
सात अलौकिक रंगों से खेले होली, पवित्रता है खुशी का आधार: बीके मंजू
आध्यात्मिक होली पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए…
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर में ज्ञान चर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ होली का त्यौहार अलौकिक रीति से मनाई गई। कु मल्लिका ने संग के रंग मे खूब मनाउ होली बाबा , कु माही और कु माल्या ने सात रंग मे खेल रही है गीत पर प्रस्तुति दी। बीके प्रीति और तनु द्वारा प्रस्तुत कमाई तो बहुत फिर भी कड़की रहती है प्रसंग का लोगो ने भरपूर आनंद लिया।
बीके मंजू ने कहा कि जैसा कि होली शब्द का अर्थ पवित्रता है, होली त्यौहार भी सभी मनुष्य आत्माओं का पवित्र बनकर परमधाम जाने का यादगार है। हो ली का अर्थ यह भी है कि जो बीत गई सो बीत गई, उसे चित्त पर नही रखना। आत्मा अगर परमात्मा की हो ली तो सभी जिम्मेदारी परमात्मा की।
आगे कहा कि हर मनुष्य पर अविनाशी ज्ञान का रंग, याद का रंग, अनेक शक्तियों का रंग, गुणों का रंग, श्रेष्ठ वृत्ति दृष्टि, शुभभावना, शुभकामना का रूहानी रंग लगाओ तो परमात्मा के निकट का अनुभव कर सकेंगे ।
परमात्मा को भोग स्वीकार कराया गया । मंजू दीदी ने सभी को गुलाल का टीका लगाया, सभी ने परमात्मा की याद मे भोग ग्रहण किया।