बिलासपुर:- अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिंधु अमर धाम आश्रम झूलेलाल नगर चक्करभाटा के संत सतगुरु सांई लाल दास साहेब जी का दिव्य सत्संग समारोह का आयोजन पूज्य पंचायत भवन सिंधी कॉलोनी बिलासपुर में किया गया रात्रि 8 से 10 बजे सांई जी का आगमन जैसे ही सिंधी कॉलोनी में हुआ भक्तों के द्वारा सुंदर रथ में सांई जी को विराजमान करके बैंड बाजे के साथ
आतिशबाजी, व फूलों की वर्षा के साथ सांई जी
का स्वागत सत्कार किया गया महिला विंग के द्वारा आरती उतारी गई सत्संग की शुरूआत भगवान झूलेलाल जी के फोटो पर माला अर्पण कर दीप प्रजवलित करके की गई इस अवसर पर पूज्य सिंधी पंचायत भक्त कवंर राम नगर के पदाधिकारी झूलेलाल सेवा समिति के सदस्यों एवं सिंधु कल्चरल एलायंस फोरम के अध्यक्ष पदाधिकारी के द्वारा संत सांई लाल दास जी का फूलों की माला पहनाकर शाल ओढाकर स्वागत सत्कार किया गया महिला समिति के द्वारा भी शाल पहनाकर स्वागत किया गया संत श्री लाल दास जी के द्वारा भी सभी सदस्यों को शाल पहनाकर सम्मान किया गया जीनमे में प्रमुख थे डॉ हेमंत कलवानी नानक पंजवानी नरेंद्र नागदेव जगदीश जाग्यासी अजय टहलयानी अनील बजाज , सन्नी लाहोरानी सिंधी युवक समिति के अध्यक्ष मनीष लाहोरानी शामिल थे
सांई जी के द्वारा आए हुए पत्रकारों का भी शाल पहनाकर श्री फल देकर सम्मान किया गया,
जीनमे प्रमुख है विजय दुसेजा,अनील शुक्ला ,कमल दुसेजा, आलम,
रवि रूपवानी अनिल पंजवानी के द्वारा अपनी मधुर आवाज में कई भक्ति भरे भजन गाए जीसे सुनकर उपस्थित भक्तजन भाव विभोर हो गए वरुण सांई जी के द्वारा भी भगवान
( झूलेलाल का प्रिय 💕 भजन गया
चालीहो आयो आ झूलेलाल जो, )
अब वह घड़ी आ गई जिसका सभी को इंतजार था संत लाल दास जी के अमृतवाणी का श्री झूलेलाल चालिहा उत्सव 2 दिसंबर को आरंभ होगा उससे पूर्व इस साल का आखिरी सत्संग बिलासपुर में आयोजित किया गया सत्संग में सांई जी ने अपनी अमृतवाणी में सबसे पहले बागेश्वर धाम के पिताधिश्वर धीरज शास्त्री जी के द्वारा निकाली जा रही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए पदयात्रा में शामिल हुए वह उसके बारे में विस्तार से भक्तों को बताया कि किस तरह वहां के बागेश्वर धाम के संत जी ने प्रेम दिया और जो उनका उद्देश्य है
सफल हो हमारा भारत देश हिंदू राष्ट्र बने यही हम भगवान झूलेलाल से भी प्रार्थना करते हैं उन्होंने बताया कि वहां पर भी अपने प्रवचन में लाखों लोगों को संबोधित करते हुए सांई जी ने भी यही कहा
( जात-पात कि करो विदाई
हम हिंदू है आपस में भाई-भाई)
बंटवारे के बाद भारत देश में सबसे ज्यादा जो दुख तकलीफ सहन किया वह हिंदू एवं सिख समाज था वक़्त निकालता गया अब आज ऐसी घड़ी आ गई है कई राज्यों में हिंदू धर्म के लोग माने वाले अब अल्पसंख्यक हो गए हैं वहां पर अन्य धर्म की संख्या बहुत ज्यादा मात्रा में हो गई है इसके कारण हिंदुओं पर आए दिन अत्याचार होता है उनको प्रताड़ित किया जाता है पहले हिंदू पाकिस्तान में जो रह गए थे वहां पर आए दिन खबरें आते थी किस तरह वहां पर हिंदुओं का शोषण किया जाता है पता नहीं चल पाता था पर सोशल मीडिया के माध्यम से अब पल-पल की खबरें सभी तक पहुंच रही है और सबसे बड़ी घटना अभी जो घट रही है हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में जो बड़ी दुखदाई घटना है किस तरह हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है उनके दुकानों को जलाया जा रहा है लोगों को गलत आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है