी को शुभकामनाएं दी।

माउंट आबू ज्ञान सरोवर से पधारे ब्रह्मा कुमार श्रीनिवास व ब्रह्मा कुमार श्याम भाई ने भी अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहर व ग्रामीण क्षेत्र से आये हुए संस्था के सदस्य उपस्थित रहे।