बिलासपुर:- डांडिया-गरबा महोत्सव में सर्व समाज की महिलाएं एवं बालिकाएं सादर आमंत्रित है। माता रानी की कृपा एवं आप सभी के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित होता आ रहा है। 2001 की बात है फोन आया कि डांडिया गरबा सिखाना है माता रानी का संदेश था और शुरुआत बहुत अच्छे से हुई। मुझे याद है पहले दिन दो-चार लड़कियों से डांडिया गरबा सिखाना शुरू किया और दो-चार दिन में काफिला बन गया, गायत्री मंदिर का हाल छोटा पडने लगा। फिर स्वागत भवन में 24 साल से लगातार *माता रानी* अपने पंडाल में आप सभी को आमंत्रित करती आ रहीं है। हम सभी सखियां माता रानी की मूर्ति के सामने उनकी *स्तुति एवं अराधना स्वरूप डांडिया -गरबा करतें हैं साथ ही जयकारा कर भोग प्रसाद आरती कर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं* ।नवरात्रि के 9 दिन सभी सखियां हर दिन अलग-अलग परिधान में आती है सभी अपने आप में खूबसूरत लगती हैं, पंडाल में किसी तरह की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती है न कपड़ों की न जेवर की और न ही अमीरी गरीबी की,सभी एक समान होकर माता रानी की स्तुति करते है पंडाल से प्रतिदिन लकी ड्रा निकाले जाते हैं। जिन सखियों का लकी ड्रा निकलता है उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। न्यू केसरी क्लब द्वारा नवमी के दिन *विशाल भंडारे* का आयोजन किया जाता है साथ ही *हवन भी करतें हैं।दसवें दिन *माता रानी की विदाई* धूमधाम और गाजे-बाजे से करके उनके अगले वर्ष में आने का इंतजार करते हैं। *हर वर्षों की तरह इस वर्ष भी हमें सौभाग्य से मातारानी की अराधना करने का अवसर मिलरहा हैं* डांडिया गरबा महोत्सव के माध्यम से मनीष गुप्ता, विनोद गुप्ता, सुमित गुप्ता, अरविंद गुप्ता सहित समस्त वैश्य समाज सभी का स्वागत वंदन अभिनंदन करता है।