सिंधी समाज दिवाली को हटडी त्योहार के रूप मे भी मानता है ,मनीष


बिलासपुर:- आखिर यह हटडी क्या है?सिंधी कॉलोनी बिलासपुर निवासी मनीष गुरबानी ने बताया कि वह भारत सहित पूरी दुनिया भर में सबसे बड़ा त्योहार दिवाली मनाई जाती है देश और विदेशों में दिवाली की धूम देखने लायक होती है सिंधी समाज पूरे दुनिया भर में फैला हुआ है ज्यादातर सिंधी समाज उद्योगपति है, उनके लिए दिवाली में हटडी पूजा का खास महत्व है क्योंकि सिंधी समाज मे मान्यता है की हटडी को पूजने से धंधे व्यापार में बहुत  बरकत होती है,व तरक्की मिलती है ५००० वर्ष पुरानी सिंधी सभ्यता और संस्कृति में भी हटडी का जिक्र है हटडी का असली मतलब होता है ,
  हट मतलब दुकान जिस भी सिंधी परिवार में लड़का पैदा होता है तो उसकी पहली दिवाली पर ही उसके नाम से हटडी पूजी जाती है, उसके पीछे एक ही महत्व होता है बच्चा व्यापार करेगा और लक्ष्मी मां  इसको धंधे  व्यापार में बरकत देगी, पुरातत्व विभाग की खुदाई के वक्त मोहन जो दड़ों   में जो अवशेष मिले थे,वो तकरीबन ५०००  वर्ष पुराने थे उसमें मिले अवशेषों में व्यापार से संबंधित वस्तुओं का भी शुमार था, उस वक्त भी काफी उन्नत , सिंधी सभ्यता थी हटड़ी मंदिर नुमा होती है जिसमें माता लक्ष्मी और अन्य देवी देवताओं को विराजमान किया जाता है और दिवाली से तीन दिन चांद रात तक पूजा की जाती है इसमें व्यापार उद्योग में बड़ी सफलता मिलती है ऐसे हमारे बड़े बुजुर्गों का कहना रहा है पूरी दुनिया में अब भी यही प्रथा चल रही है ,और ,सिंधी समाज  माता लक्ष्मी की कृपा से बहुत तरक्की कर रहा है, जय झूलेलाल सभी भारत वासियों को दीपावली की बधाइयां और शुभकामनाएं, सभी के ऊपर  माँ लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहे आपका अपना मनीष गुरबानी सिंधी कॉलोनी बिलासपुर छत्तीसगढ़ 8319664487



भवदीय
विजय दुसेजा