विजय की ✒ कलम
लंबे वक्त के बाद काफी बहस के बाद जेपीसी के पास जाने के बाद कई संशोधन होने के बाद आखिरकार वक़्फ बोर्ड बिल 2024 लोकसभा और राज्यसभा में, पास हो गया,
अब यह कानून बन गया पर जिस तरह संसद के दोनों सदनों में ,गर्मा गर्मी बहस हुई और उसके बाद, विपक्ष ने इसका विरोध करना और ज्यादा शुरू कर दिया जिसके कारण पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वह उत्तर प्रदेश के एक शहर में ओर पूर्वोत्तर राज्य के शहर में हिंसा भड़क उठी सबसे ज्यादा हिंसा भड़की है पश्चिम बंगाल में वहां पर खुलेआम सड़कों पर जिस तरह पुलिस की गाड़ियों को जलाया गया उसको देखकर तो यही लगता है कि उन्हें पूरी छूट दी गई थी?
आखिर इन सब का जिम्मेदार कौन है?
वैसे भी बंगाल में ममता एक धर्म के खास लोगों पर मेहरबान रहती है और पूरी ममता उन पर लुटा देती है?
इसलिए उनको कोई रोकने वाला टोकने वाला मना करने वाला कोई नहीं है, चाहे इसमें लोगों की जान जाए और जितना भी आगजनी हो नुकसान हो किसी बात की परवाह नहीं करती? बस वह,ओर उसका वोट बैंक खुश रहना चाहिए?
ऐसा ही हाल पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी है जब से तकता पलट हुआ है शेख हसीना सरकार को गिराया गया है और वहां की सत्ता में यूनुस सरकार बैठी है तब से वहां पर भी कट्टरपंथीयो को खुली छूट दे दी गई है हिंदुओं के ऊपर अत्याचार करने की वह लूटमार करने की ऐसा ही हाल अब पश्चिम बंगाल में भी हो गया है?
बिना सोचे समझे बिना पढ़े बिना जाने विरोध पर सड़कों पर उतर आना वह दंगाइयों वाला कार्य करना कहां तक उचित है?
और जो नेता 🔥आग में घी डालने का काम कर रहे हैं सबसे पहले तो वह अपनी प्रॉपर्टी को वक़्फ़ बोड के नाम कर दे अगर उनको इतना ही प्रेम है तो?
बड़ा आचार्य होता है कि किसी एक धर्म के लोगों के वोट को इतना पावर दे दिया गया कि वह कोई भी प्रॉपर्टी को अपनी बोर्ड की प्रॉपर्टी बोलकर उस पर कब्जा कर सकता था?
सही मायने में संविधान एक है देश एक है कानून एक है तो फिर एक धर्म के लिए ऐसे कानून क्यों बनाए गए? जिससे बहु संख्यक को दुख हो तकलीफ हो परेशानी हो वह उन पर अत्याचार करने की खुली छूट क्यों दी गई?
यह सब कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में हुआ है देश तो आजाद हो गया पर इनका मुंह सिर्फ एक धर्म को खुश करने में लग रहा जिसके कारण देश का बंटवारा हुआ और उसका भुगतान आज भी संनातन धर्म के लोग भुगत रहे हैं सबसे ज्यादा सत्ता में वही पार्टी रही या उसकी गठबंधन से बनी हुई पार्टी रही पर सबका एक ही हाल है एक धर्म के लोगों को खुश करना?
और अपनी सत्ता को बनाए रखना पर जो घटनाएं घट रही हैं वक़्फ बोर्ड बिल पास होने के बाद जिस तरह विरोध ,अब जमीन पर उतर आया है, तोड़फोड़ में उतर आया है वह गलत है और जैसा वह बंगाल में हुआ है और जिस तरह वहाँ पर नारे लगा रहे थे वह भी गलत है किसी भी व्यक्ति को या समुदाय को ऐसी खुली छूट नहीं दी जा सकती?
कोई भी समुदाय या व्यक्ति,
देश, संविधान और कानून से बड़ा ना कभी था ना कभी होगा,
कानून का और संविधान का सबको ईमानदारी से पालन करना होगा विरोध करें पर विरोध के नाम पर तोड़फोड़ आगजनी और दंगा करना यह अधिकार किसी को नहीं दिया जाएगा,
और ना दिया जाना चाहिए?
लोकतंत्र में आपको विरोध करने का पूरा अधिकार है आप एक जगह स्थान में बैठकर जहां पर किसी भी व्यक्ति को परेशानी ना हो
वहाँ पर आप बैठकर अपना विरोध करें वहां पर अनशन करें भुख हड़ताल करें कोई मना नहीं है
पर सड़कों पर हंगामा करना अन्य आम जनता को परेशान करना वह उनकी दुकानों को लूटने तोड़फोड़ करना पुलिस 👮की गाड़ियों को 🔥जलाना यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ,
75 साल से बर्दाश्त कर रहे हैं अब और बर्दाश्त नहीं होगा?
इसलिए कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे आपका या आपके कोंम का नाम और खराब हो?
बल्कि शांति प्रिय, रहकर आप अपनी बात रखें और विरोध दर्ज करें उसके लिए कोई मना नहीं है उससे पहले एक बार वक़्फ बोर्ड बिल को आराम से पढ़ ले समझ ले फिर आप निर्णय ले ,
कि यह बिल आपके पक्ष में है या विपक्ष में है सुनिश्चित करे,
ओर सुनी सुनाई बातों पर ध्यान न दे इसमें ही आपका आपके परिवार का आपके कोंम का भला है,
सही सोच सही निर्णय देश हित में है और आपके भी हीत में है
ओर यह देश आपका भी है
चंद देश के गद्दारों व भ्रष्ट नेताओं के भवकावे में ना आए,
सोच समझ कर शांति से अपने-अपने घरों में रहे यह कानून आपके हित में है आपके कोंम के हित में है और देश हीत में भी है
आप सभी इसका विरोध नहीं, बल्कि समर्थन करें इसमें ही सबका भला है
संपादकीय