शदाराम साहिब सिंधी भाषा अध्ययन केंद्र द्वारा नयी शिक्षा नीति के अनुसार मातृ भाषा संवर्धन संरक्षण एवं अध्ययन

लेखराज मोटवानी : भारतीय शिक्षण मंडल छत्तीसगढ़ प्रांत एवं पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के तत्वाधान में संत शदाराम साहिब सिंधी भाषा अध्ययन केंद्र द्वारा नयी शिक्षा नीति के अनुसार मातृ भाषा संवर्धन संरक्षण एवं अध्ययन हेतु सरकार द्वारा दी गई योजनाओं का उपयोग कैसे किया जाये विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में पूज्य शदाणी दरबार के वर्तमान पीठाधीश संत श्री डॉ युधिष्ठिर लाल जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए एवं विशेष अतिथि राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद,नई दिल्ली के निदेशक प्रोफे. रवि प्रकाश टेकचंदानी, कुलपति सच्चिदानंद शुक्ला एवं श्री सच्चिदानंद जोशी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई तत्पश्चात कुल गीत का गान पश्चात सभी का सम्मान श्रीफल व तुलसी पौधे से हुआ प्रथम सत्र में सभी वक्ताओं ने अपना-अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया जिसमें विशेष रवि प्रकाश टेकचंदानी जी ने सबसे प्राचीन सभ्यता सिंधी सभ्यता का वर्णन किया तत्पश्चात पूज्य संत श्री द्वारा सभी को आशीर्वाद प्राप्त हुआ एक विशेष आयोजन कला भवन में भी हुआ जिसमें पूज्य संत श्री ने विगत 4 वर्षो से संत शदाराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र द्वारा किए हुए किए गए कार्य उनकी जानकारी दी पिछले 4 वर्षों में डिप्लोमा इन सिंधी कराया गया इस वर्ष से M.A इन सिंधी का भी कोर्सेस आरंभ हुआ इस बात की जानकारी पूज्य संत श्री ने सभी गणमान्यों को दी संत श्री ने संत शदाराम साहिब सिंधी भाषा अध्ययन केंद्र के सभी सदस्यों का डायरेक्टर श्रीमती शैल शर्मा का धन्यवाद प्रेषित किया और अध्ययन केंद्र के नए भवन निर्माण की भी पूज्य संत श्री ने घोषणा की इस कार्यक्रम में पूज्य छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के अध्यक्ष श्री महेश दरयानी जी,वरिष्ठ समाजसेवी श्री श्रीचंद्र जी सुंदरानी, बढ़ते कदम संस्था ,एकपहल संस्था के सदस्य भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश अध्यक्ष और भी समाज के वरिष्ठ लोगों ने अपनी उपस्थिति दी वक्ताओं में विशेष रूप से श्री श्रीचंद जी लेखवानी, डॉ जे सी अजवानी सभी ने,भाषा भावनाओं को जोड़ने का काम करती है. उसमें मातृ भाषा की अहम् भूमिका रहती है तथा मातृ भाषा में अध्ययन से क्या लाभ होते है इस पर चर्चा की कार्यक्रम का संचालन बंटी गावड़ा ने किया एवं अंत में धन्यवाद उद्बोधन उदय शदाणी द्वारा किया गया उक्त जानकारी प्रोफे.ताराचंद मोहनानी व सेवा मंडल के संरक्षक श्री दर्शन निहाल ने दी