खुद जियो औरों को भी जीने दो यही है दादा  साधु वासवानी का संदेश शुद्ध हार शाकाहार,,,

बिलासपुर:- दादा साधु वासवानी जी के 145  वे अवतरण”दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर इकाई के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए दादा के  अवतरण दिवस 25 नवंबर के पहले जागरूकता रैली निकाली जाती है जो बिलासपुर में भी कई अलग-अलग जगह से निकाली जाती है कभी चक्करभाटा से निकाली जाती है इस बार राम वैली में  निकाली गई दादा के जन्मदिन के अवसर पर स्कूलों में जाकर कॉलेज में जाकर पंपलेट के  माध्यम से लोगों को शाकाहार अपनाना चाहिए  वह  जैसा होगा अंन वैसा होगा मन का संदेश लोगों को दिया लोगों को जागृत किया और आज सुबह 9:00 बजे डॉ रमेश कलवानी के निवास स्थान से जागरूकता रैली निकाली गई उससे पहले  साधु वासवानी दादा जेपी वासवानी के फोटो पर पुष्प अर्पण  कर दीप प्रज्वलित करके रेली का शुभारंभ किया इस रैली में सबसे आगे सिंधु विद्या मंदिर भक्त कंवर रामनगर स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा हाथ में दादा का संदेश लिखा हुआ स्लोगन लिखा हुआ तख्ती लेकर चल रहे थे जिसमें लिखा हुआ था जैसा होगा अन्न वैसा होगा मन सुध हार शाकाहार लेकर आगे चल रहे थे उसके पीछे गाड़ी में सुंदर दादा का फोटो के साथ भक्तजन भजन कीर्तन गाते हुए और दादा का संदेश को सुनाते हुए चल रहे थे रैली का जगह-जगह आतीश बाजी के साथ फूलों की वर्षा के साथ स्वागत सत्कार किया गया इस रैली में शामिल होने के लिए
श्री झूलेलाल मंदिर झुलेलाल नगर  चक्करभाटा के संत सांई लाल दास जी विशेष रूप से पहुंचे और रैली में शामिल हुए  पेंड्रा  से भी संत जी आए और रैली में शामिल हुए रामा वैली का नगर  भ्रमण करते हुए रैली साधु वासवानी उद्यान में पहुंचकर समाप्त हुई इस अवसर पर संतलाल दास सांई जी ने अपनी अमृतवाणी में दादा के संदेश को घर-घर तक पहुंचे उसके बारे में उन्होंने कहा कि दादा का एक ही कहना था
कि सिर्फ जीव आत्मा इंसानों में नहीं जानवरों में भी होती है जीव जंतुओं में भी होती है फल फूल में भी होती है पौधों में भी होती है तो जिस चीज में जान होती है उसको ना मारना चाहिए ना तोड़ना चाहिए और भगवान ने हमें इंसान बनाया है ना कि हमें दानव बनाया है हम इंसान हैं तो हमारे लिए खाने के लिए बहुत सारे फल बहुत सारी सब्जियां मौजूद हैं इसे खाकर हम तंदुरुस्त भी रह सकते हैं और ज्यादा लंबी उम्र भी जी सकते हैं हमारे जो बड़े बुजुर्ग थे वह भी शाकाहारी थे  शाकाहारी भोजन ग्रहण करते थे बस जरूरत है लोगों को आज के दिन चर्चा में बदलाव करने की अगर आप दिन चर्चा में बदलाव करेंगे और समय पर उठगे व्यायाम करेंगे सुबह की ठंडी ताजी हवा बहुत शरीर के लिए अच्छी रहती है एक से एक फल फ्रूट है हरी हरी सब्जियां हैं इसे खाकर हम तंदुरुस्त रह सकते हैं किसी जानवर की हत्या करके उसका मांस खाना यह सनातन धर्म के लोगों के लिए अच्छी बात नहीं है इससे बड़ा महापाप और कोई नहीं है इसलिए जितना हो सके अगर आप हमेशा के लिए शाकाहारी बनते हैं तो बहुत बढ़िया अच्छी बात है और नहीं तो कम से कम दादा को उसके जन्मदिन पर गिफ्ट देना है 25 नवंबर के  दिन कोई भी मांस मटन का सेवन न करें पेंड्रा  आए  संत जी ने भी अपने अमृतवाणी में कहा कि हम जो मांस मटन सेवन करते हैं सिर्फ अपनी जुबान के लिए स्वाद के लिए करते हैं,
स्वाद के लिए किसी की हत्या करना किसी का मांस खाना यह हमारी संस्कृति नहीं है आज भी लोग 100 साल तक जिंदा रह रहे हैं कैसे रह रहे हैं कोई मांस मटन नहीं खा रहे हैं शुद्ध शाकाहारी भोजन खाते हैं और भक्ति सिमरन करते हैं टाइम से सोते हैं टाइम से उटते हैं शरीर को तंदुरुस्ती के लिए जरूरी नहीं है कि आप मांस मटन का सेवन न करें
प्रकृति ने बहुत सारी चीज दी हैं उनका सेवन करके आप शरीर को तंदुरुस्त स्वस्थ रख सकते हैं मांस मटन खाने से शरीर स्वस्थ नहीं होता है बल्कि और खराब होता है इसमें कई बीमारियों आपके शरीर के अंदर जन्म लेती हैं तो आप सिर्फ मांस नहीं खा रहे हैं बल्कि बीमारियों को जन्म भी दे रहे हैं इसलिए शाकाहारी बनिए और आज से  संकल्प ले कि हम मांस मटन का  सेवन नहीं करेंगे, आज के कार्यक्रम में शहर के जाने-माने मशहूर डॉक्टर नेत्र   विशेयज्ञ   ललित माखीजा भी रैली में शामिल हुए उन्होंने भी कहा कि शाकाहार अपनाने से जीवन की लाइफ  बढ़ जाती है और शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त भी रहता है बहुत सारी ऐसी सब्जियां हैं जिन्हें हम खाते नहीं हैं आज भी गांव में जाएंगे तो आपको ऐसी ऐसी सब्जियां मिलेगी जिन्हें हमने कभी देखा भी नहीं था सुना भी नहीं था तो शाकाहारियों में बहुत सारे ऐसे भी फल आते हैं फ्रूट आते हैं जिन्हें खाकर आप तंदुरुस्त रह सकते हैं और हमारे संत महात्मा जिन्होंने तो यहां तक बताया था कि कौन से टाइम में कौन से दिन में क्या फल खाना चाहिए कब दूध पीना चाहिए उन्हें जितना ज्ञान था उतना ज्ञान आजकल हमें भी नहीं है तो अब वह संत महात्मा तो आ नहीं सकते लेकिन जो उनके बताए हुए वचन है उनकी वाणी है उन पर अमल करके हम अपने जीवन को  स्वस्थ रख सकते हैं , कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई प्रसाद वितरण किया गया आये हुए सभी लोगों को स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी स्वल्पाहार सभी लोगों ने ग्रहण किया इस अवसर पर डॉ रमेश कलवानी एवं पूज्य सिंधी पंचायत रामा वैली के सभी सदस्यों के द्वारा संत सांई लाल दास जी डॉ ललित मुखीजा का शाल ओढाकर सम्मान किया फूल माला पहनाकर स्वागत किया आज के इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में दादा साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर इकाई के सभी सदस्यों  का सहयोग रहा एवं पूज्य सिंधी पंचायत रामा वेली के अध्यक्ष व सभी पदाधिकारी सदस्यों का भी विशेष सहयोग रहा जीनमे  प्रमुख है
डॉ रमेश कलवानी,सपना,नानक पंजवानी,चित्रा,राजेश कलवानी,राजकुमार कलवानी डॉ रौनक,डॉ अंकिता,डॉ अभिषेक,डॉ एकता, एडवोकेट कंचन,कबीर, श्रीमती
सरिता,आशा, रामा वैली की महिला मंडल की अध्यक्ष प्राचीभक्तिनी, सिम्मी भक्तिनी निशा चंदवानी,गीता,ज्योति,कीर्ति,छाया भाभी,मंजू भाभी, रीटा,भूमि,राव भाभी सुधा,कविता चावला,भारती ,कॉलोनी की अन्य बहने थी
राम वैली की पंचायत के अध्यक्ष राज छगनी,विजय सजनानी,चंदवानीजी, रामचंद प्रेमानी,सुरेश परवानी,राजकुमार चौधरी, घनश्याम बलेचा,चंदन आसवानी, किशन जी और भी राम वैली के सदस्यों ने उपस्थिति दी


भवदीय
विजय दूसेजा