छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स बना राजनीति का अखाड़ा ?

विजय दुसेजा/सम्पादकीय : जब से छत्तीसगढ़ राज्य बना है शायद ही पहले ऐसा मौका आया हो कि चैंबर में राजनीति जैसी उठा पठक ज्यादा होने लगी है 15 सालों से भाजपा की सरकार थी तो ऐसा कुछ ज्यादा उठा पठक नहीं थी आखिर समय में कुछ उठा पठक ज्यादा ही हो गई, जैसे कांग्रेस की सरकार आई चेंबर में राजनीति बढ़ गई इसमें दो पार्टी बन गई एक पूर्व अध्यक्ष श्री चंद सुदरानी और दुसरा वर्तमान अध्यक्ष अमर पारवानी, दोनों को व्यापारी कम समझने लगे और पार्टी के नेता ज्यादा समझने लगे जैसे श्री चंद को भाजपा का नेता मानते हैं और अमर को कांग्रेस का नेता मानते हैं मेरा कहना है आप निजी तौर पे किसी भी पार्टी से जुड़े रहो उससे हमें कोई सरोकार नहीं है, व्यापारियों को भी सरोकार नहीं है मेन मुख्य जो बात है आप जिस पद में बैठे हैं वह व्यापारी संघ का पद है चेंबर ऑफ कॉमर्स मतलब व्यापारियों का संघ सबसे बड़ा संघ इस संघ के अध्यक्ष की जिम्मेदारी बड़े गर्व की बात है क्योंकि छोटे से छोटा व्यापारी और बड़ा सा बड़ा व्यापारी भी इसके सदस्य होते हैं और है भी हर किसी को दुख तकलीफ परेशानी होती है जैसे अभी करोना काल गुजरा तो व्यापारियों पर पहाड़ टूट पडा,मंदि आ गई, व्यापारियों की कई परेशानियां होती है और जब से जीएसटी आरंभ हुई है तब से व्यापारी वर्ग ज्यादा ही परेशान हो गए हैं बड़े व्यापारी तो अपना काम चल रहे थे लेकिन जो मध्यम वर्ग व्यापारी है वह ज्यादा परेशान होते हैं इन व्यापारियों को कैसे जीएसटी सेवा अन्य कानून से सलीकरण किया जाए कैसे उनका फायदा दिया जाए व एकल खिड़की अपनाई जाए और क्या-क्या इन्हें सुविधा मिले कैसे इनको कम ब्याज में लोन मिले और सरकार कोई भी हो उससे मतलब नहीं है व्यापारी सभी का होता है सभी से उसका संबंध बना रहता है और अच्छा व्यापारी भी वही है जो हर किसी को अपना ग्राहक समझे और ग्राहक भगवान का रूप होता है पर जैसे ही अध्यक्ष अमर पारवानी बने तो एक छत्र राज कायम हो गया,जो पुराना अध्यक्ष था उसका पावर खत्म हुआ और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीत कर आए हैं तो पावर तो बढ़ेगा ही बढ़ेगा अच्छी बात है पर उस पावर का इस्तेमाल व्यापारी हित में होना चाहिए ना कि अपने हित में और न ही अपने लोगों के हित में हो,जैसा कि हमने कुछ लोगों से चर्चा की तो एक कहानी समझ में आती है जैसे एक पार्टी से बात करोगे तो दूसरी पार्टी का बाल खीचेगा और दूसरी पार्टी से बात करोगे तो वह पहले वाली पार्टी के बाल खिचेगा यहां पर भी वैसे ही देखने को मिला पर जो मूल समस्या है उस समस्या का समाधान कैसे हो तो उसके लिए एक अच्छी सी बात मुझे एक व्यापारी ने कही कि यह पद किसी राजनीतिक व्यक्ति को ना मिले बल्कि एक सुलझे हुए इमानदार व्यापारी ही इस पद में बैठे तभी कहानी आगे बढ़ सकती है अगर कोई राजनीति से जुड़ा हुआ व्यक्ति बैठेगा तो स्वाभाविक बात है उसका झुकाव राजनीति की तरफ ही होगा वह उनके लीए कुछ फायदा उठाने की कोशिश करेगा ताकि मुझे भी पार्टी का फायदा हो तो व्यापारियों का हित कहीं ना कहीं इसमें खतरे में पड़ेगा और खतरे में पढ़ चुका है जैसा कि हमें जानकारी मिली पहले चेंबर ऑफ कॉमर्स के 16215 सदस्य थे अभी वर्तमान में 26250 सदस्य हैं मतलब की इन तीन सालों में लगभग 10000 सदस्य नये जोड़े गए और सोशल मीडिया में यह अपनी तारीफ भी कर रहे हैं पोस्ट भी डाल रहे हैं वर्तमान अध्यक्ष के लोग अभी 10000 नए सदस्य कब जोड़े तो सूत्रों से मिली जानकारी आधे से ज्यादा सदस्य हाल ही में कुछ समय पहले जुड़े हैं जब रायपुर में कॉरिडोर बनाने की बात चली कांग्रेस सरकार के आखिरी समय में और भूपेश सरकार ने व्यापारियों के लिए नया कॉरिडोर बनाने की घोषणा की 3000 नए सदस्य रायपुर से जुड़े और बाकी 7000 सदस्य पूरे छत्तीसगढ़ से जुड़े जैसा कि चेंबर के अध्यक्ष ने जानकारी दी नए सदस्यों के बारे में और रायपुर में होलसेल कॉरिडोर बनेगा जिसमें लगभग 10000 दुकान बनेगी इसके लिए वर्तमान अध्यक्ष ने जानकारी दी कि वह बहुत प्रयास कर रहे हैं और भाजपा सरकार के जो मंत्री हैं उनसे भी चर्चा हुई है और बहुत जल्द हमें सफलता भी मिल जाएगी और एक कमेटी भी तैयार की जा रही है जो जो आवेदन दे रहे हैं जमीन के लिए वह आवेदन चेंबर ऑफ कॉमर्स सीधे न लेकर जिस शहर के व्यापारी है उनका संगठन है वह संघ के माध्यम से आवेदन हमारे पास भेजें और छत्तीसगढ़ के व्यापारी को जमीन उपलब्ध होगी जो संघ से जुड़ा होगा अपने-अपने संगठनों से वहां उन्हें आवेदन करना होगा उसके बाद वह संघ हमें बतायेगा, 3 सालो से व्यापारी हित के लिए क्या-क्या कार्य किए गए हैं इसके बारे में अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि…..
यह तो उन्होंने अपने बारे में बताया लेकिन जो हमें सूत्रों से जानकारी मिली है की इन तीन सालों में इन्होंने चेंबर की जो भी बैठक की उसमें जो पूर्व के पदाधिकारी थे और आजीवन सदस्य हैं उनको बैठक की कोई जानकारी सूचना पत्राचार द्वारा नहीं मिलती थी न ही दूरभाष से हां इसके पहले जो अध्यक्ष थे तो उनके कार्यकाल में उनको सूचना मिलती थी लेकिन इस कार्यकाल में ना कोई पत्र न कहीं संचार बस सोशल मीडिया के माध्यम से, अखबारों के माध्यम से ज्ञात होता था की बैठक हुई और यह कार्यक्रम हुआ या कार्य हुआ इसका तात्पर्य यह है कि वर्तमान अध्यक्ष का संपर्क सभी छोटे व्यापारियों से या पुराने पदाधिकारी व सदस्यों से नहीं था या नहीं है ऐसा भी हो सकता है कि उन्हें अपना विरोधी समझकर और संपर्क नहीं रखना चाहते थे इसलिए उन्हें सूचना नहीं मिली मैंने पहले भी कहा है पंच परमेश्वर होता है जब आप किसी भी पद में बैठते हैं वह समाज के अध्यक्ष का पद हो चाहे वह व्यापारी संघ का हो चाहे वह मुख्यमंत्री का हो चाहे वह पार्षद का हो,चाहे विधायक का हो चाहे प्रधानमंत्री का हो , आप सब पंच परमेश्वर के दर्जे में आ जाते हैं और पंच परमेश्वर मतलब भगवान का रूप जब आप कुर्सी में बैठे हैं तो आपका पहला फर्ज बनता है जो छोटे व्यापारी है सबसे बड़ी समस्या उन्ही की होती है उनसे जुड़ने के लिए क्या उपाय किया जाए कैसे उनसे प्रत्यक्ष संपर्क किया जाए ताकि उनकी समस्या सीधे हमारे पास पहुंचे उनका समाधान भी सीधा हम कर सके क्या इसके लिए आपने कोई ठोस उपाय किए ? ऐसी कोई टीम गठित की ?ऐसा कोई कार्य किया ?
और जैसा कि सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि संविधान संशोधन करने की बैठक आयोजित की गई थी और जैसा कि हमें सुत्रौ से प्राप्त जानकारी के अनुसार कि चेंबर के संविधान में संशोधन करने के लिए जितने उसके सदस्य हैं उसका पांचवा भाग सदस्यों का उपस्थित होना अनिवार्य है जैसा की 26000 से ज्यादा सदस्य हैं उस हिसाब से कम से कम 5000 सदस्य उपस्थित होना जरूरी है ताकि संविधान में संशोधन किया जा सके पर जैसे कि हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने जो बैठक की थी उस बैठक में 500 व्यापारी भी उपस्थित नहीं थे और इनका कहना है कि उन्होंने सभी सदस्यों को डाक विभाग के द्वारा सूचना भेजी थी पुराने वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि इस संदर्भ में हमारे पास कोई पत्र या सूचना नहीं आई है तो यहां पर भी मतलब कुछ तो कुछ गड़बड़ है गोलमाल हुआ होगा ?
