सरकार की सूरत बदल चुकी है ब्यूरोकेटस् की सीरत नहीं बदली



सुकमा :बस्तर संभाग के अंतिम जिले सुकमा की नगरपालिका में भ्रष्टाचार की पोल खुली।कुछ दिनों पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार के वन मंत्री केदार कश्यप ने लगभग तीन करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों की घोषणा की, वहां की जनता, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ता उसका स्वागत भी किया…
*अदृश्य शक्ति का निर्देश*
2018 से 2023 तक जो कांग्रेस की सरकार थी वैसे तो नगर पालिका सुकमा में कांग्रेस की आज भी एक सरकार है और वहां टेंडर कि प्रक्रिया और अन्य मामले को लेकर भाजपा मुखर रही है भ्रष्टाचार नहीं चलेगा, उसका विरोध किया, लेकिन भाजपा की सरकार आते ही….?
*अब शिकायत…*
पता नहीं किस अदृश्य शक्ति के प्रभाव में नगर पालिका प्रशासन और खासकर मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने विभागीय बेबसाइट/इंटरनेट प्रक्रिया अपनाना छोड़ या समाचार पत्रों में विज्ञापन देना छोड़कर, फिर वही ऑफलाइन टेंडर का खेल हो गया है ऐसा बताया जा रहा है अगर ऐसा है तो आखिर भ्रष्टाचार कब समाप्त होगा और यह मैनेजमेंट करके टेंडर प्राप्त करने के प्रक्रिया सुकमा नगर पालिका परिषद के साथ ही जिले में अन्य विभाग के भी टेंडर जो मैनेजमेंट से हो रहे हैं उसका भाजपा के नेता पदाधिकारी विरोध करने मैदान में उतर चुके हैं और उन्होंने उसकी शिकायत भाजपा संगठन को कर दी है….
*…भ्रष्टाचार जारी है*
अब बस्तर संभाग के लोकप्रिय आदिवासी नेता प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप के साथ ही प्रदेश भाजपा संगठन को ध्यान में लेना चाहिए और अगर कोई गंभीर अनियमितता का खुलासा हुआ है तो टेंडर प्रक्रिया, निरस्त कर नियमानुसार करने का निर्देश मंत्री को देना चाहिए….नहीं तो यही माना जाएगा सरकार बदली, मंत्री के चेहरे बदले, लेकिन ब्यूरोक्रेसी की सूरत वही रहेंगे और वैसे ही भ्रष्टाचार चलते रहेगा….

कब तक आदिवासियों का शोषण और भ्रष्टाचार चलता रहेगा कभी इस पर लगाम लगेगी या नहीं….