मंजू दीदी ने अभियंताओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी

बिलासपुर :- उनके सम्मान मे कहा कि यह समाज की प्रगति और विकास के लिए अपनी बुद्धि, श्रम और तकनीकी कौशल का योगदान देते हैं। अभियंता केवल मशीनों, भवनों या पुलों के निर्माता नहीं होते, बल्कि वे वास्तव में भविष्य के शिल्पकार होते हैं।
ब्रह्मा कुमारीज की दृष्टि से देखा जाए तो अभियंता का कार्य केवल बाहरी संरचनाएँ बनाना नहीं है, बल्कि भीतर की आत्मा और समाज का भी निर्माण करना है। जैसे कोई भवन मज़बूत नींव पर टिकता है, वैसे ही हमारे जीवन को भी मज़बूत नींव की आवश्यकता होती है। यह नींव है — शांति, सत्य, पवित्रता और करुणा जैसे आध्यात्मिक मूल्य।
आज विज्ञान और तकनीक निरंतर आगे बढ़ रही है। नई-नई मशीनें बन रही हैं, ऊँचे-ऊँचे भवन खड़े हो रहे हैं, डिजिटल दुनिया का विस्तार हो रहा है। लेकिन यदि चरित्र और आत्मिक शक्ति कमजोर हो, तो यह प्रगति अधूरी रह जाती है। इसलिए आवश्यक है बाहरी दुनिया के निर्माण के साथ अपने भीतर भी दिव्यता और श्रेष्ठता का अभियंत्रण करें।