सूरजपुर मंडल से बाघिन को बचाया गया, मादा बाघिन को पूर्णतः स्वस्थ्य होने के पश्चात अचानकमार टायगर रिजर्व के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया है।

सूरजपुर : दिनांक 29.04.2023 को प्रातः सूरजपुर वनमण्डल से दिनांक 28.03.2023 को रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को पूर्णतः स्वस्थ्य होने के पश्चात राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की स्थापित मानक प्रचालन प्रक्रिया के तहत अचानकमार टायगर रिजर्व के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया है।

उल्लेखनीय है कि अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघों की जनसंख्या में वृद्धि किये जाने हेतु निकटस्थ राज्य मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के टायगर रिजर्व से 2 मादा एवं 1 नर व्याघ्रों को लाने की प्रक्रिया चल रही है, इस बीच सूरजपुर वनमण्डल से रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को अचानकमार टायगर रिजर्व में छोड़ा जाना एक सुखद संयोग है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्यप्राणी) के मार्गदर्शन में आज मानक प्रचालन प्रक्रिया अनुसार दिनांक 28.04.2023 को वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया गया एवं तत्पश्चात मादा बाघिन को उचित रहवास में सफलतापूर्वक छोड़ दिया गया ।

प्राकृतिक रहवास में मुक्त किये जाने के पश्चात आगामी एक माह तक मादा बाघिन के मूवमेंट का पता लगाने के लिए उपयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है। इस हेतु मैदानी अमले को पन्ना टायगर रिजर्व में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के दो रिसर्च स्कॉलर एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम भी विशेष रूप से तैनात की गई है। प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने के पूर्व क्षेत्र के ग्रामवासियों से भी चर्चा कर विश्वास में लिया गया है। इस मादा बाघिन के अचानकमार में स्थापित होने से अचानकमार में बाघों की संख्या में वृद्धि होने के लिए विभाग आशान्वित है।