बिलासपुर : धन गुरु नानक दरबार डेरा संत बाबा थाहीरिया सिंह साहेब जी जराह भाटा सिंधी कॉलोनी स्थित दरबार में संत माता अददि अम्मा जी की मीठी याद में हर माह 19 तारीख को वर्षी उत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है इसी अवसर पर एक दिवसीय महान कीर्तन दरबार सजाया गया रात्रि 8:00 बजे से 9 बजे तक भाई कुंदन डोडवानी के द्वारा शब्द कीर्तन की शुरुआत गुरबाणी से की वह अपनी अमृतवाणी से कई गुरु के प्रसंग सुनाएं किस तरह गुरु का नाम लेकर कई भक्तों का उद्धार हो गया। बिना गुरु नाम लिए भक्ति सिमरन करने से आपको मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती है ओर ना ही आपको सुख समाधि शांति की प्राप्ति होगी जैसे शरीर को चलाने के लिए हवा पानी और भोजन की जरूरत पड़ती है उसी तरह शरीर के अंदर हमारी आत्मा को भी चलाने के लिए शब्द कीर्तन सिमरन भक्ति की जरूरत पड़ती है आप लोगों ने कई बार देखा होगा जब आप कभी भी संकट में होते हैं दुख परेशानी में होते हैं और तब आप मंदिर में गुरुद्वारे में वह गुरु के पास जाते हैं सत्संग कीर्तन में जाते हैं तो सारे आपके काम अपने आप ही बन जाते हैं और आपके तन को मन को एक सकून एक शांति मिलती है।
भगवान को प्राप्त करना कोई बड़ी बात नहीं है बड़ी बात है आज के इस युग में सच्चे मन से भक्ति करना सिमरन करना नाम जपना अगर आप लोग यह सब कर लोगे तो आपको कहीं और भटकने की जरूरत ही नहीं है शब्द कीर्तन सुनकर साद संगत निहाल हुई। साध संगत द्वारा श्री सुखमणि साहिब जी का पाठ किया गया। साध संगत के द्वारा अददि मां को याद किया गया उनके फोटो के सामने मोम बत्ती जलाई गई। पाठ समापन के बाद 13 मिनट तक गुरु का नाम सिमरन किया गया। भाई साहब देवराज धामेचा जी के द्वारा अरदास की गई। प्रसाद वितरण किया गया। वह गुरु का अटूट लंगर बरताया गया बड़ी संख्या में लोगों ने लंगर चखा। गुरु की प्यारी साध संगत ईस अवसर पर पहुंचकर गुरु घर हाजिरी लगाकर अपने जीवन को सफल बनाया और गुरु की अपार खुशियां प्राप्त की। सेवादार डॉक्टर हेमंत कलवानी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि कोई भी भक्त अददि अम्मा की बरसी के दिन लगातार पांच माह तक आकर पांच मोम बती और उनके फोटो के सामने जलाता है श्रद्धा पूर्वक जो उसकी मनोकाबमना होती है वह पूर्ण हो जाती है।
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में दरबार साहब के प्रमुख प्रबंधक भाई साहब मूलचंद नारवानी जी सोनू लालचंदानी सेवादार डॉ हेमंत कलवानी पूर्व पार्षद सुरेश वाधवानी प्रकाश जाग्यासी नानक पंजवानी विजय दुसेजा भाई साहब देवराज धामेचा राजू धामेचा नरेश मेहर चंदानी भोजराज नरवानी मेघराज नारा विकास बजाज अनीता नारवानी पलक हरजपाल कंचन रोहरा राखी वर्षा सुखीजा गंगाराम सुखीजा रमेश भगवानी राखी इदनानी स्मिती जेसवानी पलक मखीजा अमृता कशिश जेसवानी वर्षा सुखीजा सुमन गुरुवाणी गीता जगदीश जगियासी वह सभी सेवादार कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं।