
मस्तुरी क्षेत्र के 90 सरकारी राशन दुकानों में ग्रामीण हितग्राहियों के साथ होता रहा है भ्रष्टाचार
खाद्य निरीक्षक ललिता शर्मा, सहायक राजीव लोचन तिवारी व मजहर खान की कार्यप्रणाली की हो जांच
कई राशन दूकान संचालको से वसूली करने में वाहन चालक मजहर खान को है महारथ हासिल
बिलासपुर : मस्तुरी क्षेत्र की खाद्य निरीक्षक रही ललिता शर्मा के काले कारनामे लगातार सामने आ रहे है वैसे तो खाद्य निरीक्षक राशन दूकान के हितग्राहियों की शिकायत सुनकर सम्बंधित राशन दूकान संचालक की जांच पड़ताल तो करती थी मगर मोटी रकम का लेनदेन कर उसकी कार्यवाही को ठाडे बस्ते में डालकर अपना उल्लू सीधा करने में ज्यादा विश्वास रखती थी, सैकड़ो हितग्राहियों की शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं होने व भ्रष्ट राशन दूकान संचालको के खिलाफ पर्याप्त सबुत मिलने के बाद भी कार्यवाही नहीं करने को लेकर मीडिया ने भ्रष्टाचार उजागर किया, खबरों को संज्ञान लेते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने तत्काल कार्यवाही भी की मगर महज मुख्यालय अटैच कर देने से खाद्य निरीक्षक के कारनामो के दाग नहीं धुलेंगे बल्कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ ऍफ़आईआर की कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि यह कार्यवाही नजीर बने व अगली दफे भ्रष्टाचार करने से पहले अधिकारी अंजाम को समझ सके|
महिला खाद्य निरीक्षक ललिता शर्मा, सहायक खाद्य निरीक्षक राजीव लोचन तिवारी ने मजहर खान नामक दलाल को कई दर्जन राशन दुकान संचालको से वसूली करने का कार्य दे रखे थे,वैसे तो मजहर खान मैडम ललिता शर्मा का ड्राईवर बताया जाता हैं पर मजहर ड्राइविंग का स्टेयरिंग कम संभालते मगर मस्तूरी जनपद क्षेत्र के राशन दुकान संचालको से वसूली करने मे मास्टर थे| कुछ सरल व ईमानदार राशन दुकान संचालक शासन की योजना का लाभ हितग्राहियों को पहुचाते थे उन्हें भी इस मामले में फस जाओगे उस मामले में फस जाओगे कहकर धमकी देते थे जिससे भयभीत होकर संचालक भी हर माह वसूली देने मजबूर थे| हांलाकि कलेक्टर साहब बिलासपुर को कुछ ही राशन दुकानों की जानकारी पहुंची हैं लेकिन गोड़ाडीह, केवताडीह, चिल्हाटी, लिमतरा, बेदपरसदा, एरमशाही, रलिया,बोहरडीह,रिस्दा, मस्तूरी, और सुलौनी के अलावा और कई शासन के संचालित राशन दुकान हैं जिसका जाँच के नाम पर लेनदेन कर ललिता शर्मा एंड वसूली टीम द्वारा शिथिल किया गया हैं, जो बहुत ही महत्वपूर्ण विषय हैं |
यहां तक शिकायतकर्ता ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचते थे तो अधिकारी जांच के कड़ी आदेश देते थे लेकिन मैडम और वसूली टीम जांच मे आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करने के बजाए राशन के घोटालेबाज से लेनदेन कर उसे बचाने के पक्ष मे रिपोर्ट तैयार किया जाता था अगर सही मायने मे देखा जाए तो मैडम एंड वसूली टीम के खिलाफ भी एफआईर दर्ज की जाए क्योंकि सारे कारनामे इन्ही के संरक्षण मे हुआ है|