विजय दुसेजा/सम्पादकीय : पूज्य सिंधी पंचायत छत्तीसगढ़ की प्रथम कार्यकारिणी की बैठक रायपुर में आयोजित की गई और कम से कम 6 माह के बाद आयोजित की गई, एक माह पहले मैंने महेश भाई से बात की थी तो उन्होंने कहा था कि हम 17 नवंबर को बैठक आयोजित कर रहे हैं और जिसमें मैंने उनके सामने एक विषय भी रखा था उन्होंने कहा हम सब विषयों के साथ-साथ इस पर भी गंभीरता पूर्व विचार करेंगे और कहा कि आपका भी कहना सही है। पर उस विषय पर चर्चा हुई यह मुझे लगता नहीं है जैसा कि सूत्रों से जानकारी मिली कि वह उनकी खबरें मीडिया में चल रही है और यह सब देखते हुए समझते हुए एक ही बात समझ में आती है। या तो बात आई गई हो गई अथवा किनारे कर दी गई, ऐसे में ये कहवातें सामने आती है, (ढाक के तीन पात अथवा मेरी मुर्गी की एक टांग )
यह एक कहावत है जो यहां पर सिद्ध हो रही है प्रदेश के अनेक शहरों से पदाधिकारी सदस्य जन पहुंचे थे हमारे शहर बिलासपुर से भी गए थे बड़ी लंबी-लंबी ढींगे मार के आए हैं अपनी वाही-वाही खुद करके आए हैं ? अपनी पीठ खुद थप थपा के आए हैं? पर पूरा सच बता के नहीं आए हैं ? अधूरा सच भी झूठ के सामान होता है यह बात वे भूल गए हैं या बताना नहीं चाहते थे? नहीं तो बची खुची लुटिया भी डूब जाती,,,
जो बातें छनकर आ रही है उनमें से उन्होंने कहा है कि भगवान झूलेलाल और हिंगलाज माता का बड़ा मंदिर बनाएंगे भवन भी बनाएंगे और छत्तीसगढ़ शासन से 5 एकड़ जमीन की मांग करेंगे यह बात सुनकर एक तरफ खुशी भी हुई और दूसरी तरफ़ दुख भी हुआ,
खुशी इस बात की हुई कि भगवान झूलेलाल व हिंगलाज माता का मंदिर बनाएंगे,,,
व दुख इस बात का हुआ उसके लिए शासन से 5 एकड़ जमीन की मांग करेंगे जिस समाज को पुरुषार्थी समाज कहा जाता है जिसने हमेशा देना सीखा है क्या वह भगवान झूलेलाल व हिंगलाज माता के मंदिर के लिए जमीन शासन से मांग करेंगे ? शर्म आती है मुझे यह सब सुनकर क्या छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत या रायपुर के बड़े-बड़े लोगों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वह अपने इष्ट देव भगवान झूलेलाल और अपनी कुलदेवी हिंगलाज माता के मंदिर के लिए जमीन खरीद सके और मंदिर बना सके ? बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजन करने के लिए, पार्टी आयोजन करने के लिए, शराब मुर्गा खाने के लिए पैसा है पर अपने इष्ट देव और अपनी कुलदेवी माता के मंदिर के लिए पैसा नहीं है?
अरे जब डंके की चोट पर कहते कि यह काम हम अपने मेहनत के कमाए हुए पैसे से करेंगे ,और हम जमीन दान में देंगे या अपने पैसे से जमीन खरीदेंगे आपस में मिलकर समाज के लोग तो खुशी होती और गर्व होता छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के ऊपर किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं कहा ऐसा नहीं बोला .?
हर बार शासन से हम क्यों मांग करें ? क्या हम सक्षम नहीं है ? क्या छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत सक्षम नहीं है ?
क्या उसके पदाधिकारी सक्षम नहीं है ? या छत्तीसगढ़ के सिंधी समाज के लोग सक्षम नहीं है ?
अगर हैं तो फिर करके दिखाओ बार-बार शासन के आगे हाथ मत फैलाओ
अपना नहीं तो अपने कुल का नाम का बदनाम मत करो बल्कि उसे आगे बढ़ाओ गर्व से कहे कि आप इनकी संतान हो, आप सिंधी समाज के पुरुषार्थी लोग हो यह सुनना चाहता हूं मैं ना कि भिखारी की तरह शासन के आगे हाथ फैलाना यह न सुनना चाहता हूं ना देखना चाहता हूं,,
जो सच्चा सिंधी होगा वह कभी भी ऐसा नहीं चाहेगा आपकी पंचायत गरीब पंचायत नहीं है और वहां के लोग भी ज्यादा गरीब नहीं है
नहीं छत्तीसगढ़ में इतने गरीब हैं?
कि अपने भगवान का मंदिर बनाने के लिए शासन से जमीन ले या पैसा ले
कहते हैं ना अगर दिल में इच्छा हो ईमानदारी हो तो बड़े से बड़ा काम भी आसानी से हो सकता है और अगर दिल में ही इच्छा ना हो और मन भी सच्चा न हो और बेईमानी करनी हो तो छोटा से छोटा काम भी नहीं हो सकता है?
अरे आप कम से कम एक प्रस्ताव तो पास करते फिर आप देखते भगवान झूलेलाल ,हिंगलाज माता की कृपा से आपको जमीन 5 एकड़ क्या 10 एकड़ मिल जाती करोड़ों रुपए आपको दान में मिलते ,
आज भी मिलेंगे अगर आप सच्चे मन से , ईमानदारी से आगे बढ़ेंगे तो पैसे की कमी नहीं होगी बस जरूरत है इच्छा शक्ति की व ईमानदारी से कार्य करने की और पार्टियों से नगर निकाय में चुनाव में ज्यादा से ज्यादा टिकट मिले इसके लिए प्रयास करेंगे ,?
मैंने पहले भी कहा है एक बार पत्र हर पार्टी को दीजिए जो हमारे समाज के लोगों को टिकट दे जहां पर दे उसका समर्थन कीजिए और जहां पर ना दे वहां पर अपने प्रत्याशी स्वतंत्र उम्मीदवार खड़े कीजिए अपनी ताकत, शक्ति दिखाइए और कम से कम रायपुर में 10 पार्षद भी बना लिए तो महापौर सिंधी समाज का होगा और रायपुर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में आप ऐसा करके दिखा देंगे तो फिर पूरे छत्तीसगढ़ में शासन प्रशासन में समाज का दबदबा बन जाएगा जैसा कि मैंने पहले भी कहा था जरूरत है ईमानदारी की इच्छा शक्ति की और जब यह स्थिति आ जाएगी तो बड़े से बड़ा पहाड़ भी आप चढ़ जाओगे और तोड़ भी सकते हो इतनी शक्ति इतनी ताकत समाज के हर वर्ग में हर व्यक्ति में है क्योंकि हम उस जल देवता के वंशज है जिसके आगे पहाड़ भी नहीं टिकता तो चुनाव में यह लोग क्या टिकेंगे ? अपने लिए कुछ मत मांगना, अपने लिए कुछ मत करना समाज के लिए करना, समाज के लिए सोचना और निस्वार्थ भाव से कार्य करना जब यह सीख जाओगे तब आपको कोई और बात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी खुश😄 किस्मत हो आप की आपके यहां एक से एक बढकर संत महात्मा बैठे हैं और कुछ समझ में ना आए तो
(मां दुर्गा मंदिर मढ़ी वाले महंत गुरु जी के पास चले जाना मार्गदर्शन, ताकत, शक्ति आपको खुद मिल जाएगी,)
आपके मुखी ने देख लिया है फिर भी उसको समझ में नहीं आया है तो अब आगे बोलना व्यर्थ है, मैं फिर से एक बात कहूंगा पंचायत के समस्त पदाधिकारी व अध्यक्ष को हाथ फैलाने का कार्य न करें अगर आप नहीं कर सकते हो तो खुद पद से हट जाइए और जो बगैर शासन के मदद के यह कार्य कर सके उसे सत्ता में आने दीजिए ,उसे अध्यक्ष बना दीजिए ताकि वह यह कार्य करके अपने समाज का नाम पूरे भारत में ऊंचा कर सके,
(पैसो आहे पर दिल 💜❤ कोन्हें )
( दिल कर वडी॒ झूलण पांणही डिं॒दो, रख त ज्योतिन वारे ते पांणही झोल भरींदो …)
और एक सुझाव भी है अगली बार जब भी बैठक करें तो जो पुराने वरिष्ठ पत्रकार हैं समाज के जो विद्ववान हैं उन्हें भी बैठक में जरूर बुलाएं ताकि उनके भी सुझाव , विचार सुन सको और उस पर अमल करो तब बुलाना, नहीं तो मत बुलाना खाली सुनने के लिए,
(ताली बजाने के लिए बहुत मिल जाएंगे पर सच बताने के लिए वीरले ही मिलते हैं)
ईश्वर आप सबको सद्बुद्धि दे और समाज का भला करें जय झूलेलाल