रायपुर :- श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन व्यास पीठ में बैठे बलराम भैया जी के द्वारा आज भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव की कथा का रसपान भक्तों को कराया गया, किस तरह भगवान कृष्ण का जन्म हुआ वह बताया,
महंत सतगुरु श्री अनंतपुरी गोस्वामी जी स्वयं वासुदेव बनकर टोकरी में छोटे से कृष्ण को लेकर जब भागवत कथा स्थल पर अंदर आना शुरू किया तब सभी भक्तों ने फूलों की वर्षा के साथ स्वागत किया और सभी तरफ एक ही नारा गूंज रहा था नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव की सभी एक दूसरे को बधाइयां दे रहे थे ऐसा भक्ति भरा वातावरण बन गया था कि मानव सचमुच में हम वृंदावन में बैठे हैं छोटे से बाल गोपाल कृष्ण की भक्तों के द्वारा आरती उतारी गई कृष्ण जन्म उत्सव के साथ-साथ अन्य कई प्रसंग सुनाये गए जिसमें एक प्रसंग था भक्त प्रहलाद का और हिरण्याकश्यप का कि किस तरह हिरण्याकश्यप

अपने पुत्र भक्त प्रहलाद को जब देखा कि वह राक्षसी कार्यों को नहीं कर रहा है और नहीं वह असुर जाति के जैसे कार्य कर रहा है और सिर्फ हरि नाम का नाम जप रहा है तो वह बहुत क्रोधित हुआ और उसने कई तरीकों से मारने की कोशिश की पर हर बार वह असफल हो गया यहां तक की उसकी बहन होलीका भी आग में जल गई पर भक्त प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ और अंत में अपने भक्त की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह भगवान का अवतार लेकर हिरण्याकश्यप का वध करके भक्त प्रहलाद की रक्षा की और चारों तरफ भक्त प्रहलाद के जय जयकार से पृथ्वी लोक से स्वर्ग लोक तक गूंज उठे
देवी देवताएं फूलों की वर्षा करने लगे और शंख ध्वनि से विजय श्री का जायकोष करने लगे और राजा बलि और भगवान विष्णु के वामन रूप की कथा भी सुनाई, कि किस तरह राजा बलि 100 यज्ञ करने वाले थे ताकि वह स्वर्ग लोक में आधिपत्य बना सके, तब सभी देवता गण , भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उससे मदद मांगने लगे तब भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण करके राजा बलि के द्वार पर पहुंचे और उनसे तीन पग जमीन दान में मांगी तब राजा बलि के गुरु शुक्राचार्य समझ गए कि यह कोई बालक ब्राह्मण नहीं है बल्कि स्वयं भगवान विष्णु है जो ब्राह्मण का रूप धारण करके आए हैं राजा बलि ने कहा, आप उसे जमीन देने से मना करे

पर राजाबली ने कहा अगर यह ब्राह्मण खुद विष्णु के रूप हैं विष्णु हैं तब भी मैं तीन पग जमीन दूंगा क्योंकि जो पृथ्वी के पूरे सृष्टि के पालनहार है आज वह याचक बनकर मैं द्वार पर आए हैं इससे बड़े और खुशी की बात मेरे लिए ओर किया हो सकती है तो मैं जल हाथ में लेकर वचन दिया और तब ब्रह्ममड़ वामन रूप धारण विष्णु ने अपना विराट रूप दिखाया और एक पग में पूरी पृथ्वी को नाप लिया दूसरे पग में देवलोक स्वर्गलोक से लेकर ब्रह्मलोक सभी को नाप लिया तब वामन ब्राह्मण ने कहा है राजन आपकी जुबान के अनुसार मेंने 3 पग जमीन मांगी थी इसमें दो पग में जितने भी लोक हैं सब मैंने नाप लिए अब तीसरा पग के लिए जमीन कहां है आपके पास तीसरा पग में कहां रखूं तब राजा बलि ने कहा तीसरा पग आप मेरे सिर पर रखिए तब वामन रूप धारण किये भगवान विष्णु ने तीसरा पग उसके सर पर रखा और उसके इस भक्ति के लिए बहुत प्रसन्न हुए यह सब कुछ जानने के बाद भी वह पीछे नहीं हटे और अपनी जुबान के अनुसार उन्होंने दान दिया तब उसे भगवान विष्णु ने वरदान दिया जो मनोकामना के लिए वह यज्ञ करना चाहते थे उसकी मनोकामना जरुर पूरी होगी और उन्हें स्वर्ग का शासन जरूर मिलेगा कार्यक्रम के आखिर में महा आरती की गई प्रसाद वितरण किया गया आज के इस भागवत कथा में भाई साहब अमरलाल दीपक उदासी भाई साहब जमुना दास भाई साहब धनराज सिंधी समाज के वरिष्ठ नेता आनंद कुकरेजा पूर्व विधायक श्रीचंद सुदंरानी मुखी बसंत कुकरेजा मोनू आहूजा जय राम लक्ष्मण मलघानी, वासुदेव आइलानी अमर परचानी विकास रूपलेला राजेश गुरुनानी एवं समाज के बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे और कथा में शामिल होकर आज की कथा का आनंद लिया आज के इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में दुर्गा माता मंदिर मढ़ी लिली चौक रायपुर के सभी सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा