चेट्रीचंड्र के भगवान झूलेलाल ओर चालिहा महोत्सव के भगवान झूलेलाल क्या अलग अलग है ? जवाब दिजीए पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत बिलासपुर,?

विजय की कलम

(संपादकीय)





श्री झूलेलाल चालीहा महोत्सव का समापन 31 अगस्त को हुआ इन 40 दिनों में क्या प्रकाश ग्वालानी माथा टेकने आए,?
नहीं आऐ ?
जैसा की  सुत्रों से मिली जानकारी  कि  समापन के दिन निकली शोभायात्रा का सेंट्रल पंचायत द्वारा किसी भी जगह पर स्वागत नहीं किया गया.   क्यों ?
आखिर इतना अपमान  पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत  बिलासपुर के द्वारा झुलेलाल सांई का क्यों किया जा रहा हैं ?
इतना घमंड किस बात का है ? बाताओ समाज को , जबकि अन्य समाज या धर्म की जब कभी शोभायात्रा निकलती है तो कई बार देखा गया है पूज्य   सिंधी सेंट्रल पंचायत के तत्वाधान में उस शोभायात्रा का भव्य स्वागत सत्कार किया जाता है पर अपने ही  इष्ट देव,  अपने समाज के भगवान झूलेलाल कि शोभायात्रा चालिहा   का  स्वागत सत्कार  नहीं किया गया क्यों ?
सूत्रो से मिली जानकारी  कि  प्रकाश गवलानी  को  फोन द्वारा आमंत्रित किया गया था  एवं सूचना भी दी गई थी. वैसे भगवान के घर में आने के लिए किसी को मनाही नहीं है और न ही रोकना चाहिए  इन्सान की श्रद्वा और आस्था ही उसे प्रेरित करती है लेकिन इन्हें भगवान श्री झूलेलाल में आस्था नही है और न ही श्रद्वा व विश्वास है ?, क्योंकि ये शख़्स पहले ही श्री झूलेलाल भगवान की शोभा यात्रा को नासूर कह चुके हैं जिससे पूरा समाज इस बात से वाकिफ हैं. अब मेरा सवाल है जिस तरह चेट्रीचंड्र महोत्सव मनाया जाता है, अनेक झांकीया
निकाली जाती है, जगह-जगह स्वागत सत्कार किया जाता है ,अलग अलग  वार्ड पंचायत एवं समितियों के द्वारा, महिला विंग, सिंधी यूवा टीम  क्या वैसा ही कार्यक्रम, स्वागत  चालिहा महोत्सव में नहीं किया जा सकता है ? क्यों भेदभाव किया जा रहा है  ? क्या चेट्रीचंड्र के भगवान झूलेलाल और चालिहा महोत्सव के भगवान  झूलेलाल अलग अलग है ?  ऐसा भेद भाव क्यों ? किसके कहने पर किया जा रहा है ? बाताओ समाज को 
जबकि समिति के द्वारा कहा जाता है कि पूज्य सिंधी सेट्रल पंचायत, युवा विंग, महिला विंग , समस्त, वार्ड पंचायत के सहयोग से आयोजन हो रहा है पेपर में, बेनर में नाम भी दिया जाता है सुबह शाम पल्लव भी पाया जाता है   
फिर भी ऐसा असहयोग और भेदभावपूर्ण रवैया  क्यों ? जवाब दिजीए .
जबकि चेट्रीचंड्र महोत्सव 2 या 3 दिन मनाया जाता है और  चालिहा महोत्सव तो 40 दिन का है व्रत ,भक्ति, सिमरन, तपस्या के 40 दिन है अन्य शहरों में चालिहा महोत्सव सब मिलकर बड़े ही धूम धाम के साथ मनाते है फिर यहाँ पर ऐसा क्यों नहीं कर रहे हो ?
जवाब दिजीए समाज को.
किस बात कि कमी है ?
जब सेट्रल युवा विंग , डांडीया के लिए व क्रिकेट के आयोजन के लिए दो माह पहले बैठक करते हैं ,तैयारी करते हैं,  तो चालिहा महोत्सव के लिए क्यों नहीं करते हो ?  जवाब दिजीए समाज को.
यह सब दिखावा ढोंग बंद करो आपको झुलेलाल से प्यार नहीं है आपको पैसे से प्यार है?
सेंट्रल  पंचायत जब अपने लिए कार्यक्रम करती है तो आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी वार्ड के अध्यक्षगण को आमंत्रित करती है
तो चालिहा महोत्सव के लिए बैठक क्यों नहीं की गई ? चेट्रीचंड्र महोत्सव कि तरह चालिहा महोत्सव का स्वागत कियो नहीं किया गया ?
प्रकाश ग्वालानी  चेट्रीचंड्र महोत्सव कि शोभायात्रा में साथ में घुमते है और चालिहा महोत्सव कि शोभायात्रा में गायब रहते हैं क्यों ? जवाब दिजीए समाज को. ये नौटंकी ये ढोंग सब दिखाई देता है,
  अब बहुत हो गया इसे बंद  दिखावा, जब सिंधी युवक समिति चेट्रीचंड्र महोत्सव पर शोभायात्रा निकालती है तो आप कहते हो कोई भी इसका स्वागत न करें , जब  समाज के पत्रकार चालिहा महोत्सव को कवर करने आते हैं
तो समिति पर दबाव डाला जाता है कि इनको कवर करने मत दो उनको आने मत दो नहीं तो अगले साल सोचना पड़ेगा कि आपको धर्मशाला देनी है कि नहीं देनी है,?
ऐसा पाप पूरी दुनिया में यहीं हो रहा है और डूब मरना  चाहिए ,ऐसे पाखंडी लोगों को समाज में रहने का कोई हक नहीं है निकाल कर बाहर कर देना चाहिए.
फैसला अब जनता करे कि ऐसे लोगों को कैसे दंडित किया जाये?



भवदीय
विजय दुसेजा