इस बार भी बिलासपुर में चेट्रीचंड्र महोत्सव पर दो शोभा यात्रा निकलेगी आखिर इसका जिम्मेदार है कौन : विजय दुसेजा

रे देश भर में चेटीचंड्र महोत्सव बड़े
ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है
हर जगह शोभायात्रा निकलती है और एक ही निकलती है पर कुछ सालों से बिलासपुर में चेट्रीचंड्र महोत्सव समाज के ईष्ट देव सांई झुलेलाल जन्मोत्सव के अवसर पर दो शोभायात्रा निकलती है ऐसा ? लोग सोचने को मजबूर हैं जो नहीं जानते हैं वे सुने
ऐसा इसलिए क्योंकि एक जो समिति है वह 50 सालो से शोभायात्रा निकाल रही है और जो दूसरी समिति है उन्होंने आपस में समिति गठित करके सन 2016 या 17 से दो शोभायात्रा निकालनी शुरू कर दी जो अभी तक जारी है इसे एक करने के लिए बहुत मांग उठी समाज में सभी लोग यही चाहते हैं कि शोभायात्रा एक निकालनी चाहिए इसके लिए की समाज के ओर से 15 वार्ड पंचायत के अध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दी गई कि आप इस पर दोनों समितियां से चर्चा करआपसी समझौता करने के लिए आगे बढ़े और दोनों को एक कीजिए चार महीने से इस पर काम चल रहा था पर जैसा की हमें पता था इसका कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि कहीं ना कहीं दोनों समितियां के जो व्यक्ति है उनका अहंकार आपस में टकरा रहा है उसके कारण एक होना मुश्किल है आखिर में रिजल्ट जो सोचा था वही सामने आया

(खाया पिया कुछ नहीं , गिलास तोड़ा बाराना)

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मतलब की दोनों एक नहीं हो पाए और इस बार भी दो शोभा यात्रा निकलेगी कई व्यापारी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं जैसे शनिचरी पडाव व्यापारी संगठन है विगत 5 सालों से दोनों शोभायात्रा निकालने वाली समितियों को चंदा नहीं देते हैं

हमर संगवारी, ने भी एक पहल की और यह मांग की सभी व्यापारी संगठनों से कि वह भी इसे आगे 💪 बढाए और जब तक दोनों समितियां एक ना हो जाए और एक शोभायात्रा
निकले तब तक दोनों समिति को चंदा ना दिया जाए जिसका जवाली पुल व्यापारी संघ के अध्यक्ष शंकर हिरवानी ने समर्थन किया और उन्होंने घोषणा कर दी कि हमारा व्यापारी संघ दोनों समिति को चंदा नहीं देगी अगर यह जब तक एक नहीं हो जाती हैं वह एक होकर शोभायात्रा नहीं निकालती है,
उनका फैसला स्वागत योग है हमें खुशी हुई की स कार्य में एक करने में उन्होंने अपनी सहभागिकता निभाते हुए दो कदम आगे बढ़ाया ऐसा ही अन्य व्यापारी संगठनों को भी करना चाहिए क्योंकि सामने वाले जो दोनों पक्ष के लोग हैं वह न झुकाना चाहते हैं ना आगे बढ़ना चाहते हैं वह चाहते हैं कि जो 50 साल से शोभायात्रा निकाल रही है समिति वह झुके और वह आगे बड़े इस लड़ाई में कहीं ना कहीं नुकसान समाज का ही हो रहा है ,जग हंसाई समाज कि ही हो रही है पर जो लोग अपने आप को समाज का ठेकेदार समझने वाले लोग हैं उनके कानों में यह जूं तक नहीं रेगंती है 😱 उनको इससे कोई मतलब नहीं है उनको सिर्फ अपने धंधे से मतलब है और ठेकेदारी से मतलब है समाज का ,बेडा गर्क होता है तो होने दो उनको कोई फर्क पडने वाला नहीं है और इतना सब कुछ करने के बाद भी अपने आप को राजा हरिश्चंद्र का भक्त बताते हैं उसकी लाइन में चलने वाला बताते हैं अपने आप को दूध का धुला हुआ मानते हैं और चेहरे पर चेहरा लगाकर रखे हैं लोगों को मूर्ख बनाकर रखे हैं पर अब जनता मूर्ख नहीं बनेगी अब लोगों की आंखें खुल चुकी है समाज सेवी कई जगह आवाज उठने लगे है, सच सबको दिखने लगा है ,सब को समझ में आ रहा है और इसका विरोध भी हो रहा है
आखिर कब तक यह सब चलता रहेगा कहीं ना कहीं इसे तो रोकना पड़ेगा रास्ते बहुत है पर कोई चलना चाहता नहीं है क्योंकि कुर्सी की लालच ओर पुत्र मोह,बीच में बाधा ला रहे है
वह सोचते हैं कि हम तो कुर्सी का सुख भोग रहे हैं , हमारे पुत्र भी कुर्सी का सुख भोगे इसलिए वह एक होना नहीं चाहते हैं
,कहते हैं कि हम सेवा कर रहे हैं जो आदमी सेवा करता है वह मेवा नहीं खाता है जो आदमी सेवा करता है वह पद के पीछे नहीं भागता है जो , सेवा करता है वह लालच नहीं करता है
सेवा किसे कहते हैं पहले यह तो बताओ सेवा का अर्थ क्या है पहले यह तो बताओ
बोलने से कुछ नहीं होता है बहुत हुआ लोगों को मूर्ख बनाना सच को कबूल करो पुत्र मोह को छोड़ो सत्ता के सुख को छोड़ो हकीकत में अगर सेवा करनी है तो बगैर किसी शर्त के आगेआओ , हाथ मिलाओ और एक हो जाओ अगर ऐसा नहीं कर सकते हो तो बंद कर दो शोभायात्रा , निकालना जरूरी नहीं है
उसके बदले में आप झुलेलाल जागरण ,करवाइए, बहाराणा साहब की शोभा यात्रा निकलवाइये ,जैसे अभी हाल ही में भाटापारा में 251 ,बहराणा साहब की शोभायात्रा निकाली गई
ऐसे कार्य कीजिए आप भी करे जरूरी नहीं है कि जो वह समिति कर रही है वह हम भी करें आप 👉 दूसरा काम कीजिये अगर आपको इतना प्यार है भगवान झूलेलाल से तो कई सारे कार्यक्रम कर सकते हो किसने मना किया है आपको पर ऐसा नहीं करेंगे उनको कुर्सी चाहिए भगवान नहीं चाहिए इनको झूलेलाल से प्यार नहीं है यह सिर्फ दिखावा कर रहे हैं चप्पल जूता पहनकर बहराणा साहब
ठेले में रखकर खींचते हैं पहले यह तो बताओ कि बहराणा साहब बनता कैसे हैं बहराणा साहब की पूजा अर्चना क्यों की जाती है
ठेले में लिखते हो बहराणा साहब, कभी देखा है ऐसा होता है क्या जैसा आप निकालते हो वह बहराणा साहब नहीं है वह अखंड ज्योत होती है भगवान झूलेलाल की टी-शर्ट और टोपी पहनने से और भगवान झूलेलाल का जय घोष करने से कुछ नहीं होने वाला है यह दिखावा बंद करो झाड़ू निकालने से पानी का छिड़काव करने से तुम्हारे अंदर कि जो मेल है वह सफा नहीं होगी पहले अंदर की 👉मेल को सफा करो अपने मन को शुद्ध करो अपने विचारों को शुद्ध करो अपने कर्म को शुद्ध करो फिर आगे बढ़ो
धंधा मत करो सेवा करो और निस्वार्थ करो अहंकार को छोड़ो झुकना सीखो लालच मोह के छोड़ो और एक👍 हो जाओ इसमें ही आपका भला है समाज का भला है अगर ऐसा नहीं ❌ करते हो तो आने वाली पीढ़ी कभी भी आपको माफ नहीं करेगी यह कलंक आपका पीछा कभी नहीं छोड़ेगा पाप का टीका लगाकर पंडित बनने की कोशिश मत करो लोगों को और ज्यादा अब मूर्ख मत बनाओ सच बोलो और सच बताओ कुर्सी का मुंह छोड़ो कुर्सी की लालच छोड़ो और एक हो जाओ अगर ऐसा करते हो तो एक नया इतिहास बनेगा आपकी ही जय जयकार होगी समाज का भी नाम होगा आने वाले चेट्रीचंड्र में इससे बड़ा तोहफा और कोई दूसरा नहीं होगा तो यह तोहफा समाज को दीजिए यही आशाओं के साथ विश्वास के साथ इंतजार में रहूंगा कि 👉 यह तोहफा मुझे भी मिलेगा भगवान आपको सद्बुद्धि दे जय झूलेलाल