हम आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि चेंबर के ही कुछ पदाधिकारी आरोप लगा रहे हैं और सोशल मीडिया में चर्चा चल रही है जैसा कि पहले संविधान में लिखा था कि एक व्यक्ति दो बार से ज्यादा अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकता है अब जैसा कि उन्होंने कहा कि संशोधन हो गया है एक व्यक्ति कितने बार भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है यह संशोधन करने की जरूरत क्यों आन पड़ी ?
क्या इसलिए कि वह स्वयं दोबारा चुनाव लड़ना चाहते हैं फिर से अध्यक्ष बनना चाहते हैं ?
अगर ऐसा है तो यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है हर किसी को सेवा का मौका मिलना चाहिए व आगे आना चाहिए अगर एक ही व्यक्ति हर बार अध्यक्ष बनता रहेगा तो युवा पीढ़ी कहां से आगे आ पाएगी ? बड़ों को आशीर्वाद देकर छोटो को आगे बढ़ाना चाहिए और यह पद कोई घर का नहीं है बल्कि समस्त व्यापारियों के हित के लिए बना है ओर व्यापारियों की परेशानियों को दूर करने के लिए बना है उनको सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे मिले जनता को फायदा कैसे पहुंचे यह भी जरूरी है अगर व्यापारी को फायदा होगा तभी तो वह जनता को फायदा पहुंचाएगा और कम दाम पर सामान उपलब्ध कराएगा और अच्छी सेवा दे पाएगा अच्छी गुणवत्ता की सामाग्रियां पहुंचा पाएगा कोरोना काल में जैसा कि व्यापारियों ने अपने परिवार व अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों की सेवा के लिए कार्य किये, छोटे व्यापारियों का हित सुरक्षित हो,ओर कैसे आगे बढ़े इसके लिए भी कार्य योजना बनानी चाहिए चैंबर ऑफ़ कॉमर्स को राजनीतिक का अखाड़ा ना बनाया जाए बल्कि व्यापारियों के हित के लिए यह संगठन बना है तो उनके हित के लिए कार्य किया जाए सबको साथ लेकर आगे बढ़ा जाए चाहे वह छोटा हो चाहे वह बड़ा हो चाहे वह पूराना हो चाहे वह नया सदस्य हो सिर्फ कुर्सी की लालच के लिए खेल खेला ना जाए व्यापारियों के हित के लिए मेहनत और ईमानदारी से कार्य किया जाए साथ ही आप जिस समाज से आते हैं उस समाज को भी आपके द्वारा लाभ मिलता रहे, आपके प्रयास से अगर कुछ सेवा के कार्य होते हैं तो बिना संकोच के कार्य करना चाहिए वह आगे आना चाहिए हर कार्य में राजनीतिक को नहीं लाना चाहिए ,
यह व्यापारी मेरा समर्थक नहीं है, उसका है तो मैं काम नहीं करूंगा , समाज कि पंचायत मेरी समर्थक नहीं है तो उसका कार्य भी नहीं करूंगा ऐसा नहीं सोचना चाहिए जो व्यक्ति व्यापारी हित व समाज हित को सर्वोपरि मानकर आगे आएगा बिना स्वार्थ के कार्य करेगा उसे ही व्यापारियो के इस सर्वोच्च संगठन का अध्यक्ष बनने का अधिकार होना चाहिए अगर रात को 2:00 बजे भी कोई व्यापारी परेशान है वह कॉल करता है तो आपका फर्ज बनता है कि तुरंत उस व्यापारी को उसकी परेशानी दूर करें इसके लिए कार्य किया जाए अगर कहीं थाने में परेशानी में फंसा हुआ है तो आपका फर्ज बनता है कि जाकर उसकी सहायता की जाए जैसा कि सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कुछ घटना ऐसी घटी हैं जिसमें वर्तमान अध्यक्ष ने कार्य नहीं किया जो उसे करना चाहिए था व्यापारियों के हित के लिए ,
यहाँ पर हर कोई अपनी पीठ तो थप थपाता है,मजा तो तब है जब कोई दुश्मन भी कहे कि यार सामने वाला अच्छा आदमी है तब समझना कि आप अच्छा कार्य कर रहे हैं और सही राह पर चल रहे हैं

एक को चुनो पर नेक को चूनो .