
रायपुर : सिन्धी समाज के युवाओं में धर्म के प्रति जागरूकता और समर्पण लाने के लिये विगत कई वर्षों से सिन्धु एकता संघ की पहल अनवरत जारी है। प्रतिवर्ष भगवान गणेश और माँ दुर्गा की तर्ज पर सिन्धी समाज के घरों भगवान झूलेलाल विराजमान हो रहे है, और युवाओं में अपने धर्म के प्रति प्रेम आदर और भक्ति लगातार बढ़ रही है। सिंधु एकता संघ सिंधी समाज रायपुर द्वारा मनाए जा रहे झूलेलाल उत्सव के अंतर्गत चेट्रीचंड्र के दूसरे दिन पांच दिवसीय झूलेलाल उत्सव का समापन भगवान झूलेलाल की मूर्तियों के विसर्जन के साथ हुआ। जिसमें सिन्धी समाज के लोगों ने भगवान झूलेलाल को नम आँखों से विदाई दी है।
इस हेतु सिन्धु एकता संघ के संस्थापक सुभाष बजाज आयोजन के संयोजक रमेश मिरघानी अध्यक्ष चंद्र कुमार माखीजा ने बताया कि साईं लालदास जी की प्रेरणा से शुरु हुआ यह आयोजन पांच दिवसीय झूलेलाल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। चेट्रीचंड्र मनाने के पश्चात 31 मार्च को भगवान झूलेलाल की मूर्तियों के विर्सजन के साथ झूलेलाल उत्सव का समापन हुआ आज सुबह से ही समाज जनों ने विसर्जन शुरू कर दिया अलग-अलग क्षेत्र में अपने-अपने स्तर पर लोगों ने विसर्जन किया। पांच दिनों तक भगवान के सामने कलश में रखे गए जल को घर में छिड़क कर भगवान झूलेलाल की मूर्ति की घर में परिक्रमा करवाई गई ताकि घर में जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा है वह सब समाप्त हो जाए व भगवान झूलेलाल की सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करें।
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बुजुर्ग युवा व बच्चे सभी भगवान झूलेलाल की मूर्ति लेकर विसर्जन के लिए निकले एक दो तीन चार भगवान झूलेलाल की जय जयकार के नारों के साथ भगवान झूलेलाल को नम आंखों से विदा किया गया अगले बरस जल्दी आने का वादा लेकर नदी किनारे भगवान झूलेलाल का आरती पंजड़ा व अक्खे का मंत्र पढ़कर पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात विधिवत रूप से भगवान झूलेलाल की मूर्तियों का विसर्जन किया गया आयोजन को सफल बनाने में संस्थापक सुभाष बजाज, आयोजन के संयोजक रमेश मिरघानी, अध्यक्ष चंद्र कुमार माखीजा कुमार बोधवानी, सुरेंद्र जेसरानी, रिक्की जुडानी, योगेश नानवानी, अमित मूलचंदानी सहित सभी सदस्यों की मुख्य भूमिका रही।