जबलपुर - प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रेरणा राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान डॉ. देवीदास क. बामणे 'संघर्ष' को प्रदान किया गया। दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जिसकी अपनी राष्ट्रभाषा नहीं है। हमारे राष्ट्रभाषा अभियान व हिंदी प्रचार प्रसार में जो योगदान हिंदी प्रेमियों ने दिया वह ऐतिहासिक है। कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा हो यही कामना है। हम सभी भाषाओं का समान रूप से सम्मान करते हैं। कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने विज्ञप्ति में बताया कि हिंदी अभियान को सशक्त बनाने में डॉ. देवीदास क. बामणे 'संघर्ष' ने अमूल्य योगदान दिया है और विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से हिंदी प्रचार प्रसार कर रहे हैं। डॉ. देवीदास क. बामणे 'संघर्ष ' रायगड महाराष्ट्र के द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार में अमूल्य योगदान हेतु उन्हें प्रदीप मिश्र अजनबी महासचिव दिल्ली, डॉ. लाल सिंह किरार राष्ट्रीय अध्यक्ष अम्बाह मुरैना मध्यप्रदेश, डॉ. सोमनाथ शुक्ल सलाहकार प्रयागराज एवं समस्त पदाधिकारियों व सदस्यों ने धन्यवाद ज्ञापित किया है।