दुर्गा विसर्जन एक से बढ़कर निकली भव्य झांकियां

मां भगवती दुर्गा माता के आराधना का महापर्व नवरात्रि पर्व पूरे भारतवर्ष के साथ‌ पूरे बिलासपुर नगर में भी जगह-जगह श्रद्धा भक्ति हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
जिस तरह “श्री गणेश उत्सव” का पर्व ‌का माहौल महाराष्ट्र में सबसे अधिक होता है।
इस प्रकार पूरे भारतवर्ष में दुर्गा उत्सव का माहौल कोलकाता में अधिक होता है।
उसके बाद जो नंबर आता है वह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर का आता है विगत 100 सालों से या परंपरा चली आ रही है शुरुआत छोटे से रूप से हुई थी पर जैसे-जैसे आस्था और भक्ति बड़ी शहर भी बड़ा आबादी भी बड़ी इस तरह दुर्गा उत्सव का माहौल भी अलग रूप लेने लगा पहले से कुछ खास जगह में ही ‌मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान किया जाता था पर अब तो हर चौक चौराहा में बल्कि एक-एक जगह में तीन-तीन चार चार दुर्गा माता की प्रतिमाएं पूरे शहर में भव्य एक से बढ़कर एक आकर्षक झांकियां, लाइट की भव्य आकर्षक झालरों से सुसज्जित पंडालों में विराजमान की जाती है

जो लोगों को आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं पर इन सबसे जो एक चीज खास होती है जिनको लोगों को साल भर इंतजार रहता है वह है दुर्गा विसर्जन का दिन जो दशहरे के दूसरे दिन होता है इसका इंतजार सिर्फ बिलासपुर वासी हि नहीं बल्कि समस्त छत्तीसगढ़ वासी करते हैं क्योंकि ऐसा नजारा देखने के लिए छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों से गांव से कशबो से लोग बिलासपुर पहुंचते हैं रात भर मेला लगा रहता है एक से बढ़कर एक झांकियां निकाली जाती है और दुर्गा विसर्जन किया जाता है चुनावी माहौल के कारण इस बार दुर्गा उत्सव समिति का स्वागत करने वाले भी इंस्टॉल की संख्या ज्यादा थी सबने अपने हिसाब से समितियों का स्वागत किया और सम्मान किया दुर्गा विसर्जन का जो कार्यक्रम शाम प्रारंभ हुआ वह सुबह तक चलता रहा धुमाल पार्टी की धुन में नाचते गाते हुए दुर्गा विसर्जन किया गया रात्रि 2:00 बजे भी हटरी चौंक से लेकर गोल बाजार तक सिर्फ लोगों की मुंडिया ही नजर आ रही थी इतनी भीड़ वह नजारा देख कर भी दंग रह गए
लोग बंद दुकानों के पास बैठे रहे बंद घरों के पास बैठे रहे रात भर दुर्गा विसर्जन और झांकियां का आनंद लेते रहे एक से बढ़कर एक झांकी सजाई गई जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी वह प्रमुख है मगरमच्छ भगवान श्री रामचंद्र जी पुष्पक विमान मे बैठ कर अयोध्या जा रहे हैं

यमराज की सवारी भगवान भोलेनाथ नंदी महाराज में बैठकर निकली सवारी भगवान भोलेनाथ की जटाओं में गंगा मैया को बांधे रखा और गंगाजल को पृथ्वी पर छोड़ गया ऐसे अन्य मनमोहक झांकियां थी यह नजारा लोग अपनी आंखों में समेट कर मां दुर्गा को विदाई दी वह अगले साल तक सबको इंतजार रहेगा नवरात्रि का