ऑनलाइन गेमिंग से नुकसानों पर काबू पाने आवश्यक कार्रवाई के लिए नये कदम

शारीरिक तनाव से जुड़े सभी ऑनलाइन गेमिंग नुकसानों पर काबू पाने में प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें शिक्षित करने की सिफारिश की गई है।इसके अतिरिक्त, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 4 दिसंबर, 2020 को सभी निजी सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों को ऑनलाइन गेम्स, फैंटेसी स्पोर्ट्स आदि पर विज्ञापन के बारे में एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें सभी प्रसारकों को सलाह दी गई है कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए और टेलीविजन पर प्रसारित विज्ञापनों में भी उन्हीं का पालन किया जाए। दिशा- निर्देशों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है (1) किसी भी गेमिंग विज्ञापन में 18 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को नहीं दिखाया जाना चाहिए। (2) ऐसे प्रत्येक गेमिंग विज्ञापन में प्रिंट/स्टेटिक तथा ऑडियो/वीडियो फॉर्म में एएससीआई कोड के अनुरूप डिस्कलेमर होना चाहिए, जिसमें यह दर्शाया गया हो कि इस गेम में वित्तीय जोखिम शामिल है तथा यह व्यसनकारी हो सकता है। (3) विज्ञापनों में गेम को वैकल्पिक रोजगार के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए। (4) उन्हें यह भी नहीं दर्शाना चाहिए कि गेमिंग गतिविधि करने वाला व्यक्ति किसी भी तरह से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 21 मार्च, 2024 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित मीडिया को एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म और/या इन प्लेटफॉर्म को छद्म तरीके से दर्शाने वाले किसी भी ऐसे उत्पाद/सेवा के विज्ञापनों को प्रकाशित या प्रसारित करने से परहेज करने को कहा गया है। ऑनलाइन विज्ञापन बिचौलियों को भी सलाह दी गई है कि वे ऐसे विज्ञापनों को भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखकर न दिखाएं।गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की है। एमएचए ने सभी प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने में जनता को सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल भी लॉन्च किया है।इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाओं को कानून के प्रावधानों के अनुसार आगे की कार्यवाही के लिए संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की कानून प्रवर्तन एजेंसी को भेजा जाता है। पोर्टल में महिलाओं/बच्चों से संबंधित अपराधों और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए अलग-अलग तंत्र हैं।ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 चालू किया गया है।यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ऑनलाइन गेमिंग से बच्चों पर दुष्प्रभाव-मामले की संसदीय शीतकालीन सत्र में गूंज-भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का लिखित उत्तर पेशप्रौद्योगिकी के नए युग में बच्चों पर पढ़ने वाले मानसिक शारीरिक व भावनात्मक प्रभावों कोरेखांकित करना ज़रूरी।शिक्षा मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर शिक्षकों वअभिभावकों के लिए जारी एडवाइजरी 2021व सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को सख़्ती से क्रियान्वयन करना  समय की मांग है।

-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास