, 2028 में यह एशिया की सबसे लंबी टनल होगीजेड मोड़ टनल के आगे बन रही जोजिला टनल का काम 2028 में पूरा होगा। इसके तैयार होनेके बादही बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी।दोनों टनल के शुरू होने के बाद इसकी कुल लंबाई 12 केएम हो जाएगी। इसमें 2.15 किमी की सर्विस/लिंक रोड भी जुड़ जाएगी। इसके बाद यह एशिया का सबसे लंबी टनल बन जाएगी।फिलहाल हिमाचल प्रदेश में बनी अटल टनल एशिया की सबसे लंबी टनल है।इसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ती है।चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक सेना के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बर्फबारी के समय आर्मी पूरी तरह से एयरफोर्स पर निर्भर हो जाती है।दोनों टनल प्रोजेक्ट के पूरे होने से आर्मी कम खर्च में अपना सामान एलएसी तक पहुंचा सकेगी। साथ ही चीन बॉर्डर से पाकिस्तान बॉर्डर तक बटालियन मूव करने में भी आसानी होगी।पिछले साल मजदूरों पर आतंकी हमला भी हुआ था 20 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने टनल के कर्मचरियों पर हमला किया था। दो आतंकी गगनगीर में मजदूरों के कैंप में घुस गए और फायरिंग की थी। इस हमले में टनल का निर्माण कर रही इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के 6 मजदूरों सहित 7 लोग मारे गए थे। हमले में एक स्थानीय डॉक्टर की भी मौत हो गई थी।

साथियों बात अगर हम जम्मू कश्मीर में दुनियाँ के सबसे बड़े सबसे ऊंचे पुल चिनाब रेल ब्रिज की करें तो जम्मू- कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब रेल ब्रिज पर जल्द ही अब ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। बता दें कि इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर- श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है, अब उत्तर रेलवे दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल पर ट्रेन सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है।असली इंजीनियरिंग चमत्कार के रूप में वर्णित इस पुल के पार्श्व और मध्य भाग में 48 केबल हैं। इसके खंभे पर काम 2017 में शुरू हुआ था और यह संरचना अपनी नींव के स्तर से 191 मीटर ऊपर है।यह कौरी में चेनाब नदी पर बने प्रतिष्ठित आर्च ब्रिज के बाद दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो नदी तल से 359 मीटर ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है तथा पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। देश की सबसे महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट उधमपुर -श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक को लेकर काम जारी है। विश्व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिजकश्मीर में बन चुका है। अब जल्द ही इस पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा।
साथियों बात अगर हम पड़ोसी व विस्तारवादी देश के लिए यह चिंता का विषय होने की करें तो, चिनाब ब्रिज से पाकिस्तान और चीन की चिंता क्यों बढ़ी है? डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक चिनाब ब्रिज कश्मीर के अखनूर इलाके में बना है। जैसे नॉर्थ ईस्ट में सिलीगुड़ी कॉरिडोर को चिकन नेक कहा जाता है, जहां अगर चीन का कब्जा हो जाए तो देश दो हिस्सों में टूट सकता है। इसी तरह अखनूर इलाका कश्मीर का चिकन नेक है। इसीलिए इस इलाके में चिनाब ब्रिज का बनना भारत के लिए सामरिक तौर पर बेहद खास है। अब हर मौसम में सेना और आम लोग इस हिस्से में ट्रेन या दूसरे वाहनों से जा सकेंगे
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनियाँ के स्वर्ग कहे जाने वाले भारत क़े जम्मू कश्मीर में इंजीनियरिंग का चमत्कार – सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज तैयार,जम्मू कश्मीर से लिखी दुनियाँ को हैरान करने वाली गाथा – सोनमर्ग टनल व चिनाब रेल ब्रिज की अद्भुत इंजीनियरिंग पर दुनियाँ ने टेका माथा।सोनमर्ग टनल व दुनियाँ के सबसे बड़े रेल ब्रिज चिनाब से जम्मू कश्मीर में कनेक्टिविटी, सामाजिक, आर्थिक, वाणिज्यिक विकास होगा
-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास