साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर इकाई द्वारा महामाया विहार सिंधी कॉलोनी बिलासपुर में दादा जेपी वासवानी (जशन पहलाजराय वासवानी) जी की 6 वी पुण्यतिथि जिसे स्मृति दिवस के रूप में 12 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है इस अवसर पर नानक पंजवानी के द्वारा सत्संग कीर्तन का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत दादा साधु वासवानी दादा जेपी वासवानी जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर दी प्रजवलित करके की गई 1:00 बजे अंजनी नूरी ग्रंथ को भोग लगाया गया सपना कलवानी चित्रा पंजवानी कविता के द्वारा भक्ति भरे कई भजन गाए गए
जिंदगी से प्यारे हैं दादा जान से प्यारे हैं दादा,
हरे कृष्णा हरे राम दादा श्याम,
दिल करता है कोई चमत्कार होगा दादा हमारे प्यारे लौट कर आएंगे हमारे पास,
ऐसे कई अन्य भक्ति भरे भजन गाऐ गए जिसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए 1:30 बजे दादा जेपी वासवानी जी की अमृतवाणी में किए गए सत्संग को टीवी के माध्यम से साध संगत को दिखाया व सुनाया गया इसमें दादा जी संदेश दे रहे हैं ,जीतना समय मिले प्रभु को याद करो सुबह शाम करो हर सासं
करो और सबसे प्यार करो अपनी बोली भाषा संस्कृति को ना भूलो अपने गुरु और माता-पिता का सम्मान करो यह जिंदगी मिली है अनमोल है प्यारे इसे यूं ही बर्बाद,न कर प्रभु की शरण में गुरु की चरण में माता-पिता की सेवा में और राष्ट्र के उद्वार में लगा दे
डॉ अभिषेक कलवानी के द्वारा मोटिवेशन किया गया उन्होंने कहा कि इस दुनिया में सबसे कीमती चीज अगर कोई है तो वह है हमारा शरीर हमारी स्वास और हमारा समय शरीर से बड़ा कोई कीमती चीज नहीं है कोई वस्तु नहीं है अगर शरीर ठीक रहेगा तभी तो आप सत्संग कीर्तन सिमरन भजन कर सकोगे आत्मा को परमात्मा से मिला सकोगे घूम फिर सकोगे खा पी सकोगे पर शरीर ठीक कैसे होगा आजकल लोग हर हाथ में मोबाइल है छोटे से बच्चे से लेकर 100 साल के व्यक्ति तक हाथ में मोबाइल है सब मोबाइल में बिजी पड़े हैं खाना खाओ तब हाथ में मोबाइल दुकान में जाओ तब हाथ में मोबाइल स्कूल जाओ तो मोबाइल ,घर में बैठे है तो मोबाइल यहां तक बाथरूम में भी मोबाइल ले जाते हैं लोग जीसके कारण मोबाइल का रेडिएशन जो निकलता है हमारे दिमाग में उसका बुरा प्रभाव पड़ता है और हमारा जो व्यवहार है उसमें, चिड़चिड़ापन,ओर गुस्सा पैदा करता है और हमें कई , बीमारियां भी हो जाती है इससे आपका व्यवहार भी खराब होता है और एक टेंशन परेशानी भी होती है इन सब चीजों को छुटकारा पाने के लिए जरूरी है सबसे पहले मन को कंट्रोल करो हम यह नहीं कहते कि मोबाइल मत चलाओ लेकिन टाइम से जरूरी हो तब बात करो जरुरी हो तब देखो हर समय नहीं और खाना भी उतना खाओ जितना जरूरी हो आजकल लोग बाहर जाते हैं शादी , पार्टी में सत्संग में देखते हैं ज्यादा आइटम है खाते जाओ खाते जाओ खाते जाओ और बाद में आकर पेट में तकलीफ है प्रॉब्लम बढ़ जाती है जितना कम और स्वादिष्ट ,घर का भोजन शाकाहारी भोजन खाओगे उतना शरीर को आराम भी मिलेगा फायदा भी होगा,
आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का साधन है गुरु और गुरु के दिखाए हुए मार्ग पर चलकर ही आप यह सब कर सकते हो लेकिन जैसे पहले शरीर आपका स्वस्थ होना चाहिए उसके लिए मन को कंट्रोल करके अगर आप कार्य करोगे तभी आप आगे बढ़ सकोगे
(इंद्रलोक से मन को बचाए दिल में प्रेम भक्ति जगाए)
इस अवसर पर डॉ रमेश कलवानी ने दादा के जीवन के बारे में प्रकाश डाला
उन्होंने बताया कि प्रेम अवतार सत जीत, आनंद स्वरूप प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु दार्शनिक समाजसेवी शांति व करुणा के प्रतीक पूज्य सतगुरु दादा जेपी वासवानी जी, विधि के विधान ईश्वरीय विधान के अनुसार 12 जुलाई 2018 को सुबह 9:बजकर 1 मिनट पर पुणे में अपनी जीवन यात्रा पूर्ण होने पर देह त्याग कर ईश्वर में समा गए और इस दिन को समस्त भक्तजन, स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं हम उनके पावन चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए प्रणाम करते हैं शत-शत नमन करते हैं
कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई अरदास की गई प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी साध संगत के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया सभी साध संगत ने भंडारा ग्रहण किया , हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा का नानक पंजवानी डॉक्टर रमेश कलवानी के द्वारा स्वागत और सम्मान किया गया
आज के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर इकाई के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहा जीनमे में प्रमुख है डॉ रमेश कलवानी नानक पंजवानी सपना कलवानी चित्रा पंजवानी डॉक्टर अभिषेक , डॉक्टर रौनक कलवानी , पुष्पा पंजवानी श्रुति पंजवानी सरिता पंजवानी डॉक्टर एकता ,कलवानी डॉक्टर ,अंकिता कलवानी, पुष्पा गवलानी सुलोचना जोतवानी, माया सोडेजा इंदु जगवानी मंजू वाधवानी, छाया भक्तानी भावना भाभी, भाविका ,चंदा ,पूनम, रेशमा, आरती गिद्ववानी बबीता, राजकुमारी सजनानी मंजू मूलचंदानी, महक पंजवानी, दिव्या पंजवानी,आशा चंदवानी
अन्य सदस्यों का सहयोग रहा