आनंद विहार टर्मिनल से रक्सौल जा रही एक महिला यात्री, जो सद्भावना एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 14018) के B-1 कोच में बर्थ नंबर 11 पर यात्रा कर रही थी, ने रास्ते में असहज महसूस किया और मदद के लिए रेलवे से संपर्क किया। ट्रेन बलिया से आगे बढ़ने पर समस्या बढ़ने लगी, तो उन्होंने रेल मदद ऐप का इस्तेमाल करते हुए सेनेटरी पैड की मांग की।यह संदेश कंट्रोल रूम के माध्यम से छपरा रेलवे स्टेशन स्थित टीसी कार्यालय तक पहुंचा। वहां टीसी प्रतिमा कुमारी ने बिना किसी संकोच के महिला यात्री की जरूरत को समझते हुए अपने सहयोगी को बाजार भेजकर सेनेटरी पैड मंगवाया। जैसे ही सद्भावना एक्सप्रेस छपरा जंक्शन पहुंची, प्रतिमा कुमारी ने खुद प्लेटफार्म नंबर तीन पर जाकर महिला यात्री की सीट पर पैड उपलब्ध कराया और उनका हालचाल भी पूछा। महिला ने न केवल रेलवे की इस मदद के लिए धन्यवाद दिया, बल्कि पैड की कीमत भी चुकाई।छपरा स्टेशन के टीसी कार्यालय के अनुसार, यह पहली बार था जब किसी महिला यात्री ने इस तरह की मांग की, और इसे पूरे सम्मान और संवेदनशीलता के साथ पूरा किया गया। यात्रियों और सहयात्रियों ने भी रेलवे की इस पहल की सराहना की।
आनंद विहार टर्मिनल से रक्सौल जा रही एक महिला यात्री, जो सद्भावना एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 14018) के B-1 कोच में बर्थ नंबर 11 पर यात्रा कर रही थी, ने रास्ते में असहज महसूस किया और मदद के लिए रेलवे से संपर्क किया। ट्रेन बलिया से आगे बढ़ने पर समस्या बढ़ने लगी, तो उन्होंने रेल मदद ऐप का इस्तेमाल करते हुए सेनेटरी पैड की मांग की।यह संदेश कंट्रोल रूम के माध्यम से छपरा रेलवे स्टेशन स्थित टीसी कार्यालय तक पहुंचा। वहां टीसी प्रतिमा कुमारी ने बिना किसी संकोच के महिला यात्री की जरूरत को समझते हुए अपने सहयोगी को बाजार भेजकर सेनेटरी पैड मंगवाया। जैसे ही सद्भावना एक्सप्रेस छपरा जंक्शन पहुंची, प्रतिमा कुमारी ने खुद प्लेटफार्म नंबर तीन पर जाकर महिला यात्री की सीट पर पैड उपलब्ध कराया और उनका हालचाल भी पूछा। महिला ने न केवल रेलवे की इस मदद के लिए धन्यवाद दिया, बल्कि पैड की कीमत भी चुकाई।छपरा स्टेशन के टीसी कार्यालय के अनुसार, यह पहली बार था जब किसी महिला यात्री ने इस तरह की मांग की, और इसे पूरे सम्मान और संवेदनशीलता के साथ पूरा किया गया। यात्रियों और सहयात्रियों ने भी रेलवे की इस पहल की सराहना की।