56वाँ राष्ट्रीय सिंधी भाषा दिवस पर युवा वक्ताओं ने दिया ओजस्वी वक्तव्य।

लेखराज मोटवानी : भारतीय सिंधू सभा छतीसगढ़ द्वारा 56वाँ सिंधी भाषा दिवस का आयोजन सिंधु पैलेस शंकर नगर में किया गया कार्यक्रम का प्रारंभ झूलेलाल साईं की पूजा अर्चना से हुआ प्रदेश अध्यक्ष अशोक नैनवानी ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों का स्वागत किए और बोले पाँच हज़ार वर्ष पुरानी सभ्यता के हम वारिस है जिस पर हमे गर्व है और ये हमारी जवाबदारी है ये बात हमारी हर पीढ़ी को पता रहे सिंधी भाषा दिवस पर श्री लधाराम नैनवानी एवं प्रताप थारवानी ने सिंधी गाने गा कर माहौल को खुशनुमा बना दिये । इस वर्ष सिंधी भाषा दिवस पर तीन सिंधी युवा वक्ताओं को आमंत्रित किया गया जिसमे पूज्य शदाणी दरबार के उदय शदाणी सीए भावना अजवानी एवं सीए सुरक्षा तारवानी ने अपने ओजस्वी भाषण से सदन को मंत्रमुग्द कर दिया सर्वप्रथम सीए सुरक्षा तारवानी ने कहा जब भारत का विभाजन हुआ तब सबसे ज़्यादा तकलीफ़ में थे सिंधी समाज क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने अपनी ज़मीन जायदाद पैसे छोड़कर उस भारत से इस भारत में प्रवेश किया तब उनके पास खाने के भी लाले पड़े हुए थे लेकिन बहुत कम समय में उन्होंने अपने आप को स्थापित किया सिंधी समाज को ज़ीरो से शिखर तक पहुँचाने में सबसे ज़्यादा सहयोगी रही है सिन्धियत ।

सिन्धियत का अर्थ है सिंधी सभ्यता सिंधी ख़ानपान सिंधी पहनावा सिंधी साहित्य सिंधी व्यवहार और सिंधी बोली और यदि हम चाहते है हम सदा व्यवहार ख़ुशल एवं आर्थिक रूप से ख़ुशल रहे तो अपनी सिन्धियत को न भूले और अपने बच्चों तक सिन्धियत पहुँचाए दूसरी वक्ता सीए भावना अजवानी ने सिंधी बोली को जीवित रखने के लिए महिलाओं की जवाबदारी पर ज़्यादा फ़ोकस किया और कहा अगर पुरुष कोई बात सीखता है तो वह उस पुरुष तक सीमित रहती है और यदि महिला कोई बात सीखती है तो वो पूरे जनरेसन को सिखाती है भावना अजवानी ने सभी से अपील की है किं अपने बच्चों की शादी में सोना ज़ेवरात या पैसा दहेज देने के बजाय सिन्धियत दहेज में दे तो बच्चे ज़्यादा अमीर रहेंगे । तीसरे वक्ता पूज्य शदाणी दरबार के श्री उदय शदाणी ने कहा सिंधी बोली हमारी मातृभाषा है जिससे सिन्धियत की ख़ुशबू सदा बिखरती रहती है सिंधी सदा साथ है तो सदा ख़ुश रहेंगे। इस मौक़े पर भारतीय सिंधू सभा युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए चेतन तारवानी भी उपस्थित थे जिन्होंने बताया बच्चों को कुछ सिखाने की ज़रूरत नहीं वो आपके आचरण से सीखते है इसलिये जो संस्कार उन्हें देने है वो पहले अपने आप में धारण करे ऐसे मौक़े पर उन असली हीरो को सम्मानित करना है जिन्होंने सिंधी सिंधीबोली और सिन्धियत के लिए अपना जीवन समर्पित किया है ऐसे असली हीरो को हम लाइफ टाईम अचीवर अवार्ड से सम्मानित करते है नाट्य मंचन के क्षेत्र में श्री जय प्रकाश मसंद भाषा विद् के क्षेत्र में श्री प्रेम तनवाणी तथा सिंधी शिक्षा के क्षेत्र में श्री मुराली लाल नत्थानी जी को लाइफ टाईम अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया कार्यक्रम का संचालन राम खटवानी एवं मुरलीधर शादीजा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन झामन दास बजाज ने दिया ।