इस्कॉन के मंदिर के पंडित जी को भी गलत आरोप में पड़कर अरेस्ट किया गया शांति प्रिय हिंदुओं पर जुल्म किया जा रहा है यह सब देखते हुए अब बहुत जरूरी हो गया है कि हम सब हिंदू और जात-पात में ना बटे बल्कि एक रहे और सैफ रहे इसी उद्देश्य को लेकर बागेश्वर धाम के संत जी के द्वारा जो पदयात्रा निकाली जा रही है वह हम सब हिंदुओं को एक करने के लिए निकाली जा रही है ताकि हमारी संताने हमारा परिवार सेफ रहे और खुश रहे इसके लिए जरूरी है कि हम अब अपनी निंद्रा से जागे और पंथो में, जात-पांत में बटने की जगह सब एक हो जाए
(एक राम है एक कृष्ण है एक भगवान भोलेनाथ है एक झूलेलाल है)
और यही सब हमारे आराध्य हैं यही सब हमारे भगवान हैं जिस तरह रामायण काल में समुद्र लागने के लिए कोई तैयार नहीं था क्योंकि किसी को इतनी शक्ति नहीं थी पर हनुमान जी को शक्ति थी लेकिन वह अपनी शक्ति को भूल गए थे तब जामवंत जी ने हनुमान जी को उनकी शक्ति याद कराई और वह सात समुंदर पार करके लंका पहुंच गए और लंका को जलाकर माता-सिता का पता लगाकर राम जी के पास पहुंच कर पूरी बातें विस्तार से बताये इस तरह हम हिंदू भी अब सो गए हैं और अपनी शक्ति को भूल गए हैं अब हिंदुओं को जागना होगा अपनी शक्ति को पहचाना होगा हम किसी भी धर्म का विरोध नहीं कर रहे हैं हम किसी को गलत नहीं कह रहे हैं पर जो अत्याचार करेगा और हमारे ऊपर झुठा आरोप लागाऐगा या झुठा प्रचार करेगा,
तब हम अपनी रक्षा के लिए शस्त्र उठा भी सकते हैं और अपने देश की और अपनी संस्कृति की रक्षा करने के लिए आगे बढ़ेंगे,
आत्मरक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह जी ने भी शस्त्र उठाए थे हम किसी को यह नहीं कहते कि आपको शास्त्र उठाओ लेकिन इतना कहते हैं कि आप सब एक हो जाओ जब आप सब एक हो जाओगे तो किसी की हिम्मत नहीं होगी आपको कुछ तकलीफ पहुचाने कि या प्रताड़ित करने की एकता में ही ताकत व शक्ति है कुछ लोग फूट डालो राज करो की नीति जो अपना रहे हैं अब उन लोगों की भी विदाई करो अब हमें नहीं बटना है किसी भी जात-पात में सबको एक रहना है हम सनातन धर्म के मानने वाले लोग हैं सभी धर्म का सम्मान करते हैं पर कोई अगर जानबूझकर हमारे धर्म को क्षति पहुंचाने की कोशिश करेगा तो हम उसे माफ़ भी नहीं करेंगे जब अन्य देश अपने धर्म के आधार पर उन्हें पहचाना जाता है तो फिर भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने में क्या तकलीफ है
कहीं ऐसा ना हो कि आगे चलकर हम हिंदू अपने ही देश में अल्पसंख्यक ना हो जाए इसलिए अभी नहीं तो कभी नहीं खुद भी जागना है औरों को भी जगाना है और इस मुहिम को हर घर तक पहुंचना है संत जो तपस्या करते हैं मेहनत करते हैं वह अपने लिए नहीं समाज के लिए करते हैं धर्म की रक्षा के लिए करते हैं सत्संग के आखिर में चालीहा महोत्सव की महिमा बताई गई घाघर की महिमा बताई किस तरह 2 दिसंबर को घाघर जो व्यक्ति अपने घर में विराजमान करना चाहता है उसकी पूरी विधि विस्तार से सांई जी ने बताई एवं अपनी अमृतवाणी में भगवान झूलेलाल के भक्ति भरे भजन गाऐ जीसे सुनकर भक्तजन झूम उठे कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया वह अपनी आत्मा और शरीर को तृप्त किया इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के इस सत्संग का आनंद लिया इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में झूलेलाल सेवा समिति बिलासपुर बाबा गुरमुख दास सेवा समिति बिलासपुर के सभी सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा
भवदीय
विजय दुसेजा
