बिलासपुर प्रेस क्लब का चुनाव रद्द हुआ /,क्या अब इसी तर्ज पर पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत बिलासपुर का भी चुनाव रद्द होगा ?

विजय की ✒कलम

बिलासपुर;- जिस तरह 45 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा और इतिहास बना बिलासपुर प्रेस क्लब चुनाव 2025 रद्द हुआ क्यों हुआ ? क्योंकि संविधान के खिलाफ जाकर चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराई गई ? जबकि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार बाकायदा बार-बार शिकायत कर रहे हैं, चुनाव अधिकारियों से निवेदन कर रहे हैं ,आवेदन दे रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है ? एक तरफा सत्ता पक्ष में फैसला करते हुए चुनाव अधिकारियों ने चुनाव संपन्न कराया,? पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने पहले ही पंजीयन ऑफिस में अपना शिकायत आवेदन जमा कर दिया था? देर सवेर ही सही पर न्याय मिला और दो माह के बाद कार्रवाई करते हुए निष्पक्ष फैसला आया बिलासपुर प्रेस क्लब चुनाव 2025 को रद्द किया गया और फिर से चुनाव कराया जाएगा शासन के सक्षम चुनाव अधिकारी के नेतृत्व में यह बहुत ही सराहनीय और जनहित में लिया गया फैसला है जिससे सभी पत्रकार भाइयों ने सहरना की है व शासन की प्रशंसा की है

कि उन्होंने ईमानदारी से नियम से फैसला सुनाया अब लगभग ऐसा ही वाक्या पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत चुनाव बिलासपुर में भी हुआ था लगभग 3 माह पूर्व उसमें भी इसी तरह चुनाव के पूर्व लड़ने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव अधिकारी से निवेदन किया, ज्ञापन सौपा कि निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए और चुनाव में गड़बड़ी न हो और संविधान के अनुसार ही चुनाव कराया जाए तथा सभी प्रत्याशियों को प्रचार करने का बाकायदा 10 से 15 दिन का उचित समय दिया जाए और जो भी शिकायतें हैं उसका नियम कायदे से उसको दूर किया जाए पर 2016, 2023 और 2025 के इन तीन चुनाव में लगभग सभी प्रत्याशियों की बार-बार एक ही शिकायत थी कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है? और हर बार चुनाव अधिकारी भी वही चयन कर रहे थे सत्ता पक्ष के ही लोग जिसका चुनाव से पूर्व एक उम्मीदवार विजय दुसेजा इसका विरोध भी किया था कि हर बार उन्हीं व्यक्तियों को चुनाव अधिकारी क्यों बनाया जाता है जिनके ऊपर आरोप लग रहा है की निष्पक्ष चुनाव नहीं करवा रहे हैं ? कहीं ना कहीं सत्ता पक्ष के दबाव में आकर चुनाव संपन्न हो रहा है? फिर भी उनकी आपत्ति को दर किनारे करते हुए फिर से उन्ही व्यक्तियों को चुनाव कि बाग दौड़ सोपी गई व चुनाव के प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई इस बीच चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी आपत्ति चुनाव अधिकारियों पास दर्ज कराई और कहा निष्पक्ष इसका समाधान निकाले पर जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि 2016 और 23 में जिस तरह एक पक्षीय फैसला लिया गया उसी तरह का 2025 में भी एक पक्षीय फैसला लिया गया?


निष्पक्ष फैसला नहीं हुआ? और जैसा की सबको अंदेशा था इस बार भी वही होगा सत्ता पक्ष की जीत होगी और वही हुआ हमारा विरोध था कि 100% लोगों में सिर्फ 10% ही व्यक्ति चुनाव वोटिंग करने के अधिकारी थे क्यों ? दूसरा हमारा चुनाव प्रचार करने के लिए कम से कम 10 से 15 दिन समय मिलना चाहिए क्योंकि हमारा बिलासपुर चार विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है ओर 70 वार्ड है इनमें प्रचार के लिए समय चाहिए पर चुनाव अधिकारियों ने मात्र दो दिन का समय दिए उसमें भी जिसमें त्यौहार थे ?


और हमारी इस मांग को भी उन्होंने अनसुना कर दिया ?
तीसरी हमारी मांग थी कि जो वोटर लिस्ट है उसमें 2016 में भी गड़बड़ी थी और 2023 में भी गड़बड़ी थी ओर अब 2025 में भी गडबडी नजर आ रही है ? साफ-साफ, तो हमारा निवेदन है कि जिस जिस वार्ड की मतदाताओ की लिस्ट हमे मिली है उस वार्ड की हमें मध्यान पर्ची की कॉपी उपलब्ध कराई जाए ताकि हमें पता चल सके कि जो लिस्ट आई है वह बराबर है पर इस बात को भी उन्होंने अनसुना करते हुए खारिज कर दिया? चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सभी आपत्तियों को उन्होंने खारिज कर दिया? और एक पक्षीय फैसला सुना दिया? जिसका चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने विरोध किया और चुनाव से पूर्व ही उन्होंने भी बिलासपुर और रायपुर पंजीयन ऑफिस में शिकायत दर्ज करवा दी अब हमें भी यह देखना है कि हमें अब कब न्याय मिलता है ? क्या पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत बिलासपुर का चुनाव रद्द होगा ?
क्या पंजीयन कार्यालय के सक्षम अधिकारी हमें भी न्याय देंगे ?और निष्पक्ष फैसला करेंगे ? यह देखना अब लाजमी होगा,


न्याय के आस में हम भी बैठे हैं हमें भी इंतजार है कि हमें न्याय कब मिलेगा ?यह सवाल सिर्फ हमारा ही नहीं बल्कि समस्त सिंधी समाज का है
अब देखना है आगे क्या फैसला होता है और हमें न्याय कब मिलता है ओर
न्याय के लिए हमें कितना इंतजार करना पड़ेगा

संपादकीय