बिलासपुर:- जहाँ एक ओर आज की युवा पीढ़ी अपने देश मे रहते हुवे भी अपनी सभ्यता और संस्कारों के विपरीत पाश्चात्य जीवन शैली तेजी से अपनाते हुवे अपनी दिनचर्या ब्यतीत कर रहे हैं ,वहीं USA में रहने वाली 10 वर्षीय कु.इरा अपनी दादी मां से मिलने भारत आई हुई हैं,और उनके समक्ष अपने जन्मदिवस को निराश्रित बुजुर्ग दादा दादियों के सानिध्य में मनाने की मंशा प्रकट करती हैं,जो मिसाल हैं ऐसे युवा पीढ़ी के लिए जो अपने ही देश मे रहकर भी अपने संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं ।
*बढ़ते कदम के लाभांडी स्थित आनंद आश्रम वृद्धाश्रम प्रभारी सुनील नारवानी जी के पास जब ये खबर आई कि भारतीय मूल के यू इस ए अटलांटा निवासी श्रीमती भानु श्रीनिवास सिस्टला जी की बेटी कु. इरा सिस्टला जो विदेश में पलने पढ़ने वाली बच्ची आश्रम निवासी बुजुर्ग दादा दादी के बीच अपना जन्मदिन मनाने अपनी दादी माँ अरुण पैरी उपासी के साथ आ रही हैं,तो पूरे आश्रम में खुशी की लहर दौड़ गई और उस बच्ची का बेसब्री से इंतजार होने लग गया ।*
मनुष्य जीविकोपार्जन के लिए दुनिया मे कहीं भी जाये,यदि वह संस्कारवान है तो अपनी मूल जड़ों से जुड़े रहता है और मानवीय मूल्यों को महत्व जरूर देता है ,ये साबित करने दिखाया है कु.इरा नें,जब उसने वृद्धाश्रम वासियों के बीच जाकर अपना जन्मदिन मनाया तब वहां निवासरत बुजुर्गों की खुशी देखते ही बनती थी,और उनके मुख से दुवाओं और आशीर्वचनों की झड़ी फुट पड़ी थी उस नन्ही परी के लिए ।
संस्था के मीडिया प्रभारी राजू झामनानी एवं प्रवक्ता सुंदर बजाज द्वारा सभी समाजजनों से अपील की गई कि आप अपना और अपने बच्चों का जन्मदिवस ,सालगिरह और अन्य खुशियों के अवसरों को ऐसे बुजुर्ग माता पिताओं के बीच आकर जरूर मनाएं,निश्चित रूप से उनकी दुवाओं और खुशियों से ईश्वर की खुशी जरूर हासिल हो सकती है ।