हाल ही में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक आयोजित की गई जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव के बारे में चर्चा की गई वह सीटों के बंटवारे के बारे में आगमी बैठक में फैसला लेने के बारे में चर्चा हुई वह इस गठबंधन का संयोजक किसे बनाया जाए इस बारे में तीन-चार नामो पर चर्चा हुई जिस तरह कुछ समय पूर्व विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी फ्रंट में थी विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अन्य पक्षी विपक्षी पार्टियां
फ्रंट में आ गई है और कांग्रेस को पीछे धकेल रही हैं पर कांग्रेस अभी भी अपने आप को में फ्रंट में ही रखना चाहती है यानी कि प्रधानमंत्री का चेहरा अगर कोई होगा तो कांग्रेस पार्टी का नेता ही होगा पर अन्य विपक्षी पार्टी
इस पर राजी नहीं होगी और क्या लोकसभा सीटों का बंटवारा आसानी से हो जाएगा ममता केजरीवाल अखिलेश और वामपंथी क्या जल्दी से मान जाएंगे क्योंकि केरल में वामपंथियों का दबदबा है दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है यूपी में अखिलेश मजबूत स्थिति में है बंगाल में ममता है तो क्या यह पार्टी अपने राज्य में ज्यादा सिटे कांग्रेस को देगी अपने राज्य में या कांग्रेस तेलंगाना हिमाचल कर्नाटक में उसकी सरकार है छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान में विपक्ष में मजबूत स्थिति में है क्या वह दूसरी पार्टियों को इन राज्यों में सिटे देगी यह देखना होगा अभी तो दिल्ली दूर है और प्रधानमंत्री की कुर्सी भी दूर है भली दिल्ली में बैठकर राजनीतिक कर रहे हैं
पर प्रधानमंत्री की दौड़ से दूर है मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं सभी इंडिया गठबंधन दल को समझना चाहिए कि उनका सपना पूरा नहीं होगा इसका सबसे बड़ा कारण है हर पार्टी का नेता खुद को प्रधानमंत्री से कम नहीं समझता है और खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार समझता है जब हर पार्टी में सब अपने आप को बड़ा समझे छोटा कोई ना समझे तो उस पार्टी का भट्टाधार होना लाजमी है इस तरह इस इंडिया गठबंधन का भी भट्टा धार होना लाजमी है 28 दलों का यह गठबंधन स्वार्थ और कुर्सी की लालच के कारण जूड़ा है इन्हें जनता से या जनता के मुद्दों से या देश हित के बारे में उनका कोई मतलब नहीं है इनको सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब है और इसलिए यह सभी चाहते हैं कि 2024 में मोदी किसी भी तरह सत्ता से दूर रहे पर यह नाम मुमकिन है 2024 क्या 2029 तक मोदी को कोई हिला नहीं सकता है इसके कई सारे कारण हैं यह विपक्षी पार्टि अगर स्वार्थ
छोड़कर जनता का हित सोचेंगे, देश हित की बात करेंगे, सबको साथ लेकर चलेगें और कुर्सी की राजनीतिक नहीं करेंगे तो 2024 में विपक्षी गठबंधन सत्ता में काबीज जरूर होगा पर यह ऐसा नहीं कर रहे हैं इसलिए जनता भी समझ रही है कि उन्हें अपना वोट किसे देना है वह देश हित को सबसे आगे सर्वोपरि रखकर चल रही है और मोदी ने जनता के नब्ज को पकड़ा है इसलिए जनता के जुड़े हुए मुद्दे को उठया है और जनता से जुड़ी हुई मूलभूत समस्याओं पर फोकस करके कार्य करता है देश हित की बात करता है हिंदू तत्व की बात करता है गरीबों जरूरतमंदों की बात करता है अल्पसंख्यकों की बात करता है सबको साथ ले चलने की बात करता है
सबका विकास करने की बात करता है और उस पर अमल भी करता है इसलिए विपक्षी गठबंधन इंडिया के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो मोदी के सामने टिक सके और उनका कोई चेहरा सामने लाना भी नहीं चाहिए अगर वह मोदी से कंमपयर करेंगे तो जनता उन्हें ऐसे ही हरा देगी विधानसभा चुनाव में हर का स्वाद चखने
के बाद भी उनकी बुद्धि काम नहीं कर रही है विनाश काले विपरीत बुद्धि जो कहा जाता है ना वह सही है
जब तक आप अहंकार को खत्म नहीं करेंगे तब तक विपक्षी गठबंधन आगे नहीं बढ़ पाएगा जहां स्वार्थ की बात होती है वहीं पर विनाश भी होता है जहां परोपकार की बात होती है वहीं पर विकास होता है वहीं पर प्यार होता है वहीं पर भरोसा होता है चंद महीने लोकसभा चुनाव मैं बचे हैं
मोदी ने तो अपनी तैयारियां शुरू कर दी है 2024 में इस बार 400 पार का नारा लगा दिया है विपक्षी गठबंधन अभी तक सीटों के बंटवारे के चक्कर में फंसी पड़ी हैं चाहे कितना भी जोर लगा ले उन्हें विपक्ष में ही बैठना पड़ेगा आएगा तो मोदी ही चाहो मानो या ना मानो बस देखना यह है की सिट कितनी बढ़ती है या घटती है सत्ता तो बीजेपी के हाथ में रहेगी