बिलासपुर:- आर्य समाज बहतराई रोड बिलासपुर के प्रधान आर्य रुपलाल चावला जी ने बताया, आर्यसमाज वैदिक संस्कार केंद्र का मुख्य उद्देश्य समाज का उपकार करना है अर्थात् शारिरीक, आत्मिक और सामाजिक उन्नती करना है। इसी उद्देश्य को लेकर घर-घर हवन सत्संग का कार्यक्रम रखा है। जिसमे पहला सत्संग आर्य सुनिल आहुजा के घर रखा गया। जिसमें आचार्य जयदेव शास्त्री जी ने वेद मंत्रों के द्वारा वैदिक यज्ञ करवाया, हवन में मुख्य यजमान सुनील आहूजा की बेटी खुशबू रही जिनका आज जन्मदिन था बेटी खुशबू को वैदिक रीति से जन्मदिन मना कर बहुत अच्छा लगा आहूजा परिवार में खुशी छाई हुई थी
सत्संग में आए हुए सभी महिला और पुरुषों ने बेटी खुशबू को फूलों की वर्षा करके आशीर्वाद दिया l उसके बाद आचार्य जी ने वैदिक पर्व के ऊपर व्याख्यान दिया उन्होंने बताया की विजयदशमी (दशहरा) हमारा बहुत प्राचीन पर्व है ,विजय पर्व है, शत्रु पर विजय पाना या बुराइयों पर विजय पाना दोनों ही शस्त्र और शास्त्र से होती है। शस्त्र से शत्रु पर विजय पाया जाता है और शास्त्र से बुराई पर, इसलिए शास्त्र और शस्त्र दोनों ही की जानकारी होना अनिवार्य है। शास्त्र से ज्यादा महत्वपूर्ण है शास्त्र की जानकारी अर्थात विद्या,मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जी ने वेद शास्त्रों को पड़ा था और अस्त्र-शस्त्र की विद्या गुरुकुल में सीखी थी तब उन्होंने उसी के बल पर रावण पर विजय पाईं थी। जीवन में बुराइयाँ अविधा (अज्ञानता) के कारण आती है इसलिए बुराई को दूर करने के लिए अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए, इसके लिये ऐसे वैदिक सत्संग घर -घर जरूरी है तभी बुराई पर अच्छाई की विजय होगी और घर स्वर्ग बनेगा,तब घर से समाज और समाज से राष्ट्र की उन्नती होगी ।इस साप्ताहिक सत्संग का मंच संचालन मन्त्री आर्य बसंत देवांगन जी ने किया सभी सदस्य गण उपस्थित रहे। आर्य देव यादव, आर्य आदर्श गुप्ता, आर्य किशन लाल, आर्य डॉक्टर प्रेमांकुर गुप्ता, आर्य सूरज कुमार वस्त्रकर, आर्य जितेंद्र पटेल, और भी अनेक आर्यगण सह परिवार उपस्थित रहे।