स्वदेशी मेरी पहचान स्वदेशी मेरा मान गर्व से कहो मैं भारतीय हूं

विजय की ✒कलम

बिलासपुर :- आज का दिन इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा इसके दो कारण है पहला अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाया गया जो की सही नहीं है एक मित्र देश होने के नाते साथ-साथ एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते भी यह उचित नहीं है जबकि इसका विरोध अमेरिका में भी हो रहा है और विश्व के कई देश इसका विरोध कर रहे हैं फिर भी ट्रंप अपनी जिद पर अड़े हैं और 50 प्रतिशत टैरिफ लगा ही दिया जो कि आज से अमेरिका पर आरंभ हो गया भारत से कोई भी वस्तु 🇺🇸 जाएगी उस पर 50% टेरीफ यानी शुल्क लिया जाएगा मान लिजीए कोई ₹100 की वस्तु है भारत में वह अमेरिका भेजते हैं और जिसमें ₹20 खर्च आता है तो ₹120 अमेरिका 🇺🇸 उस डीलर को पड़ेगा अब वही वास्तु 50% टैरीफ के साथ 170 रुपए उसे पड़ेगी वहां के लोगों को खरीदनी पड़ेगी ऐसे में भारत का ही नुकसान नहीं बल्कि अमेरिका के लोगों का भी नुकसान है और जो ट्रंप कुछ समय पूर्व भारत अमेरिका दोस्ती की मिसाल देते थे आज वही आतंकवादियों का अड्डा आतंकवादियों का पालन पोषण करने वाला देश पाकिस्तान को अपनी गोद में बैठाकर दूध पिला रहा है खाना खिला रहा है सिर्फ इसलिए कि भारत पर दबाव डाला जा सके कि वह रुस से कच्चा तेल खरीदना बंद करें जबकि सच्चाई कोसों दूर है रुस से सिर्फ तेल हम ही नहीं खरीद रहे हैं अमेरिका व विश्व के कई अन्य देश भी खरीद रहे हैं सबसे बड़ा खरीदार तो उसका चीन है और चीन पर अमेरिका मेहरबान है और बाकी देशों पर भी

(तेल तो एक बहाना है भारत पर 50% टैरिक लगाना है)

