अग्रवाल अग्रसेन अग्रोहा समाज को है  वरदान माता लक्ष्मी देवी से लक्ष्मी पुत्र होने का

महाराजा अग्रसेन जयंती पर्व  विशेष

बिलासपुर:- महाराजा अग्रसेन ने अपने शासन काल में यज्ञ एवं तपस्या पर बल दिये भगवान शिवजी एंव उनके निर्देश से माता महालक्ष्मी जी कि घोर तपस्या से महालक्ष्मी जी तपस्या से प्रसन्न्र होकर अग्रवाल समाज को लक्ष्मीपुत्र होने का कर वरदान दिया । आज भी अग्रवाल समाज अर्जित अतिरिक्त धन शुभ कार्य मंदिर गौशाला शादी भवन कुआ बावली इत्यादि दान धर्म में खर्च किया जाता है। यह अग्रवालों के संस्कारो में हैं,
अग्रवाल समाज परम सौभाग्यशाली है। अग्रवाल समाज के पितामह संस्थापक श्री श्री 1008 श्री अग्रसेन  महाराजा का साक्षात्कार महाभारत काल में श्रीकृष्ण  भगवान  हुआ था । पांडवों क तरफ से युद्ध में लड़ते हुए महाराजा अग्रसेन के पिता वल्लभ सेन विरगति को प्राप्त हुए । ततपश्चात 15 वर्ष आयु में महाराजा अग्रसेन जी का युद्व में शौर्य दिखाने का अवसर प्राप्त हुए। शोककुल अग्रसेन जी को श्री कृष्ण ने सांत्वना दी । परम प्रतापी यश कीर्ति होने का  वरदान दीये।  अग्रसेन जी ने नागवंश के शासक कि कन्या माधवी से विवाह कर अपनी शक्ती बल एंव संगठन का विस्तार किया ।उन्होंने लोकतंत्र समाजवाद कि परंपरा का प्रचलन प्रारंभ किया तथा राजधानी अग्रोहा में स्थापित किया   महाराजा अग्रसेन जी ने प्रत्येक साधन हीन आगंतुक परिवार को अग्रोहा के प्रत्येक घर से एक ईंट एक रूपए देकर साधन सम्पन्न बनाने कि समतापूर्ण निति निर्धारित किये म अपने 18 पुत्रो के लिए 18 जनपदों में हर एक को जनपद का अधिशासी बनाये ।
उन्होंने यज्ञ में शामिल 18 ऋषियों के नाम पर 18 गोत्रों का स्थापना किया ।
जीवन के उत्तरार्ध में अपने राज्यपाठ जेष्ठ पुत्र को शौप पर वानप्रस्थ को चले गए । उक्त जानकारी राजेंद्र अग्रवाल राजू कार्यकारी अध्यक्ष  छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन  ने दी।