भर्ती में गड़बड़ी, नियमित कुल सचिव सहित अन्य मांगो को लेकर 13 दिनों तक नियमित होगा प्रदर्शन
बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन की शव यात्रा निकालकर पुतला दहन किया। एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय में शैक्षणिक पदों की भर्ती में गड़बड़ी, वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर कुलपति सहित अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से तुरंत जाँच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने वर्ष 2024-25 में शैक्षणिक पदों की भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए आरक्षित पदों को भरा हुआ दिखाकर गलत आरक्षण रोस्टर तैयार किया गया और 14 जून 2024 को विज्ञापन जारी किया गया। इसके अलावा, कुछ पदों पर जल्दबाजी में साक्षात्कार कराकर नियुक्तियाँ तक कर दी गईं, जबकि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन था। संगठन ने इसे पूरी तरह से अवैध करार दिया है। एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को देखते हुए राज्य सरकार से तत्काल उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि कुलपति को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा-52 के तहत तत्काल हटाया जाए और अन्य दोषी अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।
*वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप*
रंजेश सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर करोड़ों रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया है। आरोप है कि 2023 में बिना टेंडर निकाले निजी फर्म को वर्क ऑर्डर जारी कर करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया। इसी तरह, 2022 में आईयूएमएस लागू करने के लिए भी बिना टेंडर के एक फर्म से एमओयू कर 50 लाख रुपये अग्रिम भुगतान किया गया, कार्य संतोषजनक नहीं हुआ फिर पुनः दर में वृद्धि कर बिना टेंडर निविदा जारी के एमआईसीएस भोपाल को दे दिया वर्क ऑर्डर जो आज तारीख तक संचालित हो रहा बिना टेंडर निविदा,ऑडिट आपत्ति के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसी फर्म को करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा रहा है ।
*कुलपति पर वित्तीय अपव्यय और निजी प्रचार का आरोप*
एनएसयूआई का आरोप है कि कुलपति प्रोफेसर ए.डी.एन. बाजपेयी ने विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग किया है। वह बिना सरकारी अनुमति के विदेश यात्राएं कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के बजट का इस्तेमाल कर स्वयं का प्रचार कर रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर और बिलासपुर शहर में उनके फोटो लगे पोस्टर और बैनर लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी कविताओं और रचनाओं का पाठ करवाने के लिए भी विश्वविद्यालय की निधि का उपयोग किया है।
*नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला*
एनएसयूआई रंजेश सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव श्री शैलेन्द्र दुबे की पदोन्नति को नियम विरुद्ध बताते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है। संगठन का कहना है कि उनकी पदोन्नति उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई, जिसमें डॉ. राजलक्ष्मी सेलट और श्रीमती शारदा वर्मा की भूमिका रही है।
*प्रदर्शन में जुटे सैकड़ों छात्र*
एनएसयूआई के इस प्रदर्शन में पुष्पराज साहू, प्रदीप सिंह, करन यादव, सुमित ठाकुर, राजा खान , विनीता विश्वकर्मा, यशोदा वारे, ओमप्रकाश मानिकपुरी, मीत सोनवानी,जीतू ठाकुर, वेद राजपूत ,विकास बनर्जी, श्यामशेखर, दीपक, बलराम, सोल्जर सोनवानी, राहुल मानिकपुरी, गजेंद्र यादव, भोलू मानिकपुरी, करन पटेल, विकास यादव , राजेश देवांगन, कार्तिक साहू, सुदामा साहू सहित बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुतला दहन कर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है यह कार्यक्रम 13 दिनों तक दशगात्र मुंडन कार्यक्रम से लेकर तेरहवीं भोज तक जारी रहेगा उसके बाद भी कारवाही नहीं कि तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
