- सभी के जीवन में खुशहाली के लिए गीता ज्ञान की भूमिका अहम् …
- ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी व ब्र.कु. गायत्री बहन ने लिया गीता ज्ञान का प्रशिक्षण
- 114 ज्ञानयुक्त कलाकृतियों से बने म्यूजियम एवं चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से सीखी गीता ज्ञान को सहज समझाने की विधि
- गीता ज्ञान लोक, हुबली (कर्नाटक) में सम्पन्न हुई सात दिवसीय ट्रेनिंग
बिलासपुर टिकरापारा :- सर्व मनुष्य आत्माओं को दुख-अशांति से छुटकारा दिलाने एवं आदि सनातन देवी देवता धर्म की पुनर्स्थापना के लिए जन-जन तक गीता ज्ञान को पहुंचाना आवश्यक है क्योंकि गीता स्वयं भगवान की वाणी है। वही ईश्वर ही सुख, शान्ति, आनंद, प्रेम, पवित्रता के सागर, सर्व शक्तिमान हैं, वे ही सर्व मनुष्यत्माओं की शुद्ध मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे। इसलिए उनसे सीधा संबंध जोड़ना आवश्यक है।


उक्त बातें टिकरापारा सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कर्नाटक के हुबली शहर में बने भगवत गीता ज्ञान लोक में आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात कही। प्रशिक्षण में सभी को गीता श्लोक के सही उच्चारण व अर्थ की बारीकीयां सिखाई गई।
आपने बतलाया कि आज हर मनुष्य के जीवन में कुछ खालीपन है इसका मुख्य कारण है कि भगवान के सत्य स्वरूप के यथार्थ परिचय से हम वंचित हैं।हमारा सीधा संबंध उस ईश्वर से नहीं जुटा है।
दीदी ने बतलाया कि बिलासपुर में भी गीता ज्ञान के माध्यम से सभी का संबंध परमात्मा से जुटाकर लोगों के जीवन में सुख शान्ति लाने की सेवा के विभिन्न आयोजन किये जायेंगे।
इस ट्रेनिंग में ब्र.कु. मंजू दीदी के साथ राजकिशोर नगर की ब्र.कु. गायत्री बहन ने भी हिस्सा लिया।