मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर जिला।
जिले में नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक रतन सिंह के कार्यभार संभालने के बाद क्षेत्रवासियों में कानून-व्यवस्था को लेकर नई उम्मीदें जगी थीं। एसपी ने पदभार ग्रहण करते ही साफ संदेश दिया था कि जिले में अवैध शराब, नशीले पदार्थ, जुआ–सट्टा और अपराधों पर सख्त कार्रवाई होगी। शुरुआत के दिनों में उनकी सक्रियता और निर्देशों का असर भी दिखा।
लेकिन कुछ समय बाद हालात ज्यों के त्यों नज़र आने लगे हैं। जिले के कुछ थाना क्षेत्रों में अवैध कारोबारियों ने दोबारा सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि अवैध शराब, जुआ-सट्टा, गांजा–नशा कारोबार तथा अवैध लेनदेन जैसी गतिविधियां फिर से फल–फूल रही हैं।
लोगों का कहना है कि यह स्थिति या तो कुछ पुलिसकर्मियों की लापरवाही का नतीजा है या फिर सांठगांठ की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि—
क्या नव पदस्थ एसपी रतन सिंह की सख्त छवि को उनके कुछ अधीनस्थ कमजोर कर रहे हैं?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि पुलिस ईमानदारी और कड़ाई से कार्रवाई करे तो अवैध कारोबार इतने लंबे समय तक टिक नहीं सकते। कई क्षेत्रों में नागरिकों ने शिकायत की है कि कुछ प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में यह कारोबार चल रहा है, जिससे पुलिस की छवि पर भी दाग लगता है।
यदि कुछ पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य से भटककर कानून तोड़ने वालों को ही लाभ पहुंचा रहे हैं, तो यह न केवल एसपी रतन सिंह की छवि को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि पूरे जिले की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर असर डालेगा।
जनमानस की मांग है कि एसपी ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, ताकि मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर जिले में अपराध और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगे और जनता का पुलिस पर विश्वास मजबूत बना रहे।