विभाजन विभीषिका की कहानियां “नामक पुस्तक का केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने  दिल्ली में किया विमोचन






अयोध्या निवासी प्रो. डा. रवि प्रकाश टेकचंदानी ने भी संपादन कर बढ़ाया अयोध्या का मान

दिल्ली/बिलासपुर:- विभाजन विभीषिका की अनसुनी भीषण अत्याचार और विश्व के सबसे बड़े निर्वासन व अब तक हुई सबसे बड़ी जनहानि की मार्मिक कहानी अपने गर्भ में समेटे ” विभाजन विभीषिका की कहानियां” नामक पुस्तक का विमोचन देश की राजधानी दिल्ली में हुआ ।


इस पुस्तक का संपादन करने वाले डॉ सच्चिदानंद जोशी के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ रवि प्रकाश टेकचंदानी की ओर से उनके अनुज अयोध्या निवासी विश्व प्रकाश” रूपन” ने बताया कि इस पुस्तक का गरिमामयी विमोचन भारत सरकार के अनेक मंत्रियों के समूह जिसमें माननीय सांसद भी रहे के साथ केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री थांवर चंद्र गहलोत ने संपादकों की प्रशंसा करते किया।

इस अवसर पर भारत वर्ष के विभिन्न प्रांतों के अनेक अलग विधाओं के मूर्धन्य विद्वानों की उपस्थिति में विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
प्रो रवि ने बताया कि १९४७ में हुए देश के विभाजन में अखण्ड भारत का गर्व रहे सिंध प्रदेश की पूरी दास्तान से देश का अधिकांश वर्ग अनभिज्ञ है।
अपने ही देश के एक प्रदेश से निर्वासित होकर दाना दाना होकर बिखर गये सिंध प्रदेश के सिंधी भाषी हिंदू समाज के लोगों को जो अपार पीड़ा झेलते अपने अस्तित्व के लिए जो संघर्ष किया गया, उसमें की अनेक अनसुनी कहानियां भी इस पुस्तक में पाठकों को मिल जायेगी।

अमेजन की वेबसाइट पर उपलब्ध यह पुस्तक भारत को विश्व पटल पर गर्व कराने वाली सिंधु घाटी सभ्यता की संस्कृति के  प्रतिनिधियों की मार्मिक कहानी बताने का प्रयास भी है।