पूरे विश्व में यह झूठा प्रचार कर रहे हैं कि भारतीय कंपनियां रुस
से तेल खरीद रही है जिसका रुस फायदा उठा रहा है और उन पैसों से हथियार खरीद कर यूक्रेन पर लड़ाई कर रहा है जबकि यूक्रेन को इस युद्ध में डकेलने वाला सबसे बड़ा अगर कोई देश है तो अमेरिका है और दूसरा यूक्रेन का खुद का राष्ट्रपति जो दोनों ने अपने स्वार्थ के खातिर यूक्रेन की आज हालात बद से बत्तर कर दी है जब 🇺🇸अमेरिका को यूक्रेन को नाटो देश में शामिल नहीं करना था तो शुरू में बोल देते उसको जानबूझकर अटका के क्यों रखा उसको सपने क्यों दिखाएं और दूसरी बात यूक्रेन को जब रूस बार-बार समझा रहा था कि आप नाटो देश में जाने की जिध छोड़ दे तो हम आपको कुछ नहीं करेंगे तो वहां के राष्ट्रपति को यह बात समझ में नहीं आ रही थी अपने देश का अहित करके आज वह कौन सा मेडल पा लिया , आज अगर यूक्रेन नाटो देशों में शामिल भी हो जाते हैं तब भी क्या यूक्रेन की जो आज हालत है वह सुधर पाएगी क्या उसका खोया हुआ जो हिस्सा है रूस वापस करेगा यां जो उनके लोग मर गए हैं सैनिक और आम नागरिक क्या वह जीवित हो उठेंगे?
अभी भी वक्त है भारत से आकर बात करें कि वह रुस को समझाएं और बीच का रास्ता निकाल ले और जो बच्ची कुशी उसकी जमीन है वह भी बच जाएगी और जो और नुकसान होने वाला है वह भी नहीं होगा और वहां के लोग भी नहीं मरेंगे जो आज खंडर की स्थिति हो गई है कम से कम वह तो आगे नहीं होगी और यूक्रेन फिर से वापस पटरी पर आएगा और वहां के लोग फिर से अपनी खुशहाली जिंदगी जिएंगे सिर्फ मुंह जुबानी से काम नहीं चलेगा यूक्रेन के राष्ट्रपति को भारत आना पड़ेगा और यहां के प्रधानमंत्री को वह सभी नेताओं को रिक्वेस्ट करनी होगी उनको मानना होगा कि यूक्रेन की जनता की जान अब आपके हाथों में है अब आप कैसे भी करके रुस से हमारा समझौता करवाइए हम आपके समझौते पर अमल करेंगे अगर वैसा करते हैं तब यूक्रेन इस विषम लड़ाई से बच सकता है और भविष्य में उस पर दोबारा रुस हमला नहीं करेगा इसकी गारंटी भी भारत दे सकता है? अगर वह भारत के समझौते को मन लेगा तो?
भारत एक पक्षीय समझौता नहीं करवाएगा दोनों पक्षों से बातचीत करके समझ कर दोनों देशों के हित को और वहां की जनता की हित को देखकर ही समझौता करेगा?
अमेरिका के चक्कर में आकर अपने देश की हालत बद से बत्तर करने वाला यूक्रेन अगर अभी भी नहीं जागेगा तो उसे खत्म होने से यां गुलाम होने से कोई रोक नहीं सकता है?
और अमेरिका की जनता को अब समझ लेना चाहिए कि उसका राष्ट्रपति ट्रंप दिमागी तौर पर दिवालीया हो चुका है उसके दिमाग की हालत सही नहीं है इसलिए ऐसे राष्ट्रपति को तुरंत हटा देना चाहिए पद से और एक ईमानदार अच्छे और मेहंती किसी युवा को राष्ट्रपति बनना चाहिए?
जोकि अमेरिका की जनता का साथ-साथ विश्व के सभी देशों का मांन सम्मान करें वह सब का हित सामान समझे ना कि सिर्फ अपना पर्सनल हित समझे और किसी बिजनेसमैन को तो राष्ट्रपति बिल्कुल मत बनाइए क्योंकि वो बिजनेस ही करेगा और अपना सोचेगा ना देश का सोचेगा नहीं जनता की सोचेगा जैसा अभी अमेरिका में हो रहा है ट्रंप सिर्फ अपना सोच रहे हैं अपनी दोस्तों का अपने खानदान का वह अपनी कंपनियों का सोच रहे हैं नाम अमेरिका का लेकर हित अपना साध रहे हैं
ऐसे तानाशाह व दिवालीया पन वाले व्यक्ति को तुरंत राष्ट्रपति पद से हटा देना चाहिए या अमेरिका के साथ-साथ विश्व के लिए भी जरूरी है भारत का तो ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ेगा भारत सक्षम है इस टैरीफ से लड़ने के लिए और अपना माल विश्व के अन्य देशों में बेच सकता है और भारत कि जनता भी अब जाग चुकी है और अपना आत्म सम्मान किसमे है वह समझ चुकी है
अब वह लोकल फौर वोकल और स्वदेशी को अपनाएगी अपनी यहां की कंपनियों को और मजबूत बनाएगी यही का बना हुआ प्रोडक्ट माल सामान खरीदेगा ताकि यहां का पैसा यही रहे और हमारी कंपनियां और मजबूत बने ताकि कोई दूसरा देश हम पर हुकुम ना चला सके अब वक्त की पुकार भी यही है हमें इतिहास कि किताब📚 के पन्ने पीछे पलटने पड़ेंगे आजादी की लड़ाई में भी गांधी जी ने अंग्रेजी वस्त्रो का त्याग किया था वह देसी अपनाने के लिए कहा था खादी के कपड़े पहनने के लिए कहा था आज वक्त की पुकार फिर वही हमें ले आई है कि फिर से हम एक बार अंग्रेजी प्रोडक्ट विदेशी सामानों का बहिष्कार करें वह स्वदेशी सामानों का और स्वदेशी कंपनी में बने हुए वस्त्र व अन्य प्रोडक्टों का इस्तेमाल करें किसी भी दुकानदार से सामान लेने से पहले यह जरूर पूछे कि स्वदेशी है या विदेशी कंपनी का प्रोडक्ट है अगर स्वदेशी है तो खरीदे अगर विदेशी कंपनी का है तो न खरीदे और सभी व्यापारियों को भी चाहिए कि वह स्वदेशी कंपनियों से बने हे प्रोटेक्ट सामान को बेचे,
थोड़े से मुनाफे के कारण अपने देश का अहित न करें आप अपने देश में बना हुई प्रोटेक्ट सामान बेचे और विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट का बहिष्कार करें
सरकारों को भी चाहिए कि अपने देश में जो कंपनियां हैं उनको भी थोड़ा छूट दे ताकि वह विदेशी कंपनियों से लड़ सके वह कम रेट में अच्छा प्रोडक्ट अपने लोगों को पहुंचा सके और सिर्फ केंद्र सरकारी नहीं बल्कि राज्य सरकार व सभी नगर निकाय को भी चाहिए कि वह व्यापारियों को अपने-अपने स्तर पर छूट दे ताकि अधिक से अधिक स्वदेशी सामानों की बिक्री हो सके और जनता उसे खरीद सके जीएसटी में भी सरकार स्वदेशी प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा टैक्स मे छूट दे और कम टैक्स लगाए

आज से हम अभी से ही यह वादा करते हैं और शपथ लेते हैं कि हम विदेशों में बने हुए प्रोडक्ट को नहीं खरीदेंगे स्वदेशी सामान को ही अपनाएंगे और स्वदेशी ही समान प्रोडक्ट को हम व्यापारी लोग बचेंगे और आम जनता भी अपने तिज त्यौहार जो आरंभ हो चुके हैं उसमें कोई भी सामान स्वदेशी ही खरीदेगा आज का दिन गणेश चतुर्थी का दिन है हम विघटन हरता, भगवान श्री गणेश को अपने-अपने घरों में ला रहे हैं और चौक चौराहा में विधि विधान से उनकी स्थापना करेंगे उन्हें बताएंगे तो भगवान श्री गणेश हमारे विघटन को हरेंगे हमारे संकट को दूर करेंगे

और गर्व से कहो कि हम स्वदेशी वास्तु प्रोटेक्ट समान ही खरीदेंगे स्वदेशी को ही अपनाएंगे और हम सच्चे भारतवासी हैं यह दुनिया को बताएंगे

जय छत्तीसगढ़ जय भारत मां

संपादकीय