ब्रह्मा भोजन  को स्वीकार करने के लिए देवताए भी तरसते है,शास्त्रों में जिसे दुख  भंजन भोजन कहते है – ,राखी दीदी





बिलासपुर:- ब्रह्मा कुमारीज के शिव गुलजार भवन तोरवा में आज
पत्रकार भाई बहनों का आना हुआ
बाहरी वातावरण नेगेटिविटी को देखते हुए खुद के भीतर आंतरिक शक्तियों का विकास कैसे करें   इस विषय पर आदरणीय बीके राखी दीदी ने  मार्गदर्शन दिया …  सभी ने राजयोग का अभ्यास कर शांति और खुशी की अनुभूति की
ब्रह्मा भोजन अर्थात प्रभु प्रसाद स्वीकार किया

ब्रह्मा कुमारीज के शिव गुलजार भवन तोरवा में आज स्नेह मिलन कार्यक्रम में
पत्रकार भाई बहनों का आना हुआ.. कार्यक्रम में वीरेंद्र द्वारा ज्योत से ज्योत जगाते  चलो…बहुत ही सुंदर गीत की प्रस्तुति हुई जिसने सबका मनमोहन लिया.. मेडिटेशन या राजयोग का अभ्यास से हम अपने आंतरिक सोई हुई शक्तियों को वापस जगा  लेते हैं और हमारी आत्म शक्ति  मनोबल हमारी  आत्मिक स्थिति को सशक्त ऊर्जावान और सकारात्मक  बनाने में सहायक होता है
बाहरी नकारात्मक वातावरण दुनिया भी हलचल एक दूसरे के प्रति वैर भाव को देखते हुए खुद के भीतर आंतरिक शक्तियों का विकास कैसे करें   इस विषय पर आदरणीय बीके राखी दीदी ने  मार्गदर्शन दिया …  सभी ने राजयोग का अभ्यास कर शांति और खुशी की अनुभूति की
ब्रह्मा भोजन अर्थात प्रभु प्रसाद स्वीकार किया
ब्रह्माकुमारी सुनयना बहन ने तालियों के माध्यम से एकाग्रता की शक्ति को कैसे बढ़ाए वह रचनात्मक तरीके से एक्सरसाइज के माध्यम से करवाया
इस अवसर पर प्रेस क्लब के सह  सचिव  दिलीप जगवानी जी एवं पूर्व अध्यक्ष आदरणीय वीरेंद्र गवहीई जी
हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा, दैनिक भास्कर से राम ठाकुर, वह राजू कलवानी हेमंत कलवानी मोहन  मदवानी, हरिकिशन गंगवानी,  गोविंद  दुसेजा
तथा अलग-अलग समाचार पत्रिकाओं के भाई-बहन उपस्थित रहे ब्रह्मा भोजन का महत्व बताते हुए राखी बहन ने कहा यह वह भोजन है जिससे हमारे विघ्न समाप्त होते हैं…भगवान  खुद ब्रह्मा भोजन ग्रहण करने के लिए धरती पर आते हैं और यह परंपरा आज से नहीं है बल्कि सिंध से चली आ रही है जब से ब्रह्माकुमारी आश्रम बना  है बाबा के द्वारा तब से सिंध  में ही बाबा ने ब्रह्म भोज का आयोजन कर सभी को एक सुत्र में  पिरोने  का कार्य किया था  ब्रह्म भोज   के आयोजन में सभी धर्म के जाति के लोग आते हैं वह श्रद्धा से स्वीकार्य करते हैं और तन और मन को  तृप्त करते हैं
भगवान हमारी शुद्ध पवित्र श्रेष्ठ भावनाओं को स्वीकृत करते हैं और वही बोल इस भोजन में भरते हैं जो भोजन हम सब ग्रहण करते हैं इस भोजन को दुख भंजन भजन कहा गया है
एवं छोटी बच्ची द्वारा बहुत ही सुंदर नृत्य प्रस्तुति कुमारी ..द्वारा हुई

आए हुए सभी पत्रकार भाई बहनों एवं अन्य लोगों को राखी दीदी के द्वारा बाबा का प्रसाद दिया गया  ,आशीर्वाद दिया गया सम्मान किया गया और कहा यह बाबा का घर के साथ-साथ आपकी बहन का घर भी है तो जब भी मन करे जरूर आए
इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में ब्रह्माकुमारी आश्रम तोरवा के सभी बहनों का भाइयों का विशेष सहयोग रहा

भवदीय
विजय दुसेजा