10 अप्रैल सिंधी भाषा दिवस पर दिल्ली में हुआ “साहित्य सिंधु” पुस्तक का लोकार्पण –

प्रधान संपादक प्रो डा रवि प्रकाश टेकचंदानी के साथ साथ परामर्श मंडल में देश के श्रेष्ठ कलमकार प्रो सच्चिदानन्द जोशी सदस्य सचिव इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र दिल्ली, प्रो गिरीश नाथ झा अध्यक्ष वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग दिल्ली, प्रो श्री निवास बरखेड़ी कुलपति केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली, प्रो श्री प्रकाश सिंह निदेशक साउथ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली, प्रो सुनील बाबूराव कुलकर्णी निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, प्रो कुमुद शर्मा उपाध्यक्ष साहित्य अकादमी दिल्ली जैसे स्थापित और जिज्ञासु विद्वान व कलमकारों की उपस्थिति साहित्य सिंधु को अवश्य ही पढ़ने और मनन करने का आकर्षण पैदा कर रही है।

शानदार पुस्तक बेहतरीन लेख व रचनाओं के साथ आई साहित्य सिंधु के बेहतर संपादन पर निदेशक प्रो रवि प्रकाश को मिली सराहना

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दिल्ली 10 अप्रैल के एतिहासिक दिन पर देश ही नहीं विश्व भर के सनातनी सिंधी हिंदू जहां एक ओर भगवान वरूण देव के अवतार प्रभु झूलेलाल जी के जन्मोत्सव पर खुशियां मना रहे थे और भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 10 अप्रैल आज ही दिन 1967 में शामिल सिंधी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने पर सिंधी भाषा दिवस समारोह मनाये जा रहे थे तो वहीं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के नियंत्रणाधीन स्वायत्तशासी संस्था राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद द्वारा प्रकाशित साहित्य सिंधु का लोकार्पण दिल्ली स्थित कार्यालय पर किया गया।
देश की प्रमुख मीडिया, समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों के सामने निदेशक प्रो डा रवि प्रकाश टेकचंदानी ने विश्व के मूर्धन्य विद्वान दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष रहे स्व .डॉ एम के जेटली को समर्पित पुस्तक साहित्य सिंधु का लोकार्पण समारोह पूर्वक किया।

राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार में सदस्य प्रतिनिधि विश्व प्रकाश रूपन ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के साथ जानकारी दिया कि इस समारोह में संस्थान के अध्यक्ष केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मार्गदर्शन में उपाध्यक्ष डॉ मोहन मंघनानी की गरिमा मयी उपस्थिति में प्रमुख सदस्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ साथ इंदौर के माननीय सांसद शंकर लालवानी, भारतीय सिंधु सभ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतराम छाबड़ा, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष मा. वासुदेव देवनानी, प्रो राम पंजवानी मुम्बई,उमा जतियानी शिलांग मेघालय, मनीष देवनानी मध्य प्रदेश,डा कविता आसनानी गोवा ,डा वंदना खुशालानी, महाराष्ट्र,सीए तुलसी राम टेकवानी गुजरात, अशोक मूलचंदानी राजस्थान,डा. कन्हैयालाल खटवानी बैंगलोर जैसे महनीय सदस्यों की बधाई व शुभकामनाएं आन लाइन आने से समारोह भव्य बन गया।

उत्तर प्रदेश से एक मात्र सदस्य प्रतिनिधि विश्व प्रकाश रूपन ने लोकार्पण के साथ ही पुस्तक को लगभग एक हजार विद्वानों व अयोध्या के श्रेष्ठ पत्रकारों, साहित्यकारों सहित उत्तर प्रदेश देश व विदेश के अनेक भाषा प्रेमियों को डिजिटली वितरित भी किया।

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देश के दिग्गज कलमकारों, विद्वानों, रचना कारों की पढ़ने के साथ ही संभाल कर रखने वाली पुस्तक में प्रकाशित रचनाओं व लेखों को समेटे यह पुस्तक बहुमूल्य है,इसे एक बार अवश्य ही पढ़ने व अपनी प्रतिक्रिया निदेशक राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार प्रो रवि प्रकाश टेकचंदानी को डाक,मेल अथवा फोन पर भी अवश्य ही देने का अनुरोध विश्व प्रकाश रूपन ने किया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी बंधु को यह डिजिटल पुस्तक साहित्य सिंधु चाहिए तो 6394571514 पर फोन कर डिजिटली निशुल्क मंगा सकते हैं।साथ ही अन्य प्रदेशों के उपरोक्त प्रतिनिधियों से भी डिजीटली इसे मंगाया जा सकता है।

सिंधी भाषा दिवस, चेटीचंड व पुस्तक साहित्य सिंधु के लोकार्पण पर सभी ने एक मंच पर आकर सभी को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।