जशपुर : विकास के दावों के बीच भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सरकारी तंत्र की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के बागबहार तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत तरेकेला में सरपंच और सचिव की मिलीभगत से सरकारी खजाने में बड़ी सेंधमारी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
मामला क्या है? – वार्ड क्रमांक 19 के पंच अखिलेश कुमार भगत और ग्रामीण महेश्वर भगत ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि पंचायत में पुरानी विकास परियोजनाओं के नाम पर दोबारा राशि निकाल ली गई है।

- पुरानी सड़क पर नई हेराफेरी : ग्रामीणों का आरोप है कि बसंतपुर में पहले निर्मित एक सीसी रोड को नया दिखाकर करीब 1.71 लाख रुपये की राशि मनोज कुमार खूंटिया नामक ठेकेदार के माध्यम से निकाल ली गई।
- नलकूपों के नाम पर फर्जीवाड़ा : पंचायत में दो पुराने नलकूपों (बोरिंग) की नई खुदाई दिखाकर फर्जी तरीके से पैसे का आहरण किया गया है। इसके लिए पुराने बोरिंग की ही तस्वीरें ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दी गईं ताकि काम को नया साबित किया जा सके।
दबाव और धमकियों का दौर! – पंच अखिलेश कुमार भगत ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाही, तो सरपंच और उप-सरपंच ने उन्हें एक घर में बुलाकर उन पर दबाव बनाने और साथ देने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया।
अधिकारियों की चुप्पी और ग्रामीणों का आक्रोश – ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव से जानकारी मांगी और आवेदन दिया, तो सचिव ने आवेदन पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया। ग्रामीणों के पास भ्रष्टाचार के पुख्ता दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं, जिन पर सरपंच और सचिव दोनों के हस्ताक्षर हैं।
अगला कदम : ग्रामीण अब इस मामले को लेकर एसडीएम (SDM) और कलेक्टर के पास जाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
“हम पंचायत में हो रहे इस खुले भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुराने कामों के फोटो खींचकर सरकारी पैसा निकालना जनता के साथ धोखा है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।” – अखिलेश कुमार भगत, पंच
नोट : ज़ब मामले को लेकर हमने सरपंच -सचिव से बात करनी चाही तो फ़ोन काटना अपने आपमें गंभीर सवाल खड़े करता है…