पूरण संतों का प्राकट्य जीव कल्याण के लिए होता है।

लेखराज मोटवानी : 18 नवम्बर सोमवार को हरेमाधव परमार्थ सत्संग समिति माधवनगर कटनी ने परम श्रद्धेय सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी के पावन सानिध्य में हरेमाधव प्राकट्य दिवस मनाया, 18 नवम्बर 1975 रात्रि 12:48 को हरेमाधव पंथ के उन्नायक सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी का जन्म प्राकट्य हुआ ।

 हरेमाधव पारब्रम्ह प्रभु हर युग, काल में पूरण तत्वदर्शी सतगुरु के रूप में अवतरित होकर अपने दिव्य संदेश, वचन-वाणियाँ जीवात्माओं के उद्धार वास्ते प्रगट करते हैं । ऐसे पूरण संत सतगुरु मृत्यु जगत में अति दुर्लभ हैं। आप हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हरेमाधव प्रभु की प्रगट मूरत जीवन मुक्त सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी की ओट में हैं। पहले के युगों में ब्रम्हवेता तत्वदर्शी पुरुख संस्कृत श्लोकों में पारब्रम्ह प्रभु के हुकुम को प्रगट करते, आज कलिकाल में जीवनमुक्त तत्वदर्शी सतगुरु प्रभुमय वाणियाँ फरमाकर जीवात्माओं को चिताते - जगाते हैं, जिनमें यथार्थ, दिव्यमण्डलों के गहन परमत्व प्रकाश का भेद भरपूर है। यह प्रभुमय वचन वाणियाँ केवल कमाई वाले नित्य अवतार तत्वदर्शी सतगुरु ही उच्चारित करने में सर्वसमरथ हैं, आगे चलकर फिर इन प्रभुमय वाणी-वचनों से सर्व कल्याण के लिए सद् ग्रंथ शास्त्र बनते हैं ।
 कलिकाल में नित्य अवतार भजन सिमरन के भंडारी, पुरण तत्वदर्शी सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी भजन श्रीमुख से हरेमाधव सद्ग्रन्थ वाणियाँ सुनाकर जीव जगत को सच्चा संतमत उपदेश, अमरत्व की ओर ले जाने वाला अमरत्व का सत्मार्ग दे रहे हैं।  पुरण हरिराय सतगुरु सच्ची भक्ति, शाश्वत प्रेम और शाश्वत मुक्ति के भंडारी दाता हैं। आदिकाल से, निमित्त अवतार, जपियों, योगियों और संतों ने भी पुरण सतगुरु की शरण पावन सत्संगिती में सेवा की है, उनके समय के शाश्वत अवतार ने कृपा  आशीर्वाद को प्राप्त अर्जित किया है। शाश्वत मोक्ष मुक्ति को पाया,  ऐसे पुराण सतगुरु की पवित्र शरण, कृपा और कृपा से साधारण मनुष्य भी दिव्य गुणों से परिपूर्ण हो जाते हैं।

आज 18 नवम्बर सोमवार को हरेमाधव दरबार साहिब में प्राकट्य दिवस मनाया गया इस सुअवसर पर देश के अनेक नगरों से हरेमाधव श्रद्धालु पधारे जिनके ठहराव एवं आहार की व्यवस्था हरेमाधव परमार्थ सत्संग समिति माधवनगर कटनी के द्वारा की गई,
हरेमाधव दरबार साहिब से शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जिसमें सुसज्जित रथ पर सतगुरु जी विराजमान सब पर मेहर बरसाते रहे शोभायात्रा में सर्वप्रथम समिति के पदाधिकारी, ईश्वरनादम् पथक की संगीतमय प्रस्तुतियां, हरेमाधव यूथ एवं हरेमाधव रुहानी बाल संस्कार के बाद गोपालों ने विभिन्न क्षेत्रों की पारम्परिक वेशभूषा में अपनी नृत्य प्रस्तुति देते हुए अपने निर्मल भाव पावन श्री चरणों में समर्पित करते रहे, शोभायात्रा बाबा माधवशाह चिकित्सालय के सामने सुसज्जित पंडाल पहुंची ।
हरेमाधव सत्संग की शुरुआत अरदास मेरे सतगुरां हम शरण तेरी आए से हुई तत्पश्चात चरण वंदना, नमन, हरेमाधव भजन राग, संकीर्तन, हरेमाधव सद् ग्रंथ वाणियों का गायन कर उनके अर्थो , महिमाओ का वाचन किया, । आरत वंदन, रुहानी परिवार का स्वागत, हरेमाधव रुहानी बाल संस्कार के नन्हे मुन्ने बच्चों की प्रस्तुतियां,, अनेक संगतों द्वारा केक कटवाया गया, भजनों पर श्रद्धालु झूमते नाचते हुए भाव भक्ति से खुशियां मनाई। सभी संगतों ने सतगुरु जी से आशीर्वाद प्राप्त कर हरेमाधव ब्रम्हभोज से मुख पवित्र किया।

इसके साथ सुभाषचौक एवं गुरुनानक मार्केट में भंडारा प्रसाद वितरण कर श्रद्धालुओं ने प्राकट्य दिवस पर खुशियां मनाई ।

बाबा माधवशाह चिकित्सालय में
कटनी ब्लड डोनर्स एंड वेलफेयर सोसायटी एवं हरेमाधव श्रद्धालुओं ने संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर बाबा माधवशाह चिकित्सालय में आयोजित किया गया जिसमें 137 रक्तदाताओं ने रक्तदान कर पुण्य लाभ अर्जित किया,