चैटीचंद्र के अवसर पर श्री झूलेलाल मंदिर चकरभाठा में संत सांई लाल दास जी का सत्संग कीर्तन का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरूआत भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास जी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर पूज्य बहराणा साहब की अखंड ज्योत प्रज्वलित करके की गई इस अवसर पर अनील पंजवानी के द्वारा कई भक्ति भरे भजन गाए गए जिसे सुनकर। भक्तजन झूम उठे,

सांई जी के द्वारा अपनी अमृतवाणी में चेटीचंद्र महोत्सव भगवान झूलेलाल जी के अवतरण दिवस की सभी भक्तजनों को बधाइयां और शुभकामनाएं दी और कहा कि आज का दिन बडा ही, शुभ पावन दिन है की चैटीचंद्र महोत्सव है हिंदू नव वर्ष है नवरात्रि है ऐसे पावन अवसर पर पावन दिन पर हम सभी को अपने दिल से मन से एक दूसरे के प्रति जो खटास हो उसको खत्म कर देना चाहिए नया वर्ष नया दिन नई शुरुआत प्रेम से करनी चाहिए एक दूसरे को माफ करने से करनी चाहिए और खुशी के दिन में सभी को अपना बनाना चाहिए आप हमारे हो हम आपके हैं यही है प्रेम व एकता का संदेश भगवान झूलेलाल ने भी मृरग शाह बादशाह को मारा नहीं बल्कि उसको सुधार कर सद्व मार्ग पर धर्म के मार्ग पर लेकर आए हमें भी इसी तरह, व्यक्ति से गृणा नहीं करनी है बल्कि उसके जो कुरकर्म है उससे गृणा करनी चाहिए और व्यक्ति को सुधार कर सद्व मार्ग पर लाना चाहिए और कोई व्यक्ति अगर अपनी गलती मानकर , सुधरना चाहता है तो उसे गले लगाना चाहिए इस अवसर पर पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाठा

के अध्यक्ष सुरेश फोटानी
पूज्य सिंधी रियासती पंचायत के अध्यक्ष मनोहर लाल मलघानी का बाबा गुरमुख दास सेवा समिति के सदस्यों के द्वारा स्वागत किया गया संत सांई लाल दास जी के द्वारा छाल पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया गया
कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई प्रार्थना की गई पल्लव पाया गया प्रसाद वितरण किया गया वह पूज्य बहाराणा साहब को ढोल बाजे के साथ मंदिर से निकलकर तालाब पहुंचकर विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया

वह अखंड ज्योत को परवान किया गया आए हुए सभी साध संगत के लिए आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया, इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास
सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप सिंधी महिला मंडल ,
सिंधी युवा मंडल